भोपाल.
बजट के लिए लगातार बैठकें और प्लानिंग कर रहे योजना आयोग के प्रमुख
सलाहकार और आईपीएस अधिकारी राजेंद्र कुमार मिश्रा को राज्य सरकार ने एकतरफा
रिलीव कर दिया है। बिना गृह विभाग के बुलाए मिश्रा को उनके मूल विभाग भेज
दिया गया। बताया जा रहा है कि वित्त विभाग के अपर मुख्य सचिव एपी
श्रीवास्तव बजट प्रक्रिया में आयोग की दखलंदाजी से खफा थे। मिश्रा की मंशा
थी कि किस विभाग को कितना देना है और क्या खर्च होना है इसकी प्लानिंग होनी
ही चाहिए। बहरहाल, मिश्रा के साथ सरकार ने 6 आईएएस अफसरों का भी ट्रांसफर
किया है।
सूत्रों
का कहना है कि बजट को लेकर हुई बैठकों में लगातार वित्त विभाग की ओर से
कहा जा रहा था कि योजना आयोग के अफसर अनावश्यक बैठक कर रहे हैं। जब प्लान
और नॉन प्लान को मर्ज कर दिया गया है तो इसकी जरूरत क्या है।
बताया
जा रहा है कि श्रीवास्तव ने एक फार्मूला भी बनाया लेकिन योजना आयोग का
तर्क था कि प्लानिंग करने का साइंटिफिक फार्मूला होता है। बाद में केंद्र
सरकार की ओर से भी कहा गया कि साइंटिफिक तरीके से ही प्लानिंग हो। लिहाजा
श्रीवास्तव खफा थे।
उन्होंने
इसे लेकर जनवरी माह के आखिर में मुख्यमंत्री को नोटशीट भी लिखी। इसका जवाब
मिश्रा ने दिया। गुरुवार को फिर बजट को लेकर बैठक में यह मसला उठा तो
आनन-फानन में तबादला सूची में मिश्रा का भी नाम जुड़ गया। मिश्रा ने इस
मामले में टिप्पणी से इंकार कर दिया। उनकी जगह वित्त विभाग के सचिव
अनिरुद्ध मुकर्जी को प्रमुख सलाहकार का प्रभार दिया गया है।
मैंने कोई नोटशीट नहीं लिखी : श्रीवास्तव
श्रीवास्तव
का कहना है कि तबादला या मूल विभाग में लौटाना एक सामान्य प्रक्रिया है।
नाराजगी जैसी कोई बात नहीं थी। न ही मैंने कोई नोटशीट लिखी है। ट्रांसफर
करना शासन का काम है।
लूप लाइन में पड़े प्रभांशु और थेटे को मिला काम
चिकित्सा शिक्षा विभाग में रहते समय लापरवाही बरतने पर मुख्यमंत्री की नाराजगी झेल रहे अपर मुख्य सचिव प्रभांशु कमल की वापसी हो गई है। मंत्रालय में ओएसडी पदस्थ किए गए प्रभांशु को अनुसूचित जाति विभाग का जिम्मा दिया गया है।
चिकित्सा शिक्षा विभाग में रहते समय लापरवाही बरतने पर मुख्यमंत्री की नाराजगी झेल रहे अपर मुख्य सचिव प्रभांशु कमल की वापसी हो गई है। मंत्रालय में ओएसडी पदस्थ किए गए प्रभांशु को अनुसूचित जाति विभाग का जिम्मा दिया गया है।
अपर मुख्य सचिव
राधेश्याम जुलानिया के खिलाफ मुखर होने पर पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग
में सचिव पद से हटाए गए रमेश थेटे को भी काम मिल गया है। ओएसडी मंत्रालय
रहे थेटे को पिछड़ा वर्ग विभाग में सचिव बनाया गया है। थेटे को दो माह पहले
और प्रभांशु को 23 दिसंबर को हटाया गया था।
इसके अलावा वन विभाग में सचिव रहे एनपी डेहरिया को सचिव महिला एवं बाल विकास विभाग, उच्च शिक्षा विभाग में अपर सचिव ज्ञानेश्वर पाटिल को मार्कफेड में एमडी, भिंड जिपं के सीईओ प्रवीण सिंह अधयक को उज्जैन तथा श्योपुर जिपं के सीईओ डॉ. फटिंग राहुल हरिदास को जल संसाधन विभाग में उपसचिव पदस्थ किया गया है।
प्रभांशु कमल के
कार्यभार ग्रहण करने पर प्रमुख सचिव अशोक शाह अनुसूचित-जाति कल्याण विभाग
के प्रभार से मुक्त होंगे। रमेश थेटे द्वारा सचिव पिछड़ा वर्ग एवं
अल्पसंख्यक कल्याण विभाग का कार्यभार ग्रहण करने पर सचिन सिन्हा इस दायित्व
से मुक्त होंगे।
इस ट्रांसफर
के साथ ही हाल ही में मुख्यमंत्री के उपसचिव बनाए गए नंद कुमारम को विमानन
विभाग का भी प्रभार दिया गया है। विकास आयुक्त कार्यालय में संयुक्त आयुक्त
संदीप शर्मा को भिंड जिपं का सीईओ बनाया गया है।