मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग (एमपीपीएससी) से चयनित असिस्टेंट प्रोफेसर्स को
उच्च शिक्षा विभाग द्वारा नियुक्ति पत्र लगातार जारी किए जा रहे हैं, लेकिन
आरक्षित वर्ग की उन 91 महिला उम्मीदवारों को नियुक्ति पत्र नहीं दिए जा
रहे हैं जिनका चयन मेरिट के आधार पर अनारक्षित वर्ग की सीट पर पीएससी ने
किया है।
उम्मीदवारों का कहना है कि उन्हें विभाग द्वारा कंडीशनल तौर पर नियुक्ति पत्र जारी किए जा सकते हैं। इसके लिए उन्होंने सोमवार को उच्च शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव को ज्ञापन भेजा है। इसमें कहा है कि उनसे वरीयता में कम अंक प्राप्त करने वाले उम्मीदवारों काे असिस्टेंट प्रोफेसर्स के रूप में नियुक्ति पत्र जारी किए जा चुके हैं। इसे यह 91 महिला उम्मीदवार नियमों के खिलाफ बता रहीं हैं। उनका कहना है कि आवेदन करने वाली सभी महिला उम्मीदवार पीएससी द्वारा वरीयता क्रम में मप्र में उच्चतम अंक प्राप्त कर आरक्षित वर्ग (एससी, एसटी व ओबीसी) से अनारक्षित महिला में चयनित हुई हैं। कोर्ट द्वारा 18 सितंबर में पारित आदेश को संशोधित करते हुए अनारक्षित महिला श्रेणी में चयनित उम्मीदवार को च्वाइस फिलिंग का अवसर प्रदान किए जाने का आदेश 17 अक्टूबर को जारी किया। कोर्ट ने उच्च शिक्षा विभाग को इन चयनित उम्मीदवारों को नियुक्ति नहीं देने का कोई आदेश नहीं दिया। इसके बाद भी उन्हें नियुक्त नहीं दी जा रही है और न ही कारण बता रहे हैं।
शासन को रखा है स्वतंत्र
उम्मीदवारों ने पीएस को बताया कि हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ में एक याचिका की सुनवाई करते हुए 16 दिसंबर काे आदेश पारित किया है। याचिकाकर्ता द्वारा अपील की गई थी कि अनारक्षित महिला श्रेणी के पदों पर आरक्षित श्रेणी की उम्मीदवारों का चयन नहीं होना चाहिए। कोर्ट ने इसमें याचिकाकर्ता को कोई राहत नहीं दी। वहीं शासन को नियुक्ति देने के लिए राज्य सरकार काे स्वतंत्र रखा।
उम्मीदवारों का कहना है कि उन्हें विभाग द्वारा कंडीशनल तौर पर नियुक्ति पत्र जारी किए जा सकते हैं। इसके लिए उन्होंने सोमवार को उच्च शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव को ज्ञापन भेजा है। इसमें कहा है कि उनसे वरीयता में कम अंक प्राप्त करने वाले उम्मीदवारों काे असिस्टेंट प्रोफेसर्स के रूप में नियुक्ति पत्र जारी किए जा चुके हैं। इसे यह 91 महिला उम्मीदवार नियमों के खिलाफ बता रहीं हैं। उनका कहना है कि आवेदन करने वाली सभी महिला उम्मीदवार पीएससी द्वारा वरीयता क्रम में मप्र में उच्चतम अंक प्राप्त कर आरक्षित वर्ग (एससी, एसटी व ओबीसी) से अनारक्षित महिला में चयनित हुई हैं। कोर्ट द्वारा 18 सितंबर में पारित आदेश को संशोधित करते हुए अनारक्षित महिला श्रेणी में चयनित उम्मीदवार को च्वाइस फिलिंग का अवसर प्रदान किए जाने का आदेश 17 अक्टूबर को जारी किया। कोर्ट ने उच्च शिक्षा विभाग को इन चयनित उम्मीदवारों को नियुक्ति नहीं देने का कोई आदेश नहीं दिया। इसके बाद भी उन्हें नियुक्त नहीं दी जा रही है और न ही कारण बता रहे हैं।
शासन को रखा है स्वतंत्र
उम्मीदवारों ने पीएस को बताया कि हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ में एक याचिका की सुनवाई करते हुए 16 दिसंबर काे आदेश पारित किया है। याचिकाकर्ता द्वारा अपील की गई थी कि अनारक्षित महिला श्रेणी के पदों पर आरक्षित श्रेणी की उम्मीदवारों का चयन नहीं होना चाहिए। कोर्ट ने इसमें याचिकाकर्ता को कोई राहत नहीं दी। वहीं शासन को नियुक्ति देने के लिए राज्य सरकार काे स्वतंत्र रखा।