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शिक्षकों की कमी पूरी करने के लिए आठ साल बाद ली गई परीक्षा का रिजल्ट घोषित नहीं किए जाने से अभ्यर्थियों में नाराजगी

भास्कर संवाददाता | मुरैना सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की कमी पूरी करने के लिए आठ साल बाद ली गई परीक्षा का रिजल्ट घोषित नहीं किए जाने से अभ्यर्थियों में नाराजगी है। शुक्रवार का मुख्यमंत्री काे भेजे ज्ञापन में छात्रों ने शिक्षक वर्ग 1,2 व 3 के परीक्षा परिणाम घोषित करने का आग्रह किया है।
सीएम के नाम प्रशासन को साैंपे ज्ञापन में अभ्यर्थियों ने लिखा है कि 2011 के ठीक आठ साल बाद शिक्षक भर्ती का आयोजन किया गया। 2019 में परीक्षा संपन्न कराई गई। रिजल्ट घोषित करने की बारी आई तो चुनाव आचार संहिता का हवाला देकर परीक्षार्थियों को शांत करा दिया गया। अब जब चुनाव संपन्न हो गए तो कहा जा रहा है कि अपरिहार्य कारणों के चलते रिजल्ट फिलहाल घोषित नहीं किया जा सकता। व्यवसायिक परीक्षा मंडल के इस जबाव से प्रदेश के हजारों बेरोजगारों में सरकार के प्रति गुस्सा है। ज्ञापन में कहा गया है कि कई परीक्षार्थी ऐसे हैं जो रिजल्ट लेट घोषित होने की दशा में ओवरएज हो सकते हैं। इसलिए शिक्षक भर्ती परीक्षा के रिजल्ट काे जल्द घोषित किया जाए। परीक्षार्थियों का कहना है कि एक तरफ स्कूल शिक्षा विभाग अध्यापन व शिक्षा की गुणवत्ता पर जोर दे रहा है दूसरी ओर सैकड़ों स्कूल एकल शिक्षक हैं ऐसे में जब तक स्कूलोें में शिक्षकों की पदस्थापना नहीं होगी तो स्कूल शिक्षा विभाग में अपने लक्ष्य को कैसे हासिल करा पाएगा। ज्ञापन देने वालों में राजू शुक्ला, श्याम पाठक, प्रीति भार्गव, रश्मि गर्ग, सोनू गौड़, महिमा चौबे, रानी राजपूत, प्रशांत उपाध्याय, ललितेश मिश्रा, सोनेराम, रूपाली, राम पाराशर, कमल तोमर, राजू शुक्ला, ब्रजेश पाराशर व मोहन कुमार के नाम उल्लेखित हैं।

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