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पद सिर्फ 80 और नियुक्त कर दिए 138 अतिथि शिक्षक

शुभम मुड़िया| श्योपुर

विजयपुर के टर्राकलां संकुल में शिक्षण सत्र 2019-20 में 48 स्कूलों में करीब 138 अतिथि शिक्षकों की भर्ती अगस्त 2018 से लेकर जनवरी 2019 के बीच की गई। इसकी जांच की गई तो 76 शिक्षकों की नियुक्तियां फर्जी पाईं गईं, जबकि 62 शिक्षकों को ही अतिथि शिक्षक के लिए पात्र माना गया है।
खास बात तो यह है कि एक व्यक्ति को 43 की उम्र में ही शिक्षक पद से रिटायर बताकर उसका अनुभव प्रमाण पत्र बनाते हुए अतिथि शिक्षक के पद पर नियुक्त कर दिया गया।

बता दें कि शिक्षण सत्र 2018-19 में टर्राकलां संकुल में नियुक्त किए गए अतिथि शिक्षकों की भर्ती में विसंगतियों की शिकायत होने के बाद अतिथि शिक्षकों वेतन भुगतान रोकते हुए तत्कालीन जिला शिक्षा अधिकारी अजय कटियार ने जांच बैठाकर स्कोर कार्ड जांचने के निर्देश दिए। जब अधिकारी जांच करने के लिए बैठे तो पता चला कि अतिथि शिक्षकों की भर्ती के लिए आवश्यक स्कोर कार्ड आवदेनकर्ताओं के पास नहीं हैं। कई ऐसे अतिथि शिक्षक भी हैं जिन्होंने स्कूल में अतिथि शिक्षक की भर्ती के लिए आवेदन ही नहीं दिए। ऐसी कई विसंगतियां जांच रिपोर्ट मे सामने आई हैं। रिपोर्ट में यह भी सामने आया है कि स्कूल में जितने पद नहीं थे, उससे ज्यादा अतिथि शिक्षकों की भर्ती कर दी गई। जांच अधिकारी भी मान रहे हैं कि इसमें बड़ा फर्जीवाड़ा हुआ है।

टर्राकलां संकुल में 76 अतिथि शिक्षकों की कर दी फर्जी नियुक्ति, एक युवक ने खुद को 43 की उम्र में शिक्षक पद से रिटायर बताया और बन गया अतिथि

इन स्कूलों में फर्जी शिक्षक

टर्राकलां हायर सेकंडरी स्कूल में 4 अतिथि शिक्षक अपात्र पाए गए, जिनमें तीन पर स्कोर कार्ड नहीं है। एक शिक्षक का सेवानिवृत्ति का फर्जी प्रमाण पत्र है। रघुनाथपुर हायर सेकेंडरी स्कूल में दो अतिथि शिक्षक अपात्र पाए गए। हाईस्कूल मिलावली में एक, बलावनी में पांच अतिथि शिक्षक, अर्रोदरी में दो जबकि माध्यमिक स्कूल में 35 और माध्यमिक स्कूल में 37 शिक्षक अपात्र हैं। बताया गया है इन सबके पास स्कोर कार्ड नहीं हैं।

पद 80 और नियुक्त कर दिए 138 शिक्षक, वेतन पत्रक भी बना दिए

टर्राकलां संकुल में जनवरी 2019 तक 138 अतिथि शिक्षकों की भर्ती की गई थी, लेकिन इतने पद स्वीकृत ही नहीं थे। पोर्टल से जानकारी निकलवाई तो सिर्फ 80 पद ही स्वीकृत पाए गए। जब अतिथि शिक्षकों के वेतन भुगतान की बारी आई तो तत्कालीन प्रभारी प्राचार्य ने सभी अतिथि शिक्षकों के वेतन बिल अगस्त 2018 से बनाकर भेज दिए, तब तत्कालीन डीईओ अजय कटियार ने गड़बड़ी पकड़ते हुए पूरी जानकारी भिजवाने के लिए कहा, लेकिन प्रभारी प्राचार्य ने पूरी जानकारी भेजी ही नहीं। इस वजह से अतिथि शिक्षकों को अब तक वेतन भुगतान नहीं हो सका है।

सर्टिफिकेट में उम्र 43, प्रमाण पत्र रिटायरमेंट का दिया

अतिथि शिक्षकों की भर्ती के मामले में हुई जांच में यह भी सामने आया है कि एक शिक्षक ने अतिथि शिक्षक बनने के लिए आवेदन दिया तो सामने आया है कि उसमें जो प्रमाण पत्र दिया गया वह असल में रिटायरमेंट का है, जबकि अंकसूची में शिक्षक की जन्मतिथि 16 जुलाई 1976 है। खास बात यह रही कि शिक्षक की सेवानिवृत्ति बिना क्रॉस चेक किए ही संकुल प्राचार्य ने अतिथि शिक्षक की नौकरी दे दी। कई ऐसे अतिथि शिक्षकों दूसरे विषय का शिक्षक बना दिया गया।

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