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पहले रखा ऑफ लाइन, अब 700 अतिथियों के 2 करोड़ अटके

राजगढ़। जिले में शिक्षा व्यवस्था को बहाल करने के लिए रिक्त पदों को भरते हुए वहां पर अध्यापन कार्य को सुचारू ढंग से चलाने के लिए जिले के विभिन्ना स्कूलों में कई लोगों को बतौर अतिथि शिक्षक-शिक्षिकाओं को ऑफ रोल रखा लिया गया था, लेकिन जिन लोगों को ऑफ लाइन स्थानीय स्त पर रखा गया था अब उनका वेतन अधर में अटक गया है।
जिले में करीब 700 अतिथियों का लगभग 2 करोड़ रूपए अधर में अटका हुआ है।
इस वर्ष अतिथि शिक्षक-शिक्षिकाओं की भर्ती स्कूलों में रिक्त पदों पर विषयानुसार ऑनलाइन की गई है। मैरिट के आधार पर अतिथि शिक्षक-शिक्षिकाओं की भर्ती की गई थी, लेकिन कई स्कूल ऐसे थे, जहां पर उस समय ऑनलाइन अतिथि शिक्षक-शिक्षिकाओं का भर्ती नहीं हो सकी थी। ऐसे में स्कूल स्तर पर ही प्राचार्यों द्वारा वरिष्ठ कार्यालयों से संपर्क करते हुए उन्हें ऑफ लाइन रख लिया गया था। लेकिन ऑफ लाइन रखने का खामियाजा उन अतिथियों को ही भुगतना पड़ रहा है। उन्हें पिछले चार माह बाद भी वेतन प्राप्त नहीं हो सका है। ऐसे में जिले के वर्ग एक, दो एवं तीन के अतिथि शिक्षक-शिक्षिकाओं का करीब 2 करोड़ 4 लाख रूपए वेतन अटका हुआ है। वेतन प्राप्त करने के लिए भी अतिथियों द्वारा लगातार मांग की जा ही है, लेकिन उनकी सुनवाई नहीं हो पा रही है।
ऑनलाइन करने का दिया था भरोसा, पोर्टल हुआ बंद
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक जिस समय अतिथियों को भर्ती किया गया था उस समय उन्हें भरोसा दिलाया गया था कि उन्हें अभी ऑफ लाइन रखा जा रहा है, लेकिन जल्द ही ऑनलाइन कर दिया जाएगा और वेतन की कोई दिक्कत नहीं रहेगी। लेकिन उसके बाद ऑनलाइन भर्ती का पोर्टल शासन स्तर से बंद हो गया। पोर्टल बंद होने के चलते ऑफ लाइन रखे गए अतिथि शिक्षक-शिक्षिकाओं को ऑनलाइन नहीं किया जा सकता है। जिसके चलते उन शिक्षक-शिक्षिकाओं को वेतन नहीं मिल पा रहा है।
चार माह का 2 करोड़ 4 लाख वेतन अधर में
जानकारी के मुताबिक वर्ग एक को 9 हजार, वर्ग दो को 7 हजार व वर्ग तीन को 5 हजार रूपए बतौर वेतन के रूप में प्रदान किया जाता है। ऐसे में जिले में वर्ग एक के करीब 150, वर्ग 2 के लगभग 500 एवं वर्ग तीन के लगभग 50 अतिथ्ि शिक्षक-शिक्षिकाएं आफ लाइन तरीके से जिले के कई स्कूलों में पढ़ा रहे हैं। ऐसे में वर्ग 1 के 150 लोगों के प्रतिमाह लगभग 13 लाख 50 हजार रूपए, वर्ग दो के लगभग 500 टीचरों के सर्वाधिक प्रतिमाह के हिासब से 35 लाख रूपए एवं वर्ग तीन के 50 टीचरों के लगभग 2 लाख 50 हजार रूपए अधर में है। कुल मिलाकर तीनों वर्ग के लगभ्ग 700 टीचरों के चार माह के लगभग दो करोड़ 4 लाख रूपए अधर में चल रहे हैं।
जिलाध्यक्ष बोले कोई नहीं दे रहे ध्यान
पूरे मामले को लेकर जिलाध्यष्क्ष सत्येन्द्र नागर ने बताया कि जिले में ऑफ लाइन पढ़ा रहे करीब 700 शिक्षक-शिक्षिकाओं को अभी तक वेतन प्रदान नहीं किया गया। इसको लेकर कई बार वरिष्ठ अधिकारियों से भी चर्चा की जा चुकी है, लेकिन कोई निकाल नहीं हो पा रहा है। यह भी स्पष्ट नहीं है कि आखिर यह ऑनलाइन नहीं हुए तो फिर क्या निष्कर्ष निकलेगा। जिसके चलते सभी शिक्षक-शिक्षिकाएं लंबे समय से परेशान हो रहे हैं। उन्होंने मांग की है कि अधिकारियों को इस और ध्यान देते हुए जल्द निराकरण किया जाए, ताकि उनके साथियों की समस्याएं हल हो सके।
फोटो 1211 आरएजे 01 राजगढ़। डीईओ कार्यालय राजगढ।

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