पहले चरण की कॉपियां जांचने में इंदौर पिछड़ा, 30 मार्च तक जंचना थी 1.02 लाख, जंची 70 हजार , दूसरे चरण की 1.70 लाख कॉपियां भी पहुंचीं
इंदौर। दसवीं-बारहवीं की परीक्षाएं खत्म होने के बाद बोर्ड ने सभी मूल्यांकन केंद्रों को कॉपी जांचने में तेजी लाने को कहा है, ताकि मई के पहले सप्ताह में रिजल्ट घोषित किया जा सके।
दसवीं में प्रदेशभर से करीब 12.30 लाख और 12वीं में 7.15 लाख विद्यार्थियों ने परीक्षा दी है।
कापियां जांचने में इंदौर का मूल्यांकन केंद्र पिछड़ गया है। पहले चरण में 30 मार्च तक करीब 1.02 लाख कॉपियां जांचने का लक्ष्य रखा गया था, लेकन सोमवार तक 70 हजार ही जंच सकीं। वहीं दूसरे चरण की 1.70 लाख कॉपियां भी केंद्र पर पहुंच गई हैं। दूसरा चरण भी शुरू हो गया है, जो 20 अप्रैल तक चलेगा।
पांच सौ शिक्षक जांच रहे कॉपियां
मूल्यांकन केंद्र प्रभारी शोभा शुक्ला ने बताया कि पहले चरण की सभी कॉपियां एक या दो दिन में जंच जाएंगी। बोर्ड और लोकल स्तर की परीक्षाओं के कारण पहले शिक्षकों की कमी थी, लेकिन अब 500 शिक्षक कॉपियां जांच रहे हैं। दूसरा चरण तय समय में पूरा कर लिया जाएगा।
कम है मानदेय, फिर भी काटना पड़ते हैं चक्कर
मूल्यांकन में लगे शिक्षकों का कहना है कि कॉपी जांचने के लिए बोर्ड जो मानदेय दे रहा है, वह बेहद कम है। यह राशि भी लेने के लिए बोर्ड के चक्कर काटना पड़ते हैं। हालांकि मूल्यांकन कार्य को अनिवार्य सेवा में शामिल किया गया है। बोर्ड सचिव ने प्रदेशभर के शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि जिन लोगों का पंजीयन मूल्यांकन के लिए किया गया है और वे नहीं आ रहे हैं तो उन्हें पहले नोटिस दिया जाएगा, इसके बाद उन पर कार्रवाई की जाएगी।
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