हरदा। भविष्य में जिले के शिक्षकों एवं प्रधान पाठकों के साथ जिला स्तर
पर एक ही दिन में बिना मेरी अनुमति के नहीं बुलाया जाए। यह निर्देश जिला
पंचायत मुख्य कार्यपालन अधिकारी षणमुख प्रिया मिश्रा ने जिला शिक्षा
अधिकारी को दिए हैं।
दरअसल शिक्षा विभाग द्वारा ही आने वाले 1 सप्ताह में कई अति आवश्यक गतिविधियां व कार्य संचालित किए जाने हैं और इसी बीच जिला शिक्षा अधिकारी भावना दुबे द्वारा 29 और 30 अगस्त को स्काउट गाइड की बैठक/गोष्टी का आयोजन कर दिया गया। जिला सीईओ द्वारा जारी किये गए निर्देश में आज और कल होने वाली प्रस्तावित स्काउट गाइड की बैठक/ गोष्टी को तत्काल प्रभाव से निरस्त करने का आदेश दिया गया है। पत्र में लिखा है कि राज्य शिक्षा केंद्र भोपाल के निर्देशानुसार 29, 30 और 31 अगस्त में जिले की सभी प्राथमिक-माध्यमिक शालाओं के बधाों की मूलभूत दक्षता का अंतिम मूल्यांकन कार्य किया जाना है। साथ ही 1, 2 व 3 सितंबर को किए गए मूल्यांकन के सत्यापन का कार्य किया जाएगा। जिसके आधार पर 13 से 17 सितंबर तक जिले की 33 प्रतिशत शालाओं में वह मूल्यांकन का कार्य प्रतिभा पर्व की तरह किया जाना है। इसलिए जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा जारी पत्र क्रमांक 3236, 37, 38 और 39 को तत्काल प्रभाव से निरस्त किया जाने के निर्देश दिये गए है। डीईओ द्वारा पूर्व में जारी किये गए पत्रों में संस्था प्राचार्य को स्काउट गाइड की बैठक/संगोष्ठी एवं सेल्फ लर्निंग मॉड्यूलर प्रशिक्षण के लिए 29 व 30 अगस्त को बुलाया गया था। जिला सीईओ ने निर्देश दिए हैं कि 29 अगस्त से 3 सितंबर तक किसी भी शिक्षक या प्रधान पाठक का न तो अवकाश स्वीकृत किया जाना है और न ही किसी प्रकार की बैठक में बुलाया जाए। साथ ही उन्होंने निर्देशित किया है कि भविष्य में जिले के शिक्षकों एवं प्रधान पाठकों को एक साथ जिला स्तर पर एक ही दिन में बिना उनकी अनुमति से न बुलाया जाए।
---------------------
बॉटम खबर...........
चालीहा महोत्सव : 40 दिनों तक सिंधी कॉलोनी में भगवान झूलेलाल की आराधना से घुली रही भक्ति
हैडिंग : शहर में निकाली झूलेलाल की शोभायात्रा, हुआ भण्डारे का आयोजन
सबहैडिंग : अजनाल नदी के विसर्जित किये दीप
फोटो 09 हरदा। चालीहा महोत्सव के समापन पर निकाली गई भगवान झूलेलाल की शोभायात्रा।
हरदा। नवदुनिया न्यूज
चालाही महोत्सव के दौरान 40 दिनों तक सिंधी कालोनी में भगवान झूलेलाल की आराधना से भक्ति घुली रही। 17 जुलाई से आयोजित चालीहा महोत्सव का समापन सिंधी समाज द्वारा रविवार (28 अगस्त) को किया गया। बीते दिनों हुई बारिश के कारण समाज ने समापन कार्यक्रम सिंधी कालोनी में न रखकर धर्मशाला में आयोजित किया। सुबह झूलेलाल की आरती के बाद प्रसाद का वितरण किया। इसके बाद भण्डारे का आयोजन मुख्य मार्ग पर स्थित सिंधी धर्मशाला में किया गया। शाम को समाज द्वारा भगवान झूलेलाल की शोभायात्रा निकाली गई। महोत्सव के दौरान 40 दिन तक मंदिर में अखंड ज्योत प्रज्जावलित रही। श्रद्घालुओं ने भक्ति -भाव से भगवान झूलेलाल की आराधना कर 40 दिन, नौ दिन व पांच दिन का व्रत रखा। व्रत करने वाले श्रद्घालु चालीहा महोत्सव के अंतिम दिन 40, नौ और पांच दीप जलाकर अजनाल नदी में विसर्जित किया और मनोकामनाएं मांगी।
65 भक्त 40 दिन तक रहे नंगे पैर
सिंधी समाज के अध्यक्ष वासुदेव पेसवानी ने बताया कि इस साल 50 महिलाओं और 15 पुरूषों ने चालीहा व्रत रखा। व्रत रखने वाले श्रद्घालुओं ने 40 दिन तक सादा भोजन किया। खाने में लहसुन, अदरक, प्याज का उपयोग नहीं किया। यहां तक कि इन 40 दिनों तक नंगे पैर से चले। तेल-साबुन का इस्तेमाल भी नहीं किया। एक समय फलाहार कर सिर्फ पानी पीया। उन्होने बताया कि 40 दिन तक चलने वाले महोत्सव के लिए झूलेलाल मंदिर को विशेष रूप से सजाया गया।
सिंधी समाज का गौरवशाली पर्व चालीहा महोत्सव
समाज से जुड़ें लोगों के बताया कि चालीहा महोत्सव सिंधी समाज का गौरवशाली पर्व है। माना जाता है कि 40 दिन तक अखंड ज्योत का पूजन करने से मनचाही सौगात मिलती है। भगवान झूलेलाल की पूजा जल एवं ज्योत के रूप में की जाती है। यह व्रत कठिन है। अखंड ज्योत की पूजा करने से सुख-समृद्घि मिलती है। पूरे महोत्सव में विशेष हवन, पूजन व अन्य अनुष्ठान आयोजित किये गए।
Sponsored link :
सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC
दरअसल शिक्षा विभाग द्वारा ही आने वाले 1 सप्ताह में कई अति आवश्यक गतिविधियां व कार्य संचालित किए जाने हैं और इसी बीच जिला शिक्षा अधिकारी भावना दुबे द्वारा 29 और 30 अगस्त को स्काउट गाइड की बैठक/गोष्टी का आयोजन कर दिया गया। जिला सीईओ द्वारा जारी किये गए निर्देश में आज और कल होने वाली प्रस्तावित स्काउट गाइड की बैठक/ गोष्टी को तत्काल प्रभाव से निरस्त करने का आदेश दिया गया है। पत्र में लिखा है कि राज्य शिक्षा केंद्र भोपाल के निर्देशानुसार 29, 30 और 31 अगस्त में जिले की सभी प्राथमिक-माध्यमिक शालाओं के बधाों की मूलभूत दक्षता का अंतिम मूल्यांकन कार्य किया जाना है। साथ ही 1, 2 व 3 सितंबर को किए गए मूल्यांकन के सत्यापन का कार्य किया जाएगा। जिसके आधार पर 13 से 17 सितंबर तक जिले की 33 प्रतिशत शालाओं में वह मूल्यांकन का कार्य प्रतिभा पर्व की तरह किया जाना है। इसलिए जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा जारी पत्र क्रमांक 3236, 37, 38 और 39 को तत्काल प्रभाव से निरस्त किया जाने के निर्देश दिये गए है। डीईओ द्वारा पूर्व में जारी किये गए पत्रों में संस्था प्राचार्य को स्काउट गाइड की बैठक/संगोष्ठी एवं सेल्फ लर्निंग मॉड्यूलर प्रशिक्षण के लिए 29 व 30 अगस्त को बुलाया गया था। जिला सीईओ ने निर्देश दिए हैं कि 29 अगस्त से 3 सितंबर तक किसी भी शिक्षक या प्रधान पाठक का न तो अवकाश स्वीकृत किया जाना है और न ही किसी प्रकार की बैठक में बुलाया जाए। साथ ही उन्होंने निर्देशित किया है कि भविष्य में जिले के शिक्षकों एवं प्रधान पाठकों को एक साथ जिला स्तर पर एक ही दिन में बिना उनकी अनुमति से न बुलाया जाए।
---------------------
बॉटम खबर...........
चालीहा महोत्सव : 40 दिनों तक सिंधी कॉलोनी में भगवान झूलेलाल की आराधना से घुली रही भक्ति
हैडिंग : शहर में निकाली झूलेलाल की शोभायात्रा, हुआ भण्डारे का आयोजन
सबहैडिंग : अजनाल नदी के विसर्जित किये दीप
फोटो 09 हरदा। चालीहा महोत्सव के समापन पर निकाली गई भगवान झूलेलाल की शोभायात्रा।
हरदा। नवदुनिया न्यूज
चालाही महोत्सव के दौरान 40 दिनों तक सिंधी कालोनी में भगवान झूलेलाल की आराधना से भक्ति घुली रही। 17 जुलाई से आयोजित चालीहा महोत्सव का समापन सिंधी समाज द्वारा रविवार (28 अगस्त) को किया गया। बीते दिनों हुई बारिश के कारण समाज ने समापन कार्यक्रम सिंधी कालोनी में न रखकर धर्मशाला में आयोजित किया। सुबह झूलेलाल की आरती के बाद प्रसाद का वितरण किया। इसके बाद भण्डारे का आयोजन मुख्य मार्ग पर स्थित सिंधी धर्मशाला में किया गया। शाम को समाज द्वारा भगवान झूलेलाल की शोभायात्रा निकाली गई। महोत्सव के दौरान 40 दिन तक मंदिर में अखंड ज्योत प्रज्जावलित रही। श्रद्घालुओं ने भक्ति -भाव से भगवान झूलेलाल की आराधना कर 40 दिन, नौ दिन व पांच दिन का व्रत रखा। व्रत करने वाले श्रद्घालु चालीहा महोत्सव के अंतिम दिन 40, नौ और पांच दीप जलाकर अजनाल नदी में विसर्जित किया और मनोकामनाएं मांगी।
65 भक्त 40 दिन तक रहे नंगे पैर
सिंधी समाज के अध्यक्ष वासुदेव पेसवानी ने बताया कि इस साल 50 महिलाओं और 15 पुरूषों ने चालीहा व्रत रखा। व्रत रखने वाले श्रद्घालुओं ने 40 दिन तक सादा भोजन किया। खाने में लहसुन, अदरक, प्याज का उपयोग नहीं किया। यहां तक कि इन 40 दिनों तक नंगे पैर से चले। तेल-साबुन का इस्तेमाल भी नहीं किया। एक समय फलाहार कर सिर्फ पानी पीया। उन्होने बताया कि 40 दिन तक चलने वाले महोत्सव के लिए झूलेलाल मंदिर को विशेष रूप से सजाया गया।
सिंधी समाज का गौरवशाली पर्व चालीहा महोत्सव
समाज से जुड़ें लोगों के बताया कि चालीहा महोत्सव सिंधी समाज का गौरवशाली पर्व है। माना जाता है कि 40 दिन तक अखंड ज्योत का पूजन करने से मनचाही सौगात मिलती है। भगवान झूलेलाल की पूजा जल एवं ज्योत के रूप में की जाती है। यह व्रत कठिन है। अखंड ज्योत की पूजा करने से सुख-समृद्घि मिलती है। पूरे महोत्सव में विशेष हवन, पूजन व अन्य अनुष्ठान आयोजित किये गए।
Sponsored link :
सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC