शायद यह पढ़कर आपको अजब-गजब लगे, मगर यह जमीनी हकीकत चौंकाने वाली है कि अब
मध्यप्रदेश में शिक्षा के मंदिरों में सरकारी टीचर अपनी जगह किराए का
टीचर रखकर खुद गुलछर्रे उड़ा रहे हैं. हैरत की बात है कि जब खुद सूबे के
सीएम के विधानसभा क्षेत्र में लापरवाही का यह आलम है तो पूरे प्रदेश में
सरकारी स्कूलों में कैसी अंधेरगर्दी चल रही होगी, इसका अंदाजा लगाया जा
सकता है.
मामला सीहोर जिले की
रेहटी तहसील के आदिवासी बहुल ग्राम देलावाड़ी के सरकारी प्रायमरी स्कूल का
है. यह गांव मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के विधानसभा
क्षेत्र बुदनी
में आता है. इस स्कूल में पहली से पांचवीं तक महज 19 विद्यार्थी ही
अध्ययनरत हैं, लेकिन इन बच्चों को पढ़ाने के लिए यहां चार शिक्षकों का स्टाफ
पदस्थ है. ये सभी शिक्षक भोपाल से आना-जाना करते हैं.
ऐसे में इस स्कूल के एक सरकारी शिक्षक सैयद सोहराब अली ने एक अनोखा तरीका
ईजाद किया. उन्होंने अपने स्थान पर पिछले दो सालों से किराए की एक टीचर
रखकर उसे अपने स्थान पर पढ़ाई करवाने का जिम्मा सौंप दिया. वह टीचर खुद
बताती है कि उसे सैयद सोहराब अली ने पढ़ाने के लिए लगायार है. हालांकि जिस
टीचर को किराए पर रखा गया है, उसका तो इस गोरखधंधे में कोई कुसूर नहीं है.
वह दिव्यांग है और दो जून की रोटी के लिए पिछले दो साल से मन लगाकर बच्चों
को पढ़ा रही है, मगर उसको अपनी जेब से तनख्वाह देने वाले मास्टरजी जरूर अब
गंभीर आरोपों के घेरे में हैं.
जब उनके संकुल प्रभारी आरएस राजवंशी से किराए के टीचर के गोरखधंधे को लेकर
पूछा गया तो उनका कहना था कि वे जब भी इंस्पेक्शन के लिए जाते हैं, तो
शिक्षक सैयद सोहराब अली उन्हें हमेशा स्कूल में उपस्थित मिले.
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