भास्कर संवाददाता| कोटरीकलां झाड़ला संकुल के अतिथि शिक्षकों ने शिक्षा विभाग पर नियम के मुताबिक मानदेय नहीं देने का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि दबाव की वजह से शिक्षा विभाग ने संकुल के अतिथि शिक्षकों को पिछले 3 महीने का मानदेय तो दे दिया।
लेकिन यह नियम के मुताबिक नहीं होने की वजह से आधा अधूरा था। एक अतिथि शिक्षक दशरथ सिंह मालवीय ने बताया कि मिडिल स्कूल में नियम के मुताबिक प्रतिदिन 150 रुपए मानदेय बनता है। मेरी उपस्थिति 3 महीनों में 68 दिन रही। इस मायने से मुझे 10 हजार 200 रुपए मिलने थे। लेकिन जब बैंक खाते को चेक किया तो केवल 9300 रुपए ही जमा हुए। इस बारे में संकुल प्राचार्य अशोक जाटव से बात की तो उन्होंने पूरी जवाबदारी बीईओ की बताकर बात को टाल दिया। जबकि वास्तव में बीईओ कार्यालय में सारे बिल संकुल से ही तैयार होकर जाते हैं। कुछ अतिथि शिक्षकों ने बताया कि पिछले शिक्षण सत्र में भी मानदेय हमेशा कम मिला। लेकिन हमने यह सोचकर सब्र कर लिया कि शायद आगे से व्यवस्था सुधर जाए। लेकिन इस सत्र में भी यही स्थिति है। जबकि ब्लॉक के दूसरे संकुलों में पदस्थ अतिथि शिक्षकों को नियम के मुताबिक ही मानदेय मिल रहा है। इस बारे में गुरुवार को जब संकुल प्राचार्य अशोक जाटव से बात की तो उन्होंने बताया कि अभी बीईओ कार्यालय में अतिथि शिक्षकों के मानदेय का काम देखने वाले बाबू छुट्टी पर हैं। जब वे आएंगे, तब पूरी जानकारी ली जाएगी। अगर नियम में आता है तो अतिरिक्त भुगतान होगा, अन्यथा कुछ नहीं होगा।
पूरा काम संकुल स्तर का ही है
अतिथि शिक्षकों के बिल संकुल केंद्र से ही तैयार होते हैं। उनके मानदेय का भुगतान भी संकुल प्राचार्य ही करते हैं। बीईओ का काम तो केवल भुगतान के दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करना है। अगर संकुल प्राचार्य कह रहे हैं कि गड़बड़ी मेरे कार्यालय से हुई है तो मैं उनसे बात करती हूं। चित्रा व्यास, बीईओ नरसिंहगढ़।
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लेकिन यह नियम के मुताबिक नहीं होने की वजह से आधा अधूरा था। एक अतिथि शिक्षक दशरथ सिंह मालवीय ने बताया कि मिडिल स्कूल में नियम के मुताबिक प्रतिदिन 150 रुपए मानदेय बनता है। मेरी उपस्थिति 3 महीनों में 68 दिन रही। इस मायने से मुझे 10 हजार 200 रुपए मिलने थे। लेकिन जब बैंक खाते को चेक किया तो केवल 9300 रुपए ही जमा हुए। इस बारे में संकुल प्राचार्य अशोक जाटव से बात की तो उन्होंने पूरी जवाबदारी बीईओ की बताकर बात को टाल दिया। जबकि वास्तव में बीईओ कार्यालय में सारे बिल संकुल से ही तैयार होकर जाते हैं। कुछ अतिथि शिक्षकों ने बताया कि पिछले शिक्षण सत्र में भी मानदेय हमेशा कम मिला। लेकिन हमने यह सोचकर सब्र कर लिया कि शायद आगे से व्यवस्था सुधर जाए। लेकिन इस सत्र में भी यही स्थिति है। जबकि ब्लॉक के दूसरे संकुलों में पदस्थ अतिथि शिक्षकों को नियम के मुताबिक ही मानदेय मिल रहा है। इस बारे में गुरुवार को जब संकुल प्राचार्य अशोक जाटव से बात की तो उन्होंने बताया कि अभी बीईओ कार्यालय में अतिथि शिक्षकों के मानदेय का काम देखने वाले बाबू छुट्टी पर हैं। जब वे आएंगे, तब पूरी जानकारी ली जाएगी। अगर नियम में आता है तो अतिरिक्त भुगतान होगा, अन्यथा कुछ नहीं होगा।
पूरा काम संकुल स्तर का ही है
अतिथि शिक्षकों के बिल संकुल केंद्र से ही तैयार होते हैं। उनके मानदेय का भुगतान भी संकुल प्राचार्य ही करते हैं। बीईओ का काम तो केवल भुगतान के दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करना है। अगर संकुल प्राचार्य कह रहे हैं कि गड़बड़ी मेरे कार्यालय से हुई है तो मैं उनसे बात करती हूं। चित्रा व्यास, बीईओ नरसिंहगढ़।
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