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Madhya Pradesh News: पीएम मोदी तक अपनी व्यथा पहुंचाने के लिए 18000 चयनित शिक्षक 15 नवंबर को करेंगे भूख हड़ताल

 भोपाल, नवदुनिया प्रतिनिधि। वर्ष 2018 से प्रदेश के सरकारी स्कूलों में 40 हजार पदों के लिए शिक्षक भर्ती प्रक्रिया शुरू हुई थी, लेकिन अब तक प्रक्रिया पूरी नहीं की गई। मध्य प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा दो विभागों (स्कूल शिक्षा विभाग और जनजातीय कार्य विभाग) में शिक्षकों के पद भरने के लिए आयोजित की गई थी, जिसमें स्कूल शिक्षा विभाग के 20679 पदों और ट्राइबल स्कूल के 7924 पदों पर भर्तियां होनी थीं। लेकिन करीब 15 हजार पद ही स्वीकृत नहीं किए गए। मप्र शासन के इस रवैये से नाखुश 18 हजार चयनित शिक्षक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपनी व्यथा बताने के लिए 15 नवंबर को परिवार के साथ घर पर ही एक दिन की भूख हड़ताल करेंगे और शासन को ज्ञापन सौपेंगे।

मध्यप्रदेश में 1.25 लाख अतिथि शिक्षक थे 25000 बचे, जबकि 1 लाख शिक्षक भर्ती नहीं हुई - MP NEWS

 भोपाल। आंकड़े बताते हैं कि आबादी हर रोज बढ़ रही है। नए बच्चों का जन्म हो रहा है और मध्य प्रदेश की शिशु मृत्यु दर लगातार कम होती जा रही है। यानी बच्चों के लिए नए स्कूल और शिक्षकों की जरूरत बढ़ती जा रही है। मध्य प्रदेश के सरकारी स्कूलों में सन 2008-09 में 1.25 लाख अतिथि शिक्षक थे। 2021 में 25000 भी नहीं बचे। इस हिसाब से कम से कम 100000 नियमित शिक्षकों की भर्ती होनी चाहिए थी। वह भी नहीं हुई। फिर अतिथि शिक्षक कैसे कम हुए। सन 2008 में घोटाला हुआ था या अब कोई साजिश हो गई।

Madhya Pradesh News: प्रदेशभर में स्कूलों-कोचिंग सेंटरों का होगा फायर एंड सेफ्टी आडिट

 Madhya Pradesh News: भोपाल (राज्य ब्यूरो)। हमीदिया अस्पताल के शिशु वार्ड में लगी आग की घटना के बाद अब स्कूल शिक्षा विभाग को भी बच्‍चों की सुरक्षा की फिक्र हुई है। इस मामले में त्‍वरित कदम उठाते हुए स्‍कूल शिक्षा

MP TRIBAL शिक्षक भर्ती- पढ़िए जॉइनिंग आर्डर कब जारी होंगे

 भोपाल। मध्यप्रदेश में शिक्षक भर्ती प्रक्रिया बीरबल की खिचड़ी हो गई। 2018 के विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने हांडी चढ़ाई थी। कहा था कि हर साल पात्रता परीक्षा होगी लेकिन 2018 में घोषित 30,000 रिक्त पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया आज तक पूरी नहीं हो पाई है। शिक्षा विभाग ने आधे से ज्यादा शिक्षकों की जॉइनिंग करा दी है लेकिन आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा कोई लिस्ट जारी नहीं हो पाई है।

MPTET verg -3 Syllabus- मध्य प्रदेश प्राथमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा 2020 का पाठ्यक्रम

 प्राथमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा के पाठ्यक्रम के अंतर्गत पांच विषय निर्धारित हैं। जिनमें बाल विकास एवं शिक्षाशास्त्र, भाषा प्रथम, भाषा द्वितीय, गणित और पर्यावरण अध्ययन शामिल  है। Child development and pedagogy (CDP) language 1, language 2, mathematics and Environmental study. 

मध्य प्रदेश शिक्षक भर्ती- OBC आरक्षण पर HC ने अवमानना का नोटिस जारी किया

 भोपाल। मध्य प्रदेश के उच्च न्यायालय ने स्कूल शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव एसआर उमाशंकर, सामान्य प्रशासन विभाग के सचिव डॉ इंदिरा मिश्रा, लोक शिक्षण संचालनालय के आयुक्त अभय वर्मा और प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड के चेयरमैन केके सिंह को अवमानना का नोटिस जारी करके 5 दिन के भीतर कोर्ट में हाजिर होने के लिए कहां है। 

अतिथि शिक्षक भोपाल आकर प्रदर्शन करेंगे, तारीख घोषित - MP karmchari samachar

 भोपाल। सत्ता परिवर्तन के महानायक केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया जी अतिथि शिक्षकों के मुद्दे पर सड़कों पर उतरे थे और अतिथि शिक्षकों को न्याय दिलाने की बात कही थी। सरकार बदल गई लेकिन अतिथि शिक्षकों की हालत नहीं बदली। अतिथि शिक्षक सरकार की गलत नीतियों की वजह से बेरोजगार हो गए हैं। 

CM Rise School in MP: न शिक्षक मिले न सुविधाएं, अगले सत्र में ही अब शुरू हो पाएंगे सीएम राइज स्कूल

 CM Rise School in MP: भोपाल (राज्य ब्यूरो)। राज्य सरकार के सबसे बेहतर और सर्व सुविधायुक्त सीएम राइज स्कूलों में अंग्रेजी माध्यम से पढ़ने एवं केजी-नर्सरी कक्षाओं में दाखिले का सपना देख रहे विद्यार्थियों को अभी इंतजार करना पड़ेगा। स्कूल शिक्षा विभाग ने 350 स्कूलों का चयन तो कर लिया है, पर बताई गई सुविधाओं के

MP Teacher Recruitment 2021: स्कूल शिक्षा विभाग का बड़ा तोहफा! शिक्षकों को मिलेगा लाभ

 भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश में स्कूल शिक्षा विभाग (School Education Department) में सरकारी स्कूल में शिक्षक बनने का सपना देख रहे उम्मीदवारों को बड़ी राहत दी है। दरअसल शिक्षक नियुक्ति (MP Teacher Recruitment 2021) के लिए इंतजार कर रहे हजारों उम्मीदवारों का इंतजार खत्म हो गया है। स्कूल शिक्षा विभाग ने सत्यापन के बाद शिक्षकों की अंतिम सूची जारी कर दी है।

हाईकोर्ट ने शिक्षकों की वेतन विसंगति दूर करने प्रमुख सचिव पंचायत को कहा - MP KARMCHARI NEWS

 जबलपुर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने शिक्षकों की वेतन विसंगति दूर करने के लिए प्रमुख सचिव, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग को निर्देश जारी किए है। कहा है कि 90 दिन के भीतर कार्यवाही करें।

MP NEWS- 18 हजार चयनित शिक्षकों को नियुक्ति कब मिलेगी

 भोपाल। मध्य प्रदेश लोकसभा एवं विधानसभा उपचुनाव के दबाव में सरकार ने 30000 में से 12000 चयनित शिक्षकों के नियुक्ति आदेश जारी कर दी है परंतु 18000 उम्मीदवारों की नियुक्ति रोक ली गई। कहा गया है कि आचार संहिता के कारण प्रक्रिया को रोका गया। यह बताने की स्थिति में कोई नहीं है कि चुनाव परिणाम आने की कितने दिन के

पांच विषयों के चयनित शिक्षकाें ने विभाग से 13 फीसद अभ्यर्थियों की सूची जारी करने की मांग की

 भोपाल (नवदुनिया प्रतिनिधि)। शिक्षक पात्रता परीक्षा पास चयनित अभ्यर्थियों का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है। ओबीसी चयनित संघ की ओर से सोमवार को लोक शिक्षण संचालनालय(डीपीआइ) के सामने उच्च माध्यमिक

MP के अतिथि शिक्षकों के लिए राहत भरी खबर, मानदेय भुगतान के आदेश जारी

 भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। दिवाली (Diwali) से पहले शिवराज सरकार (shivraj government) ने मध्य प्रदेश (MP) के शिक्षकों (guest teacher) को बड़ा तोहफा दिया है। मध्य प्रदेश के सरकारी स्कूल (Government school) में सेवा दे रहे अतिथि विद्वानों को वेतन  (salary) का भुगतान किया जाएगा। इसके लिए आदेश जारी कर दिए गए हैं। अब दिवाली से पहले सभी अतिथि शिक्षकों को वेतन उपलब्ध कराए जाएंगे।

प्रारंभिक शिक्षा के मूल ढांचे में सुधार की जरूरत

 आज विभाग के पास प्राथमिक पाठशालाओं में बीएड, एमएड, एम. फिल व पीएचडी अध्यापक भी हैं, जिनके पास प्राथमिक कक्षाओं में पढ़ाने का अनुभव भी है। उन्हें जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों में नए अध्यापकों को तैयार करने के लिए नियुक्त किया जा सकता है। प्रत्येक पाठशाला में कक्षावार अध्यापक होने के साथ-साथ नर्सरी कक्षाओं के बच्चों के लिए नर्सरी अध्यापकों की नियुक्ति करनी चाहिए…

शिक्षा के अधिकार कानून की हकीकत

 शिक्षा किसी भी सभ्य समाज की मूलभूत आवश्यकता है। दूसरे शब्दों में हम कह सकते हैं कि शिक्षा से समाज को सभ्य बनाया जा सकता है। शिक्षा समाज के विकास, आर्थिक उन्नति और सार्वभौमिक सम्मान के लिए एक आवश्यक घटक है। हर नागरिक का यह मौलिक अधिकार होना चाहिए कि उसे जीने के अधिकार के रूप में शिक्षा का अधिकार भी हासिल हो।

स्कूली शिक्षा से जुड़ी सरकारी योजनाएं: माता-पिता के लिए आवश्यक जानकारी

 आर्थिक, राजनीतिक और सामाजिक परिवर्तन के लिए शिक्षा बहुत ही महत्वपूर्ण है। इक्कीसवीं सदी में समाज के समग्र विकास के लिए एक ऐसी आबादी की आवश्यकता है जो अच्छी तरह से शिक्षित और कौशल, दृष्टिकोण और ज्ञान से सुसज्जित हो। न्यायपूर्ण और समतावादी समाज बनाने में, शिक्षा की प्रमुख भूमिका होती है।

भारत में शिक्षा का विकास

  किसी भी देश के आर्थिक विकास में शिक्षा एक बहुत महत्वपूर्ण कारक है। स्वतंत्रता के शुरुआती दिनों से भारत ने हमेशा हमारे देश में साक्षरता दर में सुधार लाने पर ध्यान केंद्रित किया है। आज भी सरकार भारत में प्राथमिक और उच्च शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए कई कार्यक्रम चलाती है।

विद्यालय शिक्षा को गुणात्मक बनाना

  चर्चा में क्यों?

केंद्रीय सरकार सर्वशिक्षा अभियान (एसएसए) तथा राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान (आरएमएसए) की केंद्र द्वारा प्रायोजित योजनाओं के माध्यम से कई स्तरों पर अध्यापकों के नियमित सेवाकालीन प्रशिक्षण, नए भर्ती अध्यापकों के लिये प्रवेश प्रशिक्षण, आईसीटी कोम्पोनेंट पर प्रशिक्षण, विस्तृत शिक्षा, लैंगिक संवेदनशीलता, तथा किशोरावस्था शिक्षा सहित गुणवत्ता सुधार के लिये राज्यों तथा संघ शासित प्रदेशों की मदद करती है।

भारत में शिक्षा गुणवत्ता: चुनौतियाँ और समाधान

  देश में जब शिक्षा का अधिकार अधिनियम लागू हुआ तो 6 से 14 वर्ष के बच्चों के लिये यह मौलिक अधिकार बन गया। इसके अलावा शिक्षा क्षेत्र में सुधार लाने के लिये केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा विभिन्न योजनाएँ और कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। इसके बावजूद शिक्षा के क्षेत्र में चुनौतियों का अंबार लगा है तथा ऐसे उपायों की तलाश लगातार जारी रहती है, जिनसे इस क्षेत्र में क्रांतिकारी परिवर्तन लाए जा सकें। मानव संसाधन के विकास का मूल शिक्षा है जो देश के सामाजिक-आर्थिक तंत्र के संतुलन में एक महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

OBC आरक्षण पर फैसले के लिए राज्य सरकार स्वतंत्र, संसद में विधेयक पारित - reservation news

 नई दिल्ली। भारत की संसद के सदन लोकसभा में संविधान (127वां संशोधन) विधेयक 2021 पारित कर दिया गया। इस संशोधन के बाद भारत की राज्य सरकार एवं केंद्र शासित प्रदेश अपने क्षेत्राधिकार में OBC- अन्य पिछड़ा वर्ग को आरक्षण देने के लिए एवं सूची तैयार करने के लिए स्वतंत्र हो गए।

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