भास्कर संवाददाता | भिंड जिले के सरकारी स्कूल में छात्रों को पढ़ाई बेहतर और स्मार्ट तरीके से
करवाने के लिए शिक्षा विभाग नॉलेज हब के नाम से वेबसाइट शुरू करेगा। जल्द
ही वेबसाइट में स्कूली विद्यार्थियों के कोर्स पर आधारित वीडियो, पावर
पाइंट प्रजेंटेशन और प्रयोगात्मक शिक्षण विधियों और लेख शामिल किए जाएंगे।
वेबसाइट में किसी भी क्षेत्र में काम कर रहे शिक्षित, जागरूक और ऊर्जावान लोग नि:शुल्क सेवाएं दे सकेंगे। इनमें सरकारी और प्राइवेट स्कूलों के शिक्षक, रिटायर्ड शिक्षक और अधिकारी, अभिभावक और युवा शामिल होंगे। शिक्षा विभाग इससे जुड़ने वाले लोगों से संपर्क करेगा।
नए संचार माध्यमों का उपयोग करेंगे: डीईओ एसएन तिवारी के अनुसार हब का मूल उद्देश्य बदले हुए दौर में नए संचार माध्यमों से बच्चों को बेहतर शिक्षा देना है। वहीं सरकार की मंशा है कि सरकारी स्कूलों में पढ़ रहे बच्चों को भी बेहतर शिक्षा मिले। आने वाले दिनों में नई शिक्षा पद्धति लागू होने से शिक्षा का स्तर भी बढ़ सकेगा।
पहले चरण में कक्षा 5 से 8 तक के छात्र शामिल: पहले चरण में कक्षा 5 से 8 तक के बच्चों का कोर्स शामिल किया जाएगा। इसमें काम बच्चों की पढ़ाई से संबंधित सामग्री और उनके मन में उठने वाले प्रश्न को एकत्र कर उन लोगों को बताया जाएगा जो वेबसाइट में अपना योगदान देना चाहते हैं। वे शैक्षणिक सामग्री और बच्चों के प्रश्नों का तार्किक और बेहतर तरीके से समाधान बताएंगे।
इस तरह भेजी जाएगी जानकारी
वेबसाइट में योगदान देने वाले शिक्षक, अभिभावक, रिटायर्ड अधिकारी, शिक्षक या युवा का परिचय। वे कौन सी शैक्षणिक सामग्री में अपना योगदान देना चाहते हैं, इसका ब्यौरा देना होगा। जैसे- कक्षा, विषय, पाठ्यक्रम के उल्लेख के साथ उस सामग्री के बारे में भी बताना होगा, जो संबंधित व्यक्ति देना चाहते हैं। यानी वीडियो, पावर पाइंट प्रजेंटेशन, प्रयोगात्मक शिक्षण विधि या आलेख। उनका पता, ई-मेल या मोबाइल नंबर। स्मार्ट क्लास की तर्ज पर प्रयोगात्मक कक्षा लगाई जाएंगी। इसके तहत शिक्षक संबंधित वेबसाइट पर क्लिक करेंगे। बच्चों को व्यावहारिक ज्ञान दिया जाएगा।
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वेबसाइट में किसी भी क्षेत्र में काम कर रहे शिक्षित, जागरूक और ऊर्जावान लोग नि:शुल्क सेवाएं दे सकेंगे। इनमें सरकारी और प्राइवेट स्कूलों के शिक्षक, रिटायर्ड शिक्षक और अधिकारी, अभिभावक और युवा शामिल होंगे। शिक्षा विभाग इससे जुड़ने वाले लोगों से संपर्क करेगा।
नए संचार माध्यमों का उपयोग करेंगे: डीईओ एसएन तिवारी के अनुसार हब का मूल उद्देश्य बदले हुए दौर में नए संचार माध्यमों से बच्चों को बेहतर शिक्षा देना है। वहीं सरकार की मंशा है कि सरकारी स्कूलों में पढ़ रहे बच्चों को भी बेहतर शिक्षा मिले। आने वाले दिनों में नई शिक्षा पद्धति लागू होने से शिक्षा का स्तर भी बढ़ सकेगा।
पहले चरण में कक्षा 5 से 8 तक के छात्र शामिल: पहले चरण में कक्षा 5 से 8 तक के बच्चों का कोर्स शामिल किया जाएगा। इसमें काम बच्चों की पढ़ाई से संबंधित सामग्री और उनके मन में उठने वाले प्रश्न को एकत्र कर उन लोगों को बताया जाएगा जो वेबसाइट में अपना योगदान देना चाहते हैं। वे शैक्षणिक सामग्री और बच्चों के प्रश्नों का तार्किक और बेहतर तरीके से समाधान बताएंगे।
इस तरह भेजी जाएगी जानकारी
वेबसाइट में योगदान देने वाले शिक्षक, अभिभावक, रिटायर्ड अधिकारी, शिक्षक या युवा का परिचय। वे कौन सी शैक्षणिक सामग्री में अपना योगदान देना चाहते हैं, इसका ब्यौरा देना होगा। जैसे- कक्षा, विषय, पाठ्यक्रम के उल्लेख के साथ उस सामग्री के बारे में भी बताना होगा, जो संबंधित व्यक्ति देना चाहते हैं। यानी वीडियो, पावर पाइंट प्रजेंटेशन, प्रयोगात्मक शिक्षण विधि या आलेख। उनका पता, ई-मेल या मोबाइल नंबर। स्मार्ट क्लास की तर्ज पर प्रयोगात्मक कक्षा लगाई जाएंगी। इसके तहत शिक्षक संबंधित वेबसाइट पर क्लिक करेंगे। बच्चों को व्यावहारिक ज्ञान दिया जाएगा।
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