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जिले में 412 अतिशेष, फिर भी 28 स्कूल में कोई शिक्षक नहीं

जिले में 412 अतिशेष, फिर भी 28 स्कूल में कोई शिक्षक नहीं
जिले में स्कूल शिक्षा के दो रूप सामने आए हैं। एक ओर जहां प्राइमरी स्कूल में 412 शिक्षक अतिशेष हैं, वहीं 28 स्कूल ऐसे हैं, जहां एक भी शिक्षक नहीं है। इतना ही नहीं 192 प्राइमरी स्कूल सिर्फ एक शिक्षक के जिम्मे हैं।
आंकड़े चौंकाने वाले हैं और चिंताजनक भी। बात सागर विकासखंड की करें तो यहां सबसे अधिक 114 शिक्षक अतिशेष हैं। इससे बिल्कुल साफ है कि शिक्षकों को शहर का मोह है। वह नहीं चाहते कि शहर को छोड़कर गांवों में जाना पड़े। सबसे कम अतिशेष शिक्षक का आंकड़ा राहतगढ़ विकासखंड का है, यहां 17 ही अतिशेष निकले हैं। यह सभी वो आंकड़े हैं जो पूरे जिले भर से डीईओ कार्यालय में आए हैं।

विभागीय अधिकारियों का दावा है कि जल्दी ही इन्हें पोर्टल पर अपलोड किया जाएगा। इसके बाद दावे आपत्तियां भी बुलाई जाएंगी। फिर इन शिक्षकों को ऐसे स्कूलों में भेजा जाएगा, जहां उनकी जरूरत है।

अब तक निपट जाना थी प्रक्रिया

1. शासन के निर्देशानुसार युक्तियुक्तकरण के तहत अतिशेष शिक्षकों को ऐसी स्कूल में भेजा जाना है जो शिक्षकविहीन हैं या फिर ऐसी जहां शिक्षकों की जरूरत है। 30 सितंबर तक यह लिस्ट तैयार हो जाना थी, लेकिन विकासखंड स्तर पर कछुआ चाल के चलते अभी सिर्फ प्राइमरी की सूची ही आ सकी है। अभी तक हर जरूरतमंद स्कूल में शिक्षक पहुंच जाना थे, लेकिन अब तक ऐसा नहीं हो सका है।

शासन के पैसों का हो रहा है दुरुपयोग

2. शिक्षा जगत से सरोकार रखने वाले लोगों का कहना है कि अतिशेष शिक्षकों का युक्तियुक्तकरण नहीं करने से शासन का पैसा ही व्यर्थ जा रहा है। यह शिक्षक जरूरतमंद स्कूल में भेज दिए जाते तो कई जगह अतिथि शिक्षक रखने की जरूरत ही नहीं पड़ती। लेकिन उच्च अधिकारियों की मेहरबानी के चलते शहर के मोह से जुड़े शिक्षकों को उनके मनपसंद स्कूल से अब तक नहीं हटाया गया है।

शहर में भरमार, गांवों में हालत खराब : शिक्षकविहीन तमाम स्कूल ग्रामीण क्षेत्रों से हैं। इसके विपरीत शहरी क्षेत्र व इससे जुड़े स्कूलों में शिक्षकों की भरमार है। अतिशेष शिक्षकों की तैनाती का यह खेल सालों से जिले में खेला जाता रहा है। हालांकि पिछले साल इस पर रोक लगी। 500 से अधिक शिक्षक अतिशेष में इधर से उधर हुए थे। पर उसमें भी आरोप लगे थे कि कुछ लोग ज्वाइन नहीं हुए थे। शिक्षा का अधिकार यानी की आरटीई के समय पर यह हाल हैं जब शिक्षक शहरों में अधिक और गांव में कम हैं। जबकि इस कानून के मुताबिक शिक्षक-छात्र अनुपात तय है।

प्राइमरी में अतिशेष की यह है स्थिति

सागर 114

बीना 43

शाहगढ़ 40

रहली 36

देवरी 35

खुरई 34

बंडा 26

मालथौन 24

केसली 24

जैसीनगर 19

राहतगढ़ 17

प्राइमरी स्कूल की लिस्ट बनकर तैयार हो गई है। मिडिल, हाईस्कूल और हायर सेकंडरी स्कूल सूची लगभग अंतिम स्थिति में हैं। इन्हें क्रमवार पोर्टल पर डालते हुए दावे-आपत्तियां बुलाएंगे। इसके बाद जरूरतमंद स्कूलों में अतिशेष शिक्षकों को भेज दिया जाएगा। - आरएन शुक्ला, डीईओ सागर
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