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जीवाजी यूनिवर्सिटी में शिक्षकों की कमी छात्रों की पढ़ाई में बाधा

जीवाजी यूनिवर्सिटी में शिक्षकों की कमी छात्रों की पढ़ाई में बाधा बन रही है। वहीं कॉलेजों में अनियमित कक्षाओं की वजह से यूजी कोर्सों का सिलेबस पूरा नहीं हो पा रहा है। इसकी वजह से छात्र परेशान हैं। साइंस कॉलेज में अनियमित कक्षाओं की शिकायत छात्र कर चुके हैं, वहीं अन्य कॉलेजों में भी ऐसे ही हालात होने की बात छात्र कर रहे हैं। जेयू में पीजी कोर्सों की अभी परीक्षाएं चल रही हैं।
छात्रों का कहना है कि उन्होंने कोर्स तो जैसे-तैसे पूरा किया है लेकिन शिक्षकों की कमी की वजह से उन्हें इसमें परेशानी जरूर हुई है। जेयू प्रबंधन पिछले तीन साल से शिक्षकों की भर्ती की कोशिश में जुटा है लेकिन अब तक सफलता नहीं मिल पाई है। अतिथि विद्वानों द्वारा छात्रों को अध्यापन कराना पड़ा रहा है लेकिन उसमें गुणवत्ता नहीं आ रही है।

जेयू में है यह परेशानी

जीवाजी यूनिवर्सिटी में 38 विभाग हैं, इनमें नियमित कोर्सों के साथ-साथ स्ववित्तीय कोर्स भी संचालित किए जाते हैं। जेयू में सभी कोर्सों में लगभग 6000 छात्र अध्ययन करते हैं। यहां पर शिक्षकों की कमी छात्रों को परेशान कर रही है। जेयू में 104 शिक्षक होना चाहिए। अभी सिर्फ 54 शिक्षक हैं। 104 शिक्षक उस समय की स्थिति में स्वीकृत थे, जब जेयू में स्ववित्तीय कोर्स शुरू नहीं हुए थे। वहीं जेयू में स्थायी शिक्षकों की कमी की वजह से रिसर्च भी रुक गई है। इस साल पीएचडी प्रवेश परीक्षा ही नहीं कराई गई है। इसकी वजह भी शिक्षकों की कमी रही है। कुलपति प्रो. संगीता शुक्ला ने उच्च शिक्षा विभाग और राजभवन में हुई बैठकों में यह मुद्दा उठाया था लेकिन अब तक इसका समाधान नहीं हाे पाया।

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