-शिक्षा विभाग की अनदेखी से शहरी क्षेत्र में अतिशेष शिक्षकों के होने के बाद भी नहीं सुधर रहे हालात
-प्राथमिक व माध्यमिक शालाओं में इधर-उधर या अतिथि शिक्षकों के भरोसे चल रहे स्कू ल
फोटो 20 सीहोर। राज्य शिक्षा कें द्र ।
सीहोर। जिले भर में दो से अधिक शिक्षक अतिशेष की श्रेणी में आ रहे हैं, जो शहरी क्षेत्रों में बच्चों की संख्या के अनुसार ज्यादा होने के बाद भी अपनी रसूख के चलते अपनी जड़ें जमाए हुए हैं, जिन्हें शिक्षा विभाग कई बार सूची जारी होने और लोक शिक्षण संचालनालय से आदेश मिलने के बाद भी हटाने में नाकाम साबित हो रहा है। जबकि ग्रामीण क्षेत्र में कई ऐसे शासकीय स्कू ल हैं, जहां एक भी शिक्षक पदस्थ नहीं है, जिससे यह स्कू ल इधर-उधर के स्कू लों से शिक्षक पहुंचाकर या अतिथि शिक्षकों के भरोसे चलाया जा रहा है। यही कारण है कि ग्रामीण क्षेत्र के स्कू लों के हाल बद से बदतर होते जा रहे हैं।
जानकारी के अनुसार बरखेड़ा हसन, चरनाल,
अहमदपुर, दोराहा, श्यामपुर, खंडवा, मंडी और मुगावली संकु ल के तहत आने
वाली 19 शासकीय माध्यमिक व एक प्राथमिक शाला में एक भी शिक्षक पदस्थ नहीं
है। इससे यह स्कू ल शिक्षक विहीन हो गए हैं। जबकि इन स्कू लों में 1078
बच्चे शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। ऐसे में इन स्कू लों में शिक्षक विभाग अन्य
स्कू लों व अतिथि शिक्षकों को भेजकर अध्यापन करा रहे हैं। इससे दिन ब दिन
शिक्षा का स्तर गिरने के साथ ही बच्चों व उनके पालकों को शासकीय स्कू लों
से मोह खोता जा रहा है, जिससे लगातार ऐसे स्कू लों में बच्चों की उपस्थिति
घट रही है। इसके बाद भी शिक्षा विभाग लापरवाह बना हुआ है। क्योंकि वह
ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षकों की कमी होने के बाद भी उनसे गैर शिक्षकीय
कार्यों को कराया जा रहा है। साथ ही शहरी क्षेत्र में बड़ी संख्या में
अतिशेष शिक्षक होने के बाद भी उन्हें ग्रामीण क्षेत्र के शिक्षक विहीन
शालाओं में पहुंचाने में लीपापोती कर रहा है। यही कारण है कि शासकीय स्कू
लों में शिक्षा का स्तर लगातार गिरता जा रहा है और निजी स्कू ल इसका भरपूर
फायदा उठा रहे हैं।
इन संकु लों के स्कू लों में नहीं एक भी शिक्षक
बरखेड़ा हसन संकु ल के माशा गढ़ीबगराज में 74 बच्चे, माशा देहरी में 55, माशा मुगांवली 17, माशा लोधीपुरा 73, माशा उमरझिर 52,
चरनाल संकु ल के माशा बांसिया 97, माशा चांदबड़ जागीर 76, माशा सातनबाडी 69, माशा दूरगांव 69, माशा गवा 41, माशा आछारोही 31 बच्चे अध्ययनरत हैं। जबकि इन स्कू लों में एक भी शिक्षक नहीं है, वहीं अहमदपुर संकु ल के माशा सिकंदपुरा 22, माशा मगरदा 48, माशा शाहजहांपुर 26, माशा हिनोती 39, माशा बालक अहमदपुर 73 बच्चे दर्ज हैं। जबकि दोराहा संकु ल के माशा बिछिया 39, माशा महुआखेडा 28 और श्यामपुर संकु ल की माशा गुलखेडी 51, खंडवा संकु ल की प्राशा नोनीखेडी काजी 29, विवेकानंद मंडी संकु ल की माशा शेखपुरा 21, माशा मनाखेडा 88 के साथ ही मुगावली संकु ल की माशा मुहाली 26 कु ल 1078 बच्चों के नाम शासकीय शालाओं में दर्ज है, लेकि न यहां एक भी शिक्षक पदस्थ नहीं है।
दिए हैं निर्देश
ग्रामीण क्षेत्र से शिक्षकों ने स्थानांतरण कराया है, जिससे इस प्रकार की स्थिति बन रही है, लेकि न इसे सुधारने के लिए संकु लों को व्यवस्था बनाने के निर्देश दिए गए हैं।
अनिल श्रीवास्तव, डीपीसी सीहोर
-प्राथमिक व माध्यमिक शालाओं में इधर-उधर या अतिथि शिक्षकों के भरोसे चल रहे स्कू ल
फोटो 20 सीहोर। राज्य शिक्षा कें द्र ।
सीहोर। जिले भर में दो से अधिक शिक्षक अतिशेष की श्रेणी में आ रहे हैं, जो शहरी क्षेत्रों में बच्चों की संख्या के अनुसार ज्यादा होने के बाद भी अपनी रसूख के चलते अपनी जड़ें जमाए हुए हैं, जिन्हें शिक्षा विभाग कई बार सूची जारी होने और लोक शिक्षण संचालनालय से आदेश मिलने के बाद भी हटाने में नाकाम साबित हो रहा है। जबकि ग्रामीण क्षेत्र में कई ऐसे शासकीय स्कू ल हैं, जहां एक भी शिक्षक पदस्थ नहीं है, जिससे यह स्कू ल इधर-उधर के स्कू लों से शिक्षक पहुंचाकर या अतिथि शिक्षकों के भरोसे चलाया जा रहा है। यही कारण है कि ग्रामीण क्षेत्र के स्कू लों के हाल बद से बदतर होते जा रहे हैं।
इन संकु लों के स्कू लों में नहीं एक भी शिक्षक
चरनाल संकु ल के माशा बांसिया 97, माशा चांदबड़ जागीर 76, माशा सातनबाडी 69, माशा दूरगांव 69, माशा गवा 41, माशा आछारोही 31 बच्चे अध्ययनरत हैं। जबकि इन स्कू लों में एक भी शिक्षक नहीं है, वहीं अहमदपुर संकु ल के माशा सिकंदपुरा 22, माशा मगरदा 48, माशा शाहजहांपुर 26, माशा हिनोती 39, माशा बालक अहमदपुर 73 बच्चे दर्ज हैं। जबकि दोराहा संकु ल के माशा बिछिया 39, माशा महुआखेडा 28 और श्यामपुर संकु ल की माशा गुलखेडी 51, खंडवा संकु ल की प्राशा नोनीखेडी काजी 29, विवेकानंद मंडी संकु ल की माशा शेखपुरा 21, माशा मनाखेडा 88 के साथ ही मुगावली संकु ल की माशा मुहाली 26 कु ल 1078 बच्चों के नाम शासकीय शालाओं में दर्ज है, लेकि न यहां एक भी शिक्षक पदस्थ नहीं है।
ग्रामीण क्षेत्र से शिक्षकों ने स्थानांतरण कराया है, जिससे इस प्रकार की स्थिति बन रही है, लेकि न इसे सुधारने के लिए संकु लों को व्यवस्था बनाने के निर्देश दिए गए हैं।