जबलपुर। नवंबर माह के पहले पखवाड़े से ऑनलाइन तबादला प्रक्रिया शुरु करने
के संकेत मिल चुके हैं। बावजूद इसके जिले में तबादला प्रक्रिया के पहले
छात्र संख्या व विषय के हिसाब से शिक्षकों को इधर से उधर (युक्तियुक्तकरण)
करने की प्रक्रिया अभी तक शुरु नहीं की जा सकी।
28 सितम्बर तक मिली मियाद के बाद भी अभी तक जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय ये जानकारी नहीं जुटा पाया कि किन स्कूलों में छात्र संख्या के हिसाब से जरुरत से ज्यादा (अतिशेष) शिक्षक हैं और कहां एक भी शिक्षक नहीं। स्थापना संबंधी जानकारी जुटाने और शिक्षकों को इधर से उधर करने में की जा रही हीलाहवाली के चलते चलते ऐसे कई स्कूल हैं जो अतिथि शिक्षकों के भरोसे चलने मजबूर है।
ऐसी चल रही लेटलतीफी
- 28 सितम्बर तक संकुल प्राचार्यों से जुटा लेनी थी शिक्षकों की स्थापना संबंधी जानकारी।
- 163 में से 12 संकुल प्राचार्यों से जानकारी न मिलने विभाग दे रहा दलील।
- एक संकुल के अर्न्तगत आते हैं करीब 50 से 65 स्कूल
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कहीं ज्यादा तो कहीं शिक्षक ही नहीं
- जिले में 2251 प्राइमरी, मिडिल सहित 178 हाई और हायर सेकेण्डरी स्कूल हैं।
- कई स्कूलों में छात्र संख्या व विषय के हिसाब से जरुरत से ज्यादा शिक्षक हैं तो कहीं एक भी स्थाई शिक्षक पदस्थ नहीं।
- प्राइमरी स्कूल हाथीडोल, हुल्की, गुग्गुटोला, सुंदरपुर जैसे अधिकांश स्कूलों में अतिथि शिक्षकों के भरोसे चल रहा स्कूल
- डीईओ, डीपीसी, बीईओ, बीआरसी कार्यालयों में शिक्षक कर रहे बाबूगिरी।
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संकुलों से स्थापना संबंधी जानकारी बुलाई जा रही है। जल्द ही आगे की प्रक्रिया शुरु की जाएगी।
-सतीश अग्रवाल, डीईओ
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28 सितम्बर तक मिली मियाद के बाद भी अभी तक जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय ये जानकारी नहीं जुटा पाया कि किन स्कूलों में छात्र संख्या के हिसाब से जरुरत से ज्यादा (अतिशेष) शिक्षक हैं और कहां एक भी शिक्षक नहीं। स्थापना संबंधी जानकारी जुटाने और शिक्षकों को इधर से उधर करने में की जा रही हीलाहवाली के चलते चलते ऐसे कई स्कूल हैं जो अतिथि शिक्षकों के भरोसे चलने मजबूर है।
ऐसी चल रही लेटलतीफी
- 28 सितम्बर तक संकुल प्राचार्यों से जुटा लेनी थी शिक्षकों की स्थापना संबंधी जानकारी।
- 163 में से 12 संकुल प्राचार्यों से जानकारी न मिलने विभाग दे रहा दलील।
- एक संकुल के अर्न्तगत आते हैं करीब 50 से 65 स्कूल
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कहीं ज्यादा तो कहीं शिक्षक ही नहीं
- जिले में 2251 प्राइमरी, मिडिल सहित 178 हाई और हायर सेकेण्डरी स्कूल हैं।
- कई स्कूलों में छात्र संख्या व विषय के हिसाब से जरुरत से ज्यादा शिक्षक हैं तो कहीं एक भी स्थाई शिक्षक पदस्थ नहीं।
- प्राइमरी स्कूल हाथीडोल, हुल्की, गुग्गुटोला, सुंदरपुर जैसे अधिकांश स्कूलों में अतिथि शिक्षकों के भरोसे चल रहा स्कूल
- डीईओ, डीपीसी, बीईओ, बीआरसी कार्यालयों में शिक्षक कर रहे बाबूगिरी।
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संकुलों से स्थापना संबंधी जानकारी बुलाई जा रही है। जल्द ही आगे की प्रक्रिया शुरु की जाएगी।
-सतीश अग्रवाल, डीईओ
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