भास्कर संवाददाता। दमोह जिले में 24 बीएसी (विकासखंड अकादमिक
समन्वयक) और 76 जनशिक्षक सीएसी (संकुल अकादमिक समन्वयक) की नई नियुक्तियां
तय-समय सीमा में नहीं हो पा रहीं हैं। शासन स्तर से 3 नवंबर को काउंसलिंग
कराने के आदेश थे, लेकिन अब तक वरिष्ठता सूची का प्रकाशन भी नहीं किया गया
है। यहां तक कि चयन समिति की बैठक भी नहीं हो पाई।
अधिकारियों का कहना है कि वरिष्ठता सूची जल्द ही प्रकाशित होगी, उसके बाद दावा-आपत्ति मंगाई जाएगी। इसके बाद ही काउंसलिंग की तारीख तय होगी, लेकिन इस प्रक्रिया में लंबा वक्त लग सकता है। जबकि वर्तमान में बच्चों की अर्द्धवार्षिक परीक्षाएं चालू होने वाली हैं। ऐसे में यदि शिक्षक इस प्रक्रिया में उलझ गए तो बच्चों की पढ़ाई के साथ-साथ स्कूलों की मॉनीटरिंग का काम भी प्रभावित होगा। वहीं दूसरी ओर अंदरूनी स्तर पर चल रही इस पूरी कार्रवाई से शिक्षक बेखबर हैं। ऐसे में वे इस भर्ती प्रक्रिया को संदेह के नजर से देख रहे हैं।
राज्य शिक्षा केंद्र द्वारा जारी आदेश के अनुसार प्रत्येक ब्लॉक में 5 बीएसी और 21 विद्यालयों पर 1 जनशिक्षक के हिसाब से भर्ती होना है। दमोह जिले के सातों ब्लॉकों में बीएसी के 35 पद हैं, जिनमें से 11 पद भरे हैं। ऐसे में रिक्त 24 पदों पर बीएसी की नियुक्ति होगी। वहीं जनशिक्षकों के 112 पद हैं, जिनमें से 36 पद भरे हैं। ऐसे में शेष 76 रिक्त पदों पर जनशिक्षकों की नियुक्तियां होंगी। अधिकारियों का कहना है कि जिन शिक्षकों का काम अच्छा है, उन्हें ही बीएसी और जनशिक्षक के पदाें पर प्राथमिकता दी जाएगी।
शासन के आदेशानुसार जनशिक्षक और बीएसी बनने के लिए शिक्षकों को अब उम्र की सीमा में बांध दिया गया है। 52 साल पूरे कर चुके शिक्षकों को जनशिक्षक और बीएसी नहीं बनाया जाएगा, जिससे ऐसे शिक्षकों को काउंसलिंग में शामिल होने का मौका नहीं मिलेगा। विभाग ने ब्लॉकवार बीएसी के 5 पद स्वीकृत किए हैं। इन पदों में 2 पर विज्ञान विषय के शिक्षकों व 1-1 पद पर अंग्रेजी, सामाजिक विज्ञान तथा हिंदी विषय के शिक्षक नियुक्त करने के निर्देश दिए हैं। इसके अलावा 21 विद्यालयों पर अनिवार्य रूप से 1 जनशिक्षक की नियुक्ति किए जाने के निर्देश हैं।
चयन समिति में डीईओ, केएन कॉलेज के प्राचार्य, डाईट प्राचार्य, डीपीसी, एपीसी (अकादमिक), कलेक्टर व आदिवासी विकास विभाग का एक-एक प्रतिनिधि बीएसी और जनशिक्षक की चयन समिति में शामिल होंगे।
अधिकारियों का कहना है कि वरिष्ठता सूची जल्द ही प्रकाशित होगी, उसके बाद दावा-आपत्ति मंगाई जाएगी। इसके बाद ही काउंसलिंग की तारीख तय होगी, लेकिन इस प्रक्रिया में लंबा वक्त लग सकता है। जबकि वर्तमान में बच्चों की अर्द्धवार्षिक परीक्षाएं चालू होने वाली हैं। ऐसे में यदि शिक्षक इस प्रक्रिया में उलझ गए तो बच्चों की पढ़ाई के साथ-साथ स्कूलों की मॉनीटरिंग का काम भी प्रभावित होगा। वहीं दूसरी ओर अंदरूनी स्तर पर चल रही इस पूरी कार्रवाई से शिक्षक बेखबर हैं। ऐसे में वे इस भर्ती प्रक्रिया को संदेह के नजर से देख रहे हैं।
राज्य शिक्षा केंद्र द्वारा जारी आदेश के अनुसार प्रत्येक ब्लॉक में 5 बीएसी और 21 विद्यालयों पर 1 जनशिक्षक के हिसाब से भर्ती होना है। दमोह जिले के सातों ब्लॉकों में बीएसी के 35 पद हैं, जिनमें से 11 पद भरे हैं। ऐसे में रिक्त 24 पदों पर बीएसी की नियुक्ति होगी। वहीं जनशिक्षकों के 112 पद हैं, जिनमें से 36 पद भरे हैं। ऐसे में शेष 76 रिक्त पदों पर जनशिक्षकों की नियुक्तियां होंगी। अधिकारियों का कहना है कि जिन शिक्षकों का काम अच्छा है, उन्हें ही बीएसी और जनशिक्षक के पदाें पर प्राथमिकता दी जाएगी।
शासन के आदेशानुसार जनशिक्षक और बीएसी बनने के लिए शिक्षकों को अब उम्र की सीमा में बांध दिया गया है। 52 साल पूरे कर चुके शिक्षकों को जनशिक्षक और बीएसी नहीं बनाया जाएगा, जिससे ऐसे शिक्षकों को काउंसलिंग में शामिल होने का मौका नहीं मिलेगा। विभाग ने ब्लॉकवार बीएसी के 5 पद स्वीकृत किए हैं। इन पदों में 2 पर विज्ञान विषय के शिक्षकों व 1-1 पद पर अंग्रेजी, सामाजिक विज्ञान तथा हिंदी विषय के शिक्षक नियुक्त करने के निर्देश दिए हैं। इसके अलावा 21 विद्यालयों पर अनिवार्य रूप से 1 जनशिक्षक की नियुक्ति किए जाने के निर्देश हैं।
चयन समिति में डीईओ, केएन कॉलेज के प्राचार्य, डाईट प्राचार्य, डीपीसी, एपीसी (अकादमिक), कलेक्टर व आदिवासी विकास विभाग का एक-एक प्रतिनिधि बीएसी और जनशिक्षक की चयन समिति में शामिल होंगे।