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दोनों हेडमास्टर सस्पेंड कर दिए, अब चार्ज लेने कोई तैयार नहीं

भास्कर संवाददाता। तेंदूखेड़ा मानव अधिकार आयोग के डीएसपी आरएस पतरोलिया बुधवार को दोबारा ग्राम खमरियां पहुंचे। उन्होंने पीड़ित परिवार से चर्चा की और इसके बाद दमोह के लिए रवाना हो गए। इधर स्कूल में हेडमास्टर सस्पेंड होने के बाद कोई दूसरा शिक्षक चार्ज लेने को तैयार नहीं है, जिनकी ड्यूटी लगाई गई थी, वे मेडीकल अवकाश लेकर चले गए हैं।
गौरतलब है कि 8 मार्च को ग्राम खमरिया में दलित छात्र की पानी की बावड़ी में डूबकर मौत हो गई थी। परिजनों ने स्कूल प्रबंधन पर छुआछूत का आरोप लगाया था। जिला पंचायत सीईओ एवं जनपद सीईओ ने तीन शिक्षकों को तत्काल निलंबित कर दिया था। साथ ही दो संविदा शिक्षकों की संविदा समाप्त करने के नोटिस जारी किए थे। कोई भी शिक्षक नहींं जाना चाहता: शिक्षकों को निलंबित किए जाने के बाद कोई भी शिक्षक खमरिया ग्राम के प्राइमरी स्कूल तथा मिडिल स्कूल में पढ़ाने जाने से कतरा रहे हैं। सभी शिक्षक दबी जुबान से कह रहे हैं कि ऐसे स्कूल में नही जाएंगे जहां पर जबरजस्ती छुआछूत के मामले में फंसाए जाने का प्रयास किया जा रहा है। साथ ही निर्दोष शिक्षकों को निलंबित कर दिया गया है। बीईओ ने जिन शिक्षकों को खमरियां ग्राम के दोनों स्कूलो का प्रभार देने के आदेश किए हैं वो शिक्षक मेडीकल अवकाश पर चला गया है। पहले भी ग्राम वासियों ने दलितों का राशन पानी बंद कर दिया था: अहिरवार समाज के जिला अध्यक्ष बीडी बावरा, अजाक्स संघ के जिला अध्यक्ष प्रताप रोहित सहित संघ के अन्य पदाधिकारी एसएल अहिरवार, एलपी चौधरी, मोहन आदर्श बुधवार को खमरिया ग्राम में पीड़ित परिवार के घर पहुंचे। सभी ने कहा कि समस्त जांच अधिकारी अपनी जांच में मात्र साधारण घटना को मानकर मामले को दबाया जा रहा है। जबकि दलित जातिगत भेदभाव के कारण ही बालक की मौत हुई है। प्रशासन से मांग है कि दोषियों पर कार्रवाई हो साथ पीड़ित परिवार को शासन 10 लाख रूपए बतौर मुआवजा राशि प्रदान करे। बीडी बावरा ने कहा कि इसके पहले भी इसी ग्राम में दलितों के साथ वर्ष 2003 में ग्रामवासियों के द्वारा छुआछूत का व्यवहार किया था। ग्रामवासियों ने दलित समाज का चक्की पर आटा पीसना बंद कर दिया था, हैंडपंप, कुआं से पानी लेना बंद कर दिया था, किराना दुकानदारों ने राशन बेचना बंद कर दिया था, यहां तक कि आम रास्तों पर चलना बंद करा दिया था। जिसकी शिकायत 7 मई 2003 को तत्काल के शिक्षामंत्री स्व. र|ेश सालोमन एवं थाना प्रभारी से की थी। उन्होंने स्वयं जाकर तत्कालीन कलेक्टर, एसपी से बात कर डीएसपी के साथ ग्राम आए थे। स्कूल में ग्राम वासियों के साथ स्कूल में बैठकर समरसता तथा पूरे मामले में चर्चा कर मामले को निपटाया था। 

शिक्षा विभाग 
तेंदूखेड़ा। अहिरवार समाज व अजाक्स संघ के पदाधिकारियों ने खमरिया गांव पहुंचकर पीड़ित परिवार से चर्चा की। 

कई भी शिक्षक खमरिया नहीं जाना चाहता 
मैने फोन पर शिक्षक काशीराम अहिरवार, हलकू राम अहिरवार एवं सुदीप जैन से खमरिया ग्राम के स्कूल जाने की बात की थी। लेकिन तीनों शिक्षकों ने स्कूल जाने से मना कर दिया था। आशीष जैन को आदेश किया था, लेकिन वे मेडीकल लेकर चले गए हैं। कोई भी शिक्षक खमरिया ग्राम नहीं जाना चाहता है। एनएस राजपूत, बीआरसी व प्रभारी बीईओ 

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