बालोतरा | विशेष जनों की शिक्षा के शिक्षकों की भर्ती निकालने की मांग को
लेकर मुख्यमंत्री एवं शिक्षा मंत्री को कुड़ी निवासी राकेश चापाणी ने पत्र
भेजा। पत्र में बताया कि राज्य की दूरदराज गांव व ढाणियों में विशेष
आवश्यकता वाले विद्यार्थियों को अध्ययन करवाने के लिए कोई सुविधा नहीं है।
बाड़मेर बालोतरा उपखंड में भी कई ऐसे बच्चे हैं जो मानसिक रूप से विक्षिप्त नेत्रहीन गूंगे बहरे सीखने में कमजोर हैं। इनके लिए शिक्षण की कोई सुविधा नहीं है। गांव में आज भी ऐसे बच्चों को पढ़ाने के लिए ग्रामीण अभिभावक सामान्य स्कूलों में भेजने से डरते हैं। कई स्कूलों में ऐसे बच्चे नामांकित भी हैं लेकिन उन्हें उनकी पढ़ाने वाला कोई नहीं है। गांव के ऐसे बच्चों को समुचित शिक्षा के लिए कम से कम 1 ग्राम पंचायत स्तर पर एक विशेष शिक्षक लगाने की महत्ती आवश्यकता है।
बाड़मेर बालोतरा उपखंड में भी कई ऐसे बच्चे हैं जो मानसिक रूप से विक्षिप्त नेत्रहीन गूंगे बहरे सीखने में कमजोर हैं। इनके लिए शिक्षण की कोई सुविधा नहीं है। गांव में आज भी ऐसे बच्चों को पढ़ाने के लिए ग्रामीण अभिभावक सामान्य स्कूलों में भेजने से डरते हैं। कई स्कूलों में ऐसे बच्चे नामांकित भी हैं लेकिन उन्हें उनकी पढ़ाने वाला कोई नहीं है। गांव के ऐसे बच्चों को समुचित शिक्षा के लिए कम से कम 1 ग्राम पंचायत स्तर पर एक विशेष शिक्षक लगाने की महत्ती आवश्यकता है।