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10 सरकारी हाईस्कूलों में अब ऑनलाइन पढ़ाई, अन्य स्कूल भी जुड़ेंगे

शाजापुर। जिले के 10 सरकारी स्कूल वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से जुड़ गए हैं, जहां गुरुवार से ऑनलाइन पढ़ाई भी शुरू हो गई। पहले दिन कलेक्टोरेट से कलेक्टर, एडीएम ने बच्चों से ऑनलाइन चर्चा की। उनसे प्रदेश की मैरिट लिस्ट में अव्वल आने का वादा लिया, वहीं कई सवाल भी पूछे। अधिकांश बच्चों ने सही उत्तर दिए।
इस पर कलेक्टर ने खुशी जाहिर की। नई व्यवस्था के तहत ब्लॉक मुख्यालय स्थित उत्कृष्ट स्कूलों से ई-शिक्षा का संचालन होगा। शिक्षा विभाग में अमले की कमी के चलते अध्यापन और परीक्षा परिणाम पर असर न पड़े इसके लिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से स्कूलों को विषय विशेषज्ञ उपलब्ध कराने के लिए यह कवायद की जा रही है। बीते सत्र में चुंनिदा स्कूलों में वीसी के माध्यम से पढ़ाई हुई थी। इस बार से सभी स्कूलों को इससे जोड़ा जा रहा है।
गुरुवार सुबह 11 बजे कलेक्टोरेट के सभाकक्ष में कलेक्टर राजीव शर्मा ने वीसी के माध्यम से शिक्षा की शुरुआत की। उन्होंने बच्चों से पूछा कि ओलिंपिक गेम्स कहां चल रहे हैं। इसी तरह के सामान्य ज्ञान से जुड़े और भी सवाल पूछे। योजना के तहत जिले की 41 शालाओं को इससे जोड़ा जाएगा और विषय विशेषज्ञ कठिन विषयों का अध्यापन वीसी के माध्यम से कराने के साथ बच्चों की विषय संबंधी अन्य कठिनाइयां भी दूर करेंगे। ई-शिक्षा संचालन के लिए हर विकासखंड मुख्यालय पर स्थित उत्कृष्ट स्कूलों को सेंटर पाइंट बनाया गया है। यहां स्वान कनेक्टिविटी के माध्यम से सिस्टम तैयार कर कम से कम 10 शालाओं को जोड़ने की कवायद की गई है। इस तरह जिले के चारों ब्लॉक मुख्यालय शाजापुर, कालापीपल, शुजालपुर और मोहन बड़ोदिया के उत्कृष्ट स्कूलों को सेंटर पाइंट बनाकर यहां से कक्षाओं का संचालन किया जाएगा। उत्कृष्ट स्कूलों को सेंटर पाइंट बनाने के पीछे नेट कनेक्टिविटी को कारण बताया जा रहा है। शुरुआत में एडीएम मीनाक्षी सिंह, ई-गर्वर्नेंस मैनेजर बिरमसिंह सोंधिया व टीम सदस्य मौजूद थे।
अब ग्राम पंचायत नहीं जाना पड़ेगा
पिछले साल जिले की 46 ग्राम पंचायतों को हाईटेक करते हुए ऑनलाइन किया गया था। जहां स्कूल के बच्चे पहुंचते थे। जिन्हें कलेक्टोरेट के वीसी कक्ष से विषय विशेषज्ञ पढ़ाते थे। इस दौरान कई बार नेट कनेक्टिविटी न मिलने के कारण कक्षाएं प्रभावित हुईं। वहीं एक ही स्थान से 15 स्कूलों में ई-शिक्षा का संचालन होने से भी तकनीकी परेशानियों का सामना करना पड़ा। इसके चलते इस बार सेंटर पाइंट उत्कृष्ट स्कूलों से संचालित किया जाएगा। बताया जाता है कि एक ही सेंटर से बड़ी संख्या में वीसी का संचालन होने में तकनीकि दिक्कतें आ रही थीं। इसके लिए अब इसे चार सेंटर में बांटा गया है।
गणित, विज्ञान और अंग्रेजी पर विशेष ध्यान
जिले में गणित, विज्ञान और अंग्रेजी आदि विशेष के शिक्षकों का ज्यादा टोटा है। इसके चलते इन विषयों का अध्यापन कार्य शाला में मुश्किल हो रहा था। इसे देखते हुए वीसी के माध्यम से विषय विशेषज्ञ बच्चों को पढ़ाएंगे और उनकी परेशानियां दूर करेंगे। इसके अलावा विद्यार्थियों की विषय संबंधी अन्य समस्याओं का समाधान भी किया जाएगा। वीसी से अभी जोड़े गए सभी स्कूलों से हर कक्षा में 40-50 बच्चे शामिल होंगे।
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