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किस तरह पढ़ा रहे शिक्षक होगी रियल टाइम मॉनीटरिंग

श्योपुर। नईदुनिया न्यूज शासकीय स्कूलों में पढ़ाने वाले शिक्षकों का तरीका किस तरह का है। प्रतिदिन क्लास में शिक्षकों द्वारा दिए गए ज्ञान से बच्चों का शैक्षणिक लेवल बढ़ रहा है या नहीं। यह जानने के लिए शिक्षा विभाग स्कूलों में मॉनीटरिंग कराएगा।
यदि बच्चों के शैक्षणिक लेवल में अंतर नजर नहीं आएगा तो संबंधित शिक्षकों पर कार्रवाई की जाएगी। रिपोर्ट तैयार करने के लिए स्कूलों में रियल टाइम मॉनीटरिंग कराई जाएगी। इसके बाद शिक्षक और छात्रों की रिपोर्ट ऑनलाइन भेजी जाएगी। स्कूलों के एजुकेशनल स्टैंडर्ड को बढ़ाने के लिए एचआरडी स्कूल शिक्षा विभाग ने भी ई संपर्क पोर्टल पर स्कूली शिक्षकों की जानकारी मांगी है। जिसका मुख्य उद्देश्य शिक्षकों के ज्ञान को परखना और यदि किसी तरह की कमियां है तो उन्हें दूर करना है, इधर 2015-16 में शिक्षा विभाग द्वारा तैयार कराई गई स्कूल संबंधी रिपोर्ट में श्योपुर जिला उम्मीदों पर खरा नहीं उतर पाया था। क्योंकि विभागीय रूप से जिलेभर के 5 हजार 107 स्कूलों का इंस्पेक्शन कराया गया था, जिनमें 363 स्कूलों में तो शिक्षक नहीं नहीं मिले और अन्य कई तरह की समस्याएं सामने आई थी।
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आधार से जोड़ी जाएगी शिक्षकों की स्टाइल
स्कूलों में होने वाली रियल टाइम मॉनीटरिंग में यदि शिक्षक फेल होते हैं तो कार्रवाई के साथ उन्हें निश्चित समय देकर ट्रेनिंग भी कराई जा सकती है। इसके लिए स्कूलों में पढ़ाने वाले शिक्षकों का डेटा तैयार किया जाएगा। यह डेटा उनके आधार नंबर से जुड़ा होगा। जब मॉनीटरिंग में किसी शिक्षक का शैक्षणिक स्तर कमजोर पाया जाता है तो उसकी इंट्री ई पोर्टल पर भी की जाएगी। ताकि भविष्य में संबंधित शिक्षक को रिकॉर्ड आधार नंबर डालते ही एक क्लिक में सामने आ सके। इस तरह के कॉन्सेप्ट से जिलेभर के लगभग साढ़े चार हजार शिक्षकों का डाटा तैयार किया जाएगा।
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सुदूर क्षेत्रों के स्कूलों में पढ़ाने नहीं जाते शिक्षक
जिले में शिक्षा को लेकर स्थिति ये है कि जिले के सुदूर क्षेत्रों में संचालित कई स्कूल ऐसे हैं जहां शिक्षक पढ़ाने ही नहीं जाते। जिसकी हकीकत जिला प्रशासन के पदाधिकारियों द्वारा किए जाने वाले औचक निरीक्षणों में सामने आ चुकी है। यही कारण है कि सुदूर क्षेत्रों के स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों का शैक्षणिक स्तर में कोई बदलाव नहीं आ पा रहा है। इधर आदिवासी बाहुल्य क्षेत्रों के 70 फीसदी स्कूलों में 100 फीसदी नामांकित छात्र पढ़ने ही नहीं पहुंचते। इधर शैक्षणिक स्तर को सुधारने के लिए जिला प्रशासन ने भी प्राचार्यों को शिक्षकों की मॉनीटरिंग करने के निर्देश दे दिए हैं।
वर्जन
हमारा मुख्य उद्देश्य शिक्षा के स्तर को बढ़ाना है। इसलिए जल्द स्कूलों में शिक्षकों और छात्रों की मॉनीटरिंग कराएंगे। यदि छात्रों के शैक्षणिक स्तर में सुधार नहीं दिखेगा तो शिक्षकों को जिम्मेदार मानते हुए उन पर कार्रवाई की जाएगी।
अजय कटियार
डीईओ, श्योपुर

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