भास्कर संवाददाता | देवास/बागली कलेक्टर आशीषसिंह को आए हुए तीन दिन ही हुए और यह दूसरा मौका है तब एक
व्यवस्था को बनाने के लिए जिला प्रशासन द्वारा लिए गए फैसले से दूसरी
व्यवस्था बिगड़ गई।
शुक्रवार को ट्रक अधिग्रहण के लिए पूरा स्टाफ लगाया तो परिवहन कार्यालय पर ताले पड़े। शनिवार को पौधारोपण संबंधी ट्रेनिंग के लिए बागली में 800 शिक्षकों को बुलवा लिया जिससे देवास सहित जिले के चार ब्लॉक के सरकारी स्कूलों में ताले पड़ गए। यह आदेश 21 जून को निकला था और 22 जून को ज्वाइन करने वाले कलेक्टर को ट्रेनिंग शुरू होने के पहले 24 जून को 9.30 बजे यह पता चला तो उन्होंने ट्रेनिंग रद्द कर दी और सभी शिक्षकों को वापस स्कूलों में भिजवाने के आदेश कर दिए। पर ऐसा नहीं हुआ क्योंकि दूरी अधिक होने से न तो शिक्षक दोपहर बाद तक अपने मूल स्कूल पहुंच पाए, न ही बच्चे थे। अब ट्रेनिंग किसी और दिन होगी।
बैठक रद्द होने से दोनों कार्य हुए प्रभावित
4 ब्लॉक के अधिकतर स्कूलों में ताले थे, क्योंकि शिक्षक बागली बुलाए गए
शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष शिवेश शर्मा, अंतरसिंह भंडारी आदि ने बताया पौधारोपण बैठक निरस्त होने से दोनों कार्य प्रभावित हुए। चारों विकासखंड में दूरस्थ अंचल वाले शिक्षक समय अभाव के कारण न तो स्कूल खोल पाए और न ही प्रशिक्षण का लाभ मिला जबकि मास्टर ट्रेनर प्रशिक्षण के लिए मौजूद थे। प्रशिक्षण ही दे दिया जाता। अपूर्वा सक्सेना सीईओ जनपद बागली ने बताया चारों विकासखंड के शिक्षक आने से शिक्षा कार्य प्रभावित होने के कारण कलेक्टर के आदेशानुसार प्रशिक्षण निरस्त किया गया है। आगामी बैठक जल्द होगी।
और हुआ यह
शिक्षा विभाग के इनहाउस वाट्सएप ग्रुप पर डीपीसी द्वारा कलेक्टर के निर्देश पर प्रशिक्षण निरस्ती के संबंध में डाला गया मैसेज।
देवास के प्राथमिक स्कूल इटावा समेत दर्जनों स्कूल के ताले भी नहीं खुले।
शिक्षक पहले ही बच्चों को शनिवार को छुट्टी होना बता चुके थे। बागली से जिले के अन्य विकासखंड 60 से 80 किमी तक दूर हैं। ऐसे में शिक्षक भी शाम तक स्कूलों में नहीं पहुंच पाए। नतीजा स्कूल नहीं खुले और ट्रेनिंग भी नहीं हो सकी।
9.30 बजे वापस भेजने का कह दिया था-कलेक्टर सिंह ने इस बारे में कहा है कि मुझे जैसे ही स्कूल बंद होने की जानकारी मिली तो सुबह 9.30 बजे ही ट्रेनिंग नहीं कराते हुए वापस स्कूल लौटने के आदेश कर दिए थे।
डीपीसी ने मैसेज भेजा 10.30 पर-कलेक्टर ने सुबह 9.30 बजे ही ट्रेनिंग रद्द करने की बात कह रहे हैं पर जिला परियोजना समन्वयक (डीपीसी) की ओर से विभागीय ग्रुप में यह मैसेज सुबह 10.30 बजे डाला गया। यानी निर्देश जारी होने में 1 घंटा लगा।
स्कूल खोलने की बात पर फूटा शिक्षकों का आक्रोश - बागली में बैठक निरस्त करने के संबंध में सुबह 10.35 बजे वाट्सअप से सूचना दी गई, जबकि सुबह 10 बजे तक ज्यादातर शिक्षक बागली पहुंच चुके थे। सूचना में स्कूल खोलने की बात भी कही गई, जिससे शिक्षक आक्रोशित हो गए।
कलेक्टर के आदेश पर शनिवार को सुबह 11 से 1 बजे तक स्थानीय जनपद पंचायत के प्रशिक्षण भवन व शासकीय उत्कृष्ट विद्यालय दो केंद्रों पर जिले के चार विकासखंड बागली, सोनकच्छ, टोंकखुर्द व देवास के शिक्षकों को पौधारोपण प्रशिक्षण के लिए बुलवाया था। समय पर पहुंचने के सख्त निर्देश थे। जब पता चला कि ट्रेनिंग में शिक्षकों के आने से इन चारों विकासखंडों के सैकड़ों स्कूलों के ताले ही नहीं खुले तो वीडियो कॉन्फ्रेंस कर कलेक्टर ने बीआरसी बागली अर्जुनसिंह मालवीय से शनिवार सुबह 10.16 बजे इसकी पुष्टि की। बीआरसी ने कलेक्टर को बताया जो शिक्षक यहां आए हैं उनसे जुड़े ज्यादातर स्कूल बंद है। यह सुन कलेक्टर ने बीआरसी को उक्त प्रशिक्षण बैठक निरस्त किए जाने के निर्देश दिए लेकिन तब तक देर हो चुकी थी और आमंत्रित में से 95 प्रतिशत शिक्षक बागली पहुंच चुके थे। वीसी के तत्काल बाद 10.30 बजे वाट्सअप पर निरस्ती की सूचना दी कि शिक्षक वापस जाकर अपना स्कूल खोलें। शिक्षकों ने बताया हम 100-125 किमी दूर से यहां आए और अब 11.30 बजे यहां से प्रस्थान कर कब स्कूल पहुंचेंगे व खोलेंगे। ज्यादातर शिक्षक तो बच्चों को छुट्टी का कहकर आए थे।
शुक्रवार को ट्रक अधिग्रहण के लिए पूरा स्टाफ लगाया तो परिवहन कार्यालय पर ताले पड़े। शनिवार को पौधारोपण संबंधी ट्रेनिंग के लिए बागली में 800 शिक्षकों को बुलवा लिया जिससे देवास सहित जिले के चार ब्लॉक के सरकारी स्कूलों में ताले पड़ गए। यह आदेश 21 जून को निकला था और 22 जून को ज्वाइन करने वाले कलेक्टर को ट्रेनिंग शुरू होने के पहले 24 जून को 9.30 बजे यह पता चला तो उन्होंने ट्रेनिंग रद्द कर दी और सभी शिक्षकों को वापस स्कूलों में भिजवाने के आदेश कर दिए। पर ऐसा नहीं हुआ क्योंकि दूरी अधिक होने से न तो शिक्षक दोपहर बाद तक अपने मूल स्कूल पहुंच पाए, न ही बच्चे थे। अब ट्रेनिंग किसी और दिन होगी।
बैठक रद्द होने से दोनों कार्य हुए प्रभावित
4 ब्लॉक के अधिकतर स्कूलों में ताले थे, क्योंकि शिक्षक बागली बुलाए गए
शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष शिवेश शर्मा, अंतरसिंह भंडारी आदि ने बताया पौधारोपण बैठक निरस्त होने से दोनों कार्य प्रभावित हुए। चारों विकासखंड में दूरस्थ अंचल वाले शिक्षक समय अभाव के कारण न तो स्कूल खोल पाए और न ही प्रशिक्षण का लाभ मिला जबकि मास्टर ट्रेनर प्रशिक्षण के लिए मौजूद थे। प्रशिक्षण ही दे दिया जाता। अपूर्वा सक्सेना सीईओ जनपद बागली ने बताया चारों विकासखंड के शिक्षक आने से शिक्षा कार्य प्रभावित होने के कारण कलेक्टर के आदेशानुसार प्रशिक्षण निरस्त किया गया है। आगामी बैठक जल्द होगी।
और हुआ यह
शिक्षा विभाग के इनहाउस वाट्सएप ग्रुप पर डीपीसी द्वारा कलेक्टर के निर्देश पर प्रशिक्षण निरस्ती के संबंध में डाला गया मैसेज।
देवास के प्राथमिक स्कूल इटावा समेत दर्जनों स्कूल के ताले भी नहीं खुले।
शिक्षक पहले ही बच्चों को शनिवार को छुट्टी होना बता चुके थे। बागली से जिले के अन्य विकासखंड 60 से 80 किमी तक दूर हैं। ऐसे में शिक्षक भी शाम तक स्कूलों में नहीं पहुंच पाए। नतीजा स्कूल नहीं खुले और ट्रेनिंग भी नहीं हो सकी।
9.30 बजे वापस भेजने का कह दिया था-कलेक्टर सिंह ने इस बारे में कहा है कि मुझे जैसे ही स्कूल बंद होने की जानकारी मिली तो सुबह 9.30 बजे ही ट्रेनिंग नहीं कराते हुए वापस स्कूल लौटने के आदेश कर दिए थे।
डीपीसी ने मैसेज भेजा 10.30 पर-कलेक्टर ने सुबह 9.30 बजे ही ट्रेनिंग रद्द करने की बात कह रहे हैं पर जिला परियोजना समन्वयक (डीपीसी) की ओर से विभागीय ग्रुप में यह मैसेज सुबह 10.30 बजे डाला गया। यानी निर्देश जारी होने में 1 घंटा लगा।
स्कूल खोलने की बात पर फूटा शिक्षकों का आक्रोश - बागली में बैठक निरस्त करने के संबंध में सुबह 10.35 बजे वाट्सअप से सूचना दी गई, जबकि सुबह 10 बजे तक ज्यादातर शिक्षक बागली पहुंच चुके थे। सूचना में स्कूल खोलने की बात भी कही गई, जिससे शिक्षक आक्रोशित हो गए।
कलेक्टर के आदेश पर शनिवार को सुबह 11 से 1 बजे तक स्थानीय जनपद पंचायत के प्रशिक्षण भवन व शासकीय उत्कृष्ट विद्यालय दो केंद्रों पर जिले के चार विकासखंड बागली, सोनकच्छ, टोंकखुर्द व देवास के शिक्षकों को पौधारोपण प्रशिक्षण के लिए बुलवाया था। समय पर पहुंचने के सख्त निर्देश थे। जब पता चला कि ट्रेनिंग में शिक्षकों के आने से इन चारों विकासखंडों के सैकड़ों स्कूलों के ताले ही नहीं खुले तो वीडियो कॉन्फ्रेंस कर कलेक्टर ने बीआरसी बागली अर्जुनसिंह मालवीय से शनिवार सुबह 10.16 बजे इसकी पुष्टि की। बीआरसी ने कलेक्टर को बताया जो शिक्षक यहां आए हैं उनसे जुड़े ज्यादातर स्कूल बंद है। यह सुन कलेक्टर ने बीआरसी को उक्त प्रशिक्षण बैठक निरस्त किए जाने के निर्देश दिए लेकिन तब तक देर हो चुकी थी और आमंत्रित में से 95 प्रतिशत शिक्षक बागली पहुंच चुके थे। वीसी के तत्काल बाद 10.30 बजे वाट्सअप पर निरस्ती की सूचना दी कि शिक्षक वापस जाकर अपना स्कूल खोलें। शिक्षकों ने बताया हम 100-125 किमी दूर से यहां आए और अब 11.30 बजे यहां से प्रस्थान कर कब स्कूल पहुंचेंगे व खोलेंगे। ज्यादातर शिक्षक तो बच्चों को छुट्टी का कहकर आए थे।