सीहोर। अध्यापक संवर्ग की स्कूल शिक्षा विभाग ने
नियुक्ति के लिए जारी की गई प्रावधिक (प्रोविजनल) सूची पचड़ों में उलझती
नजर आ रही है। सूची जारी होने के साथ ही अध्यापकों ने विरोध शुरू कर दिया
है।
हालांकि सूची में 4483 अध्यापकों में शिक्षा विभाग ने4452 अध्यापकों को
पात्र और महज 24 अध्यापकों को अपात्र बताया है।
शिक्षकों का कहना है कि जारी सूची में 30 प्रतिशत से अधिक अध्यापकों के
नामों के अलावा वरिष्ठता सहित अनेक कमियां और त्रुटियां छोड़ दी गई हैं और
सुधार के लिए महज तीन दिन का समय दिया है। इसके चलते उन्हें एक बार फिर
स्कूल छोड़ एमपी ऑनलाइन पर दावे-आपत्ति के लिए परेशान होना पड़ेगा।
स्कूल शिक्षा विभाग ने मंगलवार को सेवा शर्ते भर्ती नियम २018 के
अंतर्गत अध्यापक संवर्ग को स्कूल शिक्षा विभाग में नियुक्त किए जाने के लिए
प्रावधिक सूची जारी कर दी। कुल जारी 4483 अध्यापकों की सूची में 4452 को
पात्र और 24 को अपात्र बताया गया है। जबकि 7 अध्यापकों को लंबित बताया है।
जारी सूची मे 20 सितंबर तक एज्यूकेशन पोर्टल के माध्यम से अपने दावे,
आपत्ति मांगे गए हैं। इधर अध्यापकों ने सूची जारी होने के साथ विरोध के
स्वर उग्र कर दिए हैं। अध्यापकों का कहना है कि जारी सूची में तीस प्रतिशत
से अधिक अध्यापकों के प्रकरणों में त्रुटियां और कमियां हैं।
एमपी ऑनलाइन पर नजर आएंगे अध्यापक
अध्यापकों का
कहना है कि प्रावधिक सूची में अनेक कमियां और त्रुटियां होने के कारण
अध्यापकों को एक बार फिर दावे आपत्तियों के लिए एमपी ऑनलाइन के लिए चक्कर
काटना पड़ेगा। जबकि यह सारा काम संकुलों का था कि किसी प्रकार की कोई
कमियां नहीं रहे। अध्यापकों ने विरोध दर्ज कराते हुए कहा कि दावे आपत्तियों
के लिए महज तीन दिन का समय दिया गया है। जिसमें से १८ सितंबर का दिन सूची
देखने में ही निकल गया। अब १९ और २० सितंबर में दो दिन में ही अपने
दावे-आपत्ति लगाना होगी।
सूची में कम हो गई अध्यापकों की वरिष्ठता
शिक्षा
विभाग की सूची में सबसे अधिक शिकायत और आपत्ति वरिष्ठता की है। इसके अलावा
संविलियन, नाम, क्वालिफिकेशन आदि में कमियां और त्रुटियां पाई गई हैं।
सबसे अधिक त्रुटियां वरिष्ठता को लेकर है। अनेक अध्यापकों की वरिष्ठता जारी
सूची में कम हो बताई जा रही है। अध्यापकों का कहना है कि संकुलों ने
वरिष्ठता की सूची जारी हुए आर्डरों के हिसाब से भर दी है। जबकि अनेक
शिक्षकों की नियुक्ति के बाद आर्डर बाद में जारी हुए हैं। शिक्षक संजय
सक्सेना ने कहा कि जारी सूची में उनका वरिष्ठता भी कम कर दी गई। इसके कारण
उन्हें अब एक बार फिर से दावे-आपत्ति के लिए कंप्यूटर सेंटर के चक्कर काटने
पड़ेगें।
संकुलों के बाबुओं ने नहीं किया काम, शासन से मिले थे ३० हजार रुपए
अध्यापक
संघर्ष समिति के बाबूलाल मालवीय ने बताया कि संकुलों को अध्यापकों की
सर्विस बुक का रिकार्ड पूरा करने संकुलों को शासन से ३० हजार रुपए मिला है।
इसके बाद भी संकुलों के बाबुओं के काम अध्यापकों पर थोपा जा रहा है।
अध्यापकों ने अपनी नियुक्ति दिनांकों के स्थान पर आर्डर दिनांक को ही
सीनियरटी मान लिया है।
इससे अध्यापकों का काफी नुकसान होगा। जो दावे, आपत्ति नहीं लगा सकेंगे।
उनके सीनियरटी कम हो जाएगी। बाद में वर्ग तीन के अध्यापकों को जिला लेबल,
वर्ग दो के अध्यापकों को भोपाल और वर्ग एक के अध्यापकों को डीपीआई तक जाने
परेशान होना पड़ेगा।
अध्यापक संघ के माध्यम से बना रहे आगे की रणनीति
आजाद
अध्यापक संघ के अध्यक्ष राजेन्द्र सिंह सिसौदिया ने कहा कि शिक्षा विभाग
अध्यापक संघ के साथ अन्याय कर रहा है। इसे लेकर अध्यापकों के साथ आगे की
रणनीति बनाई जा रही है। इसके साथ ही अध्यापकों ने विकल्प और घोषणा पत्र और
संविलियन को लेकर अनेक शिक्षकों ने कोर्ट केस भी केस दर्ज कराया है।
फैक्ट फाइल
सहायक अध्यापक 2812
अध्यापक 1304
वरिष्ठ अध्यापक 368
पात्र अध्यापक 4442
अपात्र अध्यापक 24
लंबित 07
जारी सूची में शामिल कुल अध्यापक 4484
-बड़े
स्तर पर सूची जारी हुई है। इसलिए यह नहीं कहा जा सकता है कि जारी सूची में
कमियां और त्रुटियां नहीं होगी। इसके लिए दावे-आपत्ति दर्ज कराने 20
सिंतबर तक अध्यापकों को समय दिया गया है।
एसपी त्रिपाठी, डीइओ सीहोर
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