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एरियर्स के बदले दस प्रतिशत कमीशन मांग रहा था बाबू

बैतूल. शिक्षकों को शासन द्वारा छठवे और सातवे वेतनमान की एरियर्स की राशि का भुगतान किया जा रहा है। सहायक अध्यापक और वरिष्ठ अध्यापकों को छठवे और नियमित शिक्षकों को सातवे वेतनमान की राशि दी जा रही है। शिक्षकों के खाते में सीधे यह राशि डाली जा रही है।
लेकिन राशि डालने के बदले कार्यालय के बाबू दस प्रतिशत कमिशन मांग रहे हैं। इसका एक शिक्षक ने आडियो वायरल कर दिया। जिससे हडक़ंप मच गया। जांच के निर्देश दिए गए तो जांच करने गए अफसर ने बाबू और शिक्षक के बीच समझौता करा दिया। बाबू ने भी माफी मांग ली, इससे विभाग ने रिश्वत और कमिशन के इस खेल को रफादफा कर दिया। सूत्र बताते हैं कि सभी शिक्षकों से कमिशन लिया गया है। जो कमिशन नहीं दे रहे उन्हें मोबाइल फोन कर धमकाया जा रहा है। भैसदेही कार्यालय के एक बाबू द्वारा शिक्षक से पैसे मांगने का आडियो वायरल हुआ है। मामला सामने आने के बाद बाबू ने शिक्षक पर दबाव डालकर कार्रवाई से बचने अपने पक्ष में लिखा लिया है।
भैंसदेही कार्यालय के बाबू और शिक्षक सलामे द्वारा वायरल वीडियो में वार्तालाप
बाबू- सलामे सर, देशपांडे बोल रहा था, आए नहीं तुम।
शिक्षक सलामे - क्या काम था सर।
बाबू- एरियर्स के पैसे होना था। आज आ जाना याद से बहुत खबर भिजा चुका हूं।
शिक्षक-मैडम ने दे दिए क्या।
बाबू- हॉ, दे दिए, तुम तुम्हारा काम देखो।
सलामे- पूछना पड़ेगा न सर प्रतिशत कुछ ज्यादा नहीं हो रहा।
बाबू-पहले बताना था फिर मैं देखता। पैसे निकलने के बाद इस टाइप, एक माह हो गया है। आज शाम को ध्यान से आ जाना।
शिक्षक-जी सर
वायरल होने के बाद मांगी माफी, लिखवाया
शिक्षक ने पैसे मांगने की बात गोंडवाना के पदाधिकारियों को बताई। पदाधिकारियों ने इस संबंध में अजाक विभाग के सहायक आयुक्त से शिकायत की थी। पदाधिकारियों ने बताया कि कार्यालय के लिपिक ने शिक्षक पर दबाव डालकर शिक्षक से लिखवा है कि बाबू द्वारा उससे कोई पैसे की मांग नहीं की है। बाबू ने इसके लिए शिक्षक से माफी भी मांगी है। मामले को रफादफा कर दिया है। आडियो रिकॉर्डिंग सामने आने के बाद बाबू ने माफी मांगी है। अन्य शिक्षक से एरियर्स की राशि में प्रतिशत मांगा जा रहा है। अन्य कार्यालय में भी शिक्षकों से वसूली की जा रही ैहै। अधिकारियों की मिलीभगत से यह सब चल रहा है।
इनका कहना
मेरे पास शिकायत आई थी। मामले की जांच के लिए गया था। आपसी में दोनों का समझौता हो गया है। जिससे कोई कार्रवाई नहीं की है।
अमरनाथ सिंह, सहायक आयुक्त अजाक विभाग।

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