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217 स्कूलों पर ताले लगने की आशंका 450 शिक्षक हो सकते हैं इधर से उधर

मंदसौर। जिले में अब 217 शासकीय प्राथमिक विद्यालयों पर ताले लगने की आशंका बढ़ गई है। ये सभी स्कूल शासन के मापदंडों को ही पूरा नहीं कर पा रहे हैं। इन सभी स्कूलों में छात्र संख्या 20 से ऊपर नहीं पहुंच पा रही है, जबकि सभी स्कूलों में 2-3 तक शिक्षक भी पदस्थ हैं। शासन ने इन सभी स्कूलों की जानकारी मांगी है। अगर ऐसा होता है इन स्कूलों में पदस्थ लगभग 450 शिक्षकों को भी दूसरे स्कूलों में भेजा जाएगा।

जिले के 1299 प्राथमिक विद्यालय में से 217 स्कूल ऐसे हैं, जहां छात्र संख्या 20 से ऊपर नहीं पहुंच रही। जिले के हायर सेकंडरी और हाईस्कूल जहां शिक्षकों की कमी से जूझ रहे हैं, वहीं अधिकांश प्राथमिक विद्यालय में जरूरत से ज्यादा शिक्षक पदस्थ हैं। 'स्कूल चलें अभियान' जैसे कार्यक्रम चलाकर शासन की मंशा है कि अधिक से अधिक बच्चों को स्कूल तक लाया जा सके। तीन साल पहले प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालयों में छात्र संख्या 1.27 लाख थी। छात्र संख्या बढ़ने की उम्मीद से शिक्षकों की नियुक्ति की गई। लेकिन संख्या बढ़ने की बजाय घटकर 1.05 लाख पहुंच गई। प्राथमिक विद्यालय में बच्चे कम होने के बाद भी शिक्षक वहीं पर पदस्थ है। इस बार शासन ने छात्र संख्या कम होने वाले स्कूलों के संबंध में जानकारी मंगवाई है। इससे यह माना जा रहा है कि 20 से कम छात्र संख्या वाले स्कूलों को अगले सत्र से बंद किया जा सकता है।
दस से भी कम बच्चों
पर एक शिक्षक
प्राथमिक विद्यालय में न्यूनतम दो शिक्षक होना अनिवार्य हैं। 60 से अधिक बच्चे होने पर शिक्षकों की संख्या बढ़कर 3 हो सकती है। 217 स्कूल ऐसे हैं, जहां 20 से कम बच्चे हैं। इनमें 450 शिक्षक कार्यरत हैं। मतलब 10 से भी कम बच्चों पर एक शिक्षक पदस्थ है। शहर में बसेर कॉलोनी प्राथमिक विद्यालय और इंदिरा नगर प्राथमिक विद्यालय सहित ग्रामीण क्षेत्रों में मौजूद इस तरह के स्कूलों में अधिकांश दिन बच्चे स्कूल पहुंचते ही नहीं हैं। प्रतिभा पर्व और हाथ धुलाई दिवस जैसे कार्यक्रमों में भी प्रयास के बाद इन स्कूलों में 15 से अधिक बच्चों को स्कूल नहीं लाया जा सका।
सिर्फ छह स्कूलों में
100 से ज्यादा बच्चे
1299 स्कूलों में 3200 शिक्षक पदस्थ हैं अर्थात हर स्कूल में दो-तीन शिक्षक मौजूद हैं। जिले के प्राथमिक विद्यालयों में महज 60 हजार बच्चे हैं। औसतन 18 बच्चों पर एक शिक्षक कार्यरत है। सिर्फ छह स्कूल ऐसे हैं जहां 100 या इससे अधिक बच्चे हैं। सिर्फ 6 स्कूलों में ही 3 शिक्षक रखने की पात्रता है। 933 स्कूल ऐसे हैं, जहां छात्र संख्या 60 से भी कम है।
कागजों में चल रहे स्कूल
शासकीय प्राथमिक विद्यालय हनुमंतिया, स्टेशन रोड प्राथमिक विद्यालय गरोठ, प्राथमिक विद्यालय करेलिया और मंदसौर स्थित संस्कृत शाला स्कूल में एक भी बच्चा नहीं है। स्थानीय स्तर पर इन स्कूलों को बंद नहीं किया जा सकता। इस बार शिक्षकों का अन्य स्कूलों में स्थानांतरण करने की कार्रवाई की गई है। इनका प्रस्ताव बनाकर भी शासन को भेज दिया गया है। जिसमें वस्तुस्थिति से अवगत कराया गया है।
जानकारी मांगी है
शासन ने 20 से कम छात्र संख्या वाले स्कूलों की जानकारी मांगी है। जिले में ऐसे 217 स्कूल हैं। शासन को रिपोर्ट भेज दी जाएगी। इसके बाद आगे की कार्रवाई भोपाल से ही होगी। स्थानीय स्तर पर कुछ नहीं कहा जा सकता।
-अनिल भट्ट
परियोजना समन्वयक
जिला शिक्षा केंद्र, मंदसौर

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