सतना।
जिले में एक दर्जन शिक्षक फर्जी मार्कशीट पर नौकरी कर रहे हैं। राज्य ओपन
स्कूल बोर्ड की फर्जी मार्कशीट का मामला सामने आने के बाद भी जिला शिक्षा
अधिकारी उन पर मेहरबान हैं। जब बोर्ड इस बात को प्रमाणित कर चुका है कि
इनकी मार्कशीट फर्जी है, इसके बाद भी उन्हें नौकरी पर रखा गया है।
मामले में संभागीय कार्यालय माध्यमिक शिक्षा मंडल के निर्देश के बाद भी डीईओ ने इन पर एफआईआर नहीं दर्ज कराई। डीईओ एसके कुशवाह का कहना है कि मामला गंभीर है। संबंधित शाखा से फाइल निकलवा कर कार्रवाई की जाएगी। हालांकि, यह मेरे समय का नहीं है।
कैसे हुआ खुलासा
मामले का खुलासा तब हुआ जब डीईओ कार्यालय से दस्तावेज सत्यापन के बाद ये लोग डीएड परीक्षा का आवेदन किए। इस पर इनके आवेदन ऑनलाइन कर इनके नामिनल रोलनंबर और पात्रता अभिलेख संभागीय कार्यालय माध्यमिक शिक्षा मंडल पहुंचे। इस पर इनकी अंकसूची का सत्यापन म.प्र. राज्य मुक्त स्कूल शिक्षा परिषद से करवाया गया। सत्यापन में एक दर्जन लोगों की 12वीं की अंकसूची फर्जी पाई गई। इसकी जानकारी माध्यमिक शिक्षा मंडल ने जिले को दी।
एफआईआर कराने के दिए थे निर्देश
संभागीय अधिकारी माशिमं ने इस संबंध में स्पष्ट निर्देश दिये थे कि मंडल के निर्देशानुसार जिला शिक्षाधिकारी अपने स्तर से आपराधिक प्रकरण दर्ज कराएं। इसके बाद भी डीईओ ने इन पर प्रकरण दर्ज कराना तो दूर इन्हें नौकरी से भी पृथक नहीं किया।
यहां रहे पदस्थ
क्रमश: प्रा.शा. न्यू बेला, प्रा.शा. भुमरा, प्रा.शा. देवरहा टोला, प्रा.शा. सभागंज, प्रा.शा. ऊंचा टोला, प्रा.शा. सन्नई, प्रा.शा. आलमपुर, प्रा.शा. पहरुअन धरिपाड़ी, प्रा.शा. टीकर खुर्द, प्रा.शा. बरगड़ी, प्रा.शा. रीछी, प्रा.शा. खखरा, प्रा.शा. उछिन्नपुर घुनवारा
इनकी अंकसूची फर्जी मिली
हरिप्रकाश कोल पिता रामपाल कोल, तेजभान सिंह पिता मान सिंह, गोमती साकेत पिता नर्मदा प्रसाद, द्रोपदी बाई पिता सोने सिंह, पप्पू कोल पिता जयलाल कोल, कविता पटेल पिता रामाधार पटेल, विमलेश कुमारी बागरी पिता श्यामसुंदर बागरी, राजेन्द्र प्रसाद पटेल पिता रामसुंदर पटेल, छोटी बाई कोल पिता अंबिका कोल, रघुराज सिंह पिता व्यंकट सिंह, अहिवरन सिंह पिता रघुनंदन सिंह, विद्या देवी पिता महिपाल सिंह, सीमा सिंह पिता लल्लू सिंह
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मामले में संभागीय कार्यालय माध्यमिक शिक्षा मंडल के निर्देश के बाद भी डीईओ ने इन पर एफआईआर नहीं दर्ज कराई। डीईओ एसके कुशवाह का कहना है कि मामला गंभीर है। संबंधित शाखा से फाइल निकलवा कर कार्रवाई की जाएगी। हालांकि, यह मेरे समय का नहीं है।
कैसे हुआ खुलासा
मामले का खुलासा तब हुआ जब डीईओ कार्यालय से दस्तावेज सत्यापन के बाद ये लोग डीएड परीक्षा का आवेदन किए। इस पर इनके आवेदन ऑनलाइन कर इनके नामिनल रोलनंबर और पात्रता अभिलेख संभागीय कार्यालय माध्यमिक शिक्षा मंडल पहुंचे। इस पर इनकी अंकसूची का सत्यापन म.प्र. राज्य मुक्त स्कूल शिक्षा परिषद से करवाया गया। सत्यापन में एक दर्जन लोगों की 12वीं की अंकसूची फर्जी पाई गई। इसकी जानकारी माध्यमिक शिक्षा मंडल ने जिले को दी।
एफआईआर कराने के दिए थे निर्देश
संभागीय अधिकारी माशिमं ने इस संबंध में स्पष्ट निर्देश दिये थे कि मंडल के निर्देशानुसार जिला शिक्षाधिकारी अपने स्तर से आपराधिक प्रकरण दर्ज कराएं। इसके बाद भी डीईओ ने इन पर प्रकरण दर्ज कराना तो दूर इन्हें नौकरी से भी पृथक नहीं किया।
यहां रहे पदस्थ
क्रमश: प्रा.शा. न्यू बेला, प्रा.शा. भुमरा, प्रा.शा. देवरहा टोला, प्रा.शा. सभागंज, प्रा.शा. ऊंचा टोला, प्रा.शा. सन्नई, प्रा.शा. आलमपुर, प्रा.शा. पहरुअन धरिपाड़ी, प्रा.शा. टीकर खुर्द, प्रा.शा. बरगड़ी, प्रा.शा. रीछी, प्रा.शा. खखरा, प्रा.शा. उछिन्नपुर घुनवारा
इनकी अंकसूची फर्जी मिली
हरिप्रकाश कोल पिता रामपाल कोल, तेजभान सिंह पिता मान सिंह, गोमती साकेत पिता नर्मदा प्रसाद, द्रोपदी बाई पिता सोने सिंह, पप्पू कोल पिता जयलाल कोल, कविता पटेल पिता रामाधार पटेल, विमलेश कुमारी बागरी पिता श्यामसुंदर बागरी, राजेन्द्र प्रसाद पटेल पिता रामसुंदर पटेल, छोटी बाई कोल पिता अंबिका कोल, रघुराज सिंह पिता व्यंकट सिंह, अहिवरन सिंह पिता रघुनंदन सिंह, विद्या देवी पिता महिपाल सिंह, सीमा सिंह पिता लल्लू सिंह
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