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निरीक्षण में नहीं चलेगी मनमानी, 83 बिंदु निर्धारित

स्कूलों में निरीक्षण को लेकर राज्य शिक्षा केंद्र ने अब एक नई व्यवस्था शुरू कर दी है। इसमें शिक्षा विभाग के अफसरों को निरीक्षण करने के बाद पोर्टल पर जानकारी अपलोड करनी होगी। इसके अलावा मनमर्जी से अब निरीक्षण भी नहीं होंगे।
राज्य शिक्षा केंद्र ने निर्धारित निरीक्षण प्रपत्र के अनुसार अफसरों द्वारा निरीक्षण किए जाएंगे। इसमें निरीक्षण करने के तुरंत बाद अधिकारियों ऑनलाइन निरीक्षण की जानकारी फीड करने पर अफसरों को वेतन दिया जाएगा। अभी तक अपने हिसाब से अफसर निरीक्षण करने में जुटे रहते थे।

राज्य शिक्षा केंद्र ने शिक्षा के स्तर को सुधारने के लिए जनशिक्षा केंद्र से लेकर जिला शिक्षा केंद्र तक निरीक्षण करने के लिए अधिकारी नियुक्त किए हैं। इसमें डीपीसी, बीआरसीसी, बीएसी, सीएसी सभी को टारगेट दिए जाएंगे और टारगेट के अनुसार ही उन्हें निरीक्षण करना होगा। अब नियम का पालन कराने के लिए विभाग ने आदेश जारी किया है और ऐसा न करने वालों के विरुद्ध कार्रवाई तो की जाएगी साथ ही उनका वेतन भी रोका जाएगा।

स्वच्छता के प्रति विशेष ध्यान : शासन द्वारा निरीक्षण के लिए 83 बिंदु का एक प्रपत्र फिक्स किया गया है, जिसके अनुसार ही निरीक्षण होंगे। अभी तक अधिकारी अपने हिसाब से किसी भी स्कूल में कोई भी जानकारी लिखकर निरीक्षण पंजी में दर्ज कर देते थे, लेकिन शाला दर्पण पोर्टल में ऐसा नहीं होगा। उसमें फीड 83 बिंदुओं पर ही निरीक्षण किया जाएगा। इसमें खासतौर पर अधिकारियों द्वारा स्कूल में स्वच्छता देखी जाएगी, जो शाला दर्पण पोर्टल में फीड होगी। इसमें शाला दर्पण की तरह रहेगा, जांच उपरांत स्कूल की स्थिति सामने आएगी।

जानकारी फीड नहीं, तो होगी कार्रवाई

Ãसभी बीआरसीसी को शाला दर्पण पोर्टल पर निरीक्षण करने के बाद जानकारी फीड करने के लिए कहा गया है। यदि अधिकारियों द्वारा निरीक्षण करने के बाद निरीक्षण प्रपत्र के अनुसार जानकारी फीड नहीं की जाती है, तो उसके विरुद्ध कार्रवाई की जााएगी साथ ही वेतन रोकने का प्रावधान भी इसमें है। - सुरेंद्र सक्सेना, डीपीसी

जिला शिक्षा केंद्र से प्राप्त जानकारी के अनुसार जिला परियोजना समन्वयक (डीपीसी) को जिलेभर के एक महीनें में कम से कम 30 स्कूलों का निरीक्षण करना होगा। वहीं बीआरसीसी को एक माह में विकासखंड के अंतर्गत आने वाले 30 स्कूलों का निरीक्षण करना होगा और बीएसी को 20 स्कूलों में जाना होगा। इसके अलावा जनशिक्षक (सीएसी) को अपने क्षेत्राधिकार में आने वाले स्कूलों में एक माह में दो बार जाना होगा और अब इन सभी अधिकारियों को निरीक्षण करने के बाद शाला दर्पण में इसकी जानकारी फीड करनी होगी।
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