भोपाल। मध्य प्रदेश के सरकारी
शिक्षकों के लिए अच्छी खबर आ रही है। अब उन्हें गैर शैक्षणिक कामों में
ड्यूटी से छुटकारा मिल गया है। शिक्षा विभाग ने सख्ती से आदेश जारी कर कहा
है कि अगर किसी भी शिक्षक को गैर शैक्षणिक कार्यों के लिए ड्यूटी पर भेजा
जाता है तो संबंधित जिले के जिला शिक्षा अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की
जाएगी।
दरअसल, चुनाव, जनगणना,
पल्स पोलियो, पशु जनगणना से लेकर तमाम गैर शैक्षणिक कार्यों में शिक्षकों
की ड्यूटी लगाई जाती रही है। जिससे स्कूलों में बच्चों को पढ़ाने में काफी
समस्या आती है। ऐसे में उनके नतीजों पर भी प्रभाव पड़ता है। शिक्षक स्कूलों
में समय नहीं दे पाते हैं और नतीजतन बच्चों का रिजल्ट खराब आने से उन्हें
बाद में खामिाजा भुगतना पड़ता है। ऐसे में शिक्षा विभाग का यह कदम राहत भरा
है। विभाग ने निर्देश जारी कर गैर शैक्षणिक कामों में लगे उन सभी शिक्षकों
को 24 जून तक हटाने के लिए कहा है। निर्देश में कहा गया है कि 24 जून से
प्रदेश के सभी स्कूल खुल रहे हैं। ऐसे में उन्हें मूल कार्य पाठशाला,
विधालयों में उपस्थित होने के लिए निर्देशित करें।
विभाग
की ओर से जारी निर्देश में कहा गया है कि अगर शिक्षक अपने मूल विधालय में
पठन पाठन के लिए उपलब्ध नहीं होते हैं तो उनका वेतन रोकने की कार्रवाई की
जाएगी। इसके अलावा कोई अफसर शिक्षकों को निर्वाचन के नाम पर या अन्य
प्रयोजनों से गैर शैक्षणिक कार्यों में लगाता है तो उनके खिलाफ भी कार्रवाई
की जाएगी। गौरतलब है कि जनगणना कार्य, लोकसभा, विधानसभा चुनाव, नगरीय
निकाय चुनाव, मंडी चुनाव, सहकारी संस्थाओं के चुनाव कार्य में शिक्षकों को
लगाया जाता है। इसके अलावा पल्स पोलियों अभियान, स्वास्थ्य और महिला बाल
विकास विभाग के विभिन्न अभियानों के अलावा शिक्षकों को कई बार किसानों से
जुड़ी योजनाओं के क्रियान्वयन में भी लगा दिया जाता है।