जबलपुर।
शिक्षण व्यवस्था को सुधारने के लिए उच्च शिक्षा विभाग छात्रों से जुड़ी
अति आवश्यक सेवाओं को लोक सेवा गारंटी के दायरे में लाने की तैयारी कर रहा
है। उच्च शिक्षा विभाग ने इसका मसौदा तैयार कर लिया है। इसे इसी सत्र से
लागू करने की तैयारी है।
अभी ये शामिल
उच्च
शिक्षा विभाग ने छात्रों से जुड़ी प्रमुख पांच सेवाओं को दायरे में रखा
है। इसमें ट्रांसफर सर्टिफिकेट, कैरेक्टर सर्टिफिकेट, कॉशन मनी, सत्यापन,
ऑटोनामॅस कॉलेजों के परिणामों में उत्तर पुस्तिकाओं का अवलोकन को शामिल
किया गया है। उच्च शिक्षा विभाग द्वारा तैयार की गई गाइड लाइन में इन 5
सेवाओं को संबंधित संस्थान को 5 दिवस के अंदर उपलब्ध कराना होगा। यदि एेसा
नहीं किया जाता है तो छठवें दिन से प्राचार्य को 250 रुपए प्रतिदिन के
हिसाब से जुर्माना अदा करना होगा। इसके बाद यदि 4 दिन देरी होती है तो 1000
रुपए अर्थदंड देना होगा। यह राशि संबंधित छात्र के खाते में जाएगी।
जानकारों
के अनुसार चार बिंदुओं पर तो समय पर काम हो सकता है लेकिन लोक सेवा गारंटी
दायरे में उत्तर पुस्तिकाओं के अवलोकन रखने से मुसीबत खड़ी कर सकती है।
साल में दो बार होने वाली परीक्षाओं के दौरान लाखों की संख्या में
उत्तरपुस्तिकाएं जांच के लिए पहुंचती है। एेसे में किसी छात्र की
उत्तरपुस्तिका मौके पर उपलब्ध होना संभव नहीं होता।
इनका कहना है कि
शिक्षण
व्यवस्था को प्रभावी बनाने और पारदर्शिता के लिए पांच सेवाओं को लोक सेवा
गारंटी में लाया जा रहा है। प्राचार्यों के खिलाफ 250 रुपए अर्थदंड लगाया
जाएगा।
डॉ.केएल जैन, अतिरिक्त संचालक उच्च शिक्षा
इस
व्यवस्था को लागू किए जाने से छात्रों को बड़ी राहत मिलेगी। कई बार
छात्रों को कॉपी देखने, टीसी जैसी समस्याओं को लेकर कुलपति से शिकायत करनी
पड़ती है।
अनुज प्रताप सिंह, विवि छात्र प्रमुख