निजी स्कूलों में बच्चों को पढ़ाने में पालकों की रुचि नहीं है। निशुल्क शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत जिले की 263 निजी स्कूलों की 1600 सीटों पर प्रवेश होना है। इसके लिए शिक्षा विभाग ने तीन बार ऑनलाइन आवेदन बुलाए। लेकिन आखिरी तारीख तक केवल 1030 आवेदन ही आए।
अभी जिले में 112 स्कूलों की मान्यता का फैसला स्पष्ट नहीं है। ऐसे में 25 प्रतिशत सीटों के मान से करीब 400 सीट कम होने की आशंका है। खाली सीटें भरने के लिए चौथी बार तारीख बढ़ाने का फैसला अब राज्य शिक्षा केंद्र के हाथ में है।
प्रचार की कमी, ऑनलाइन से परेशानी
निजी स्कूलों में कौन अपने बच्चों को मुफ्त प्रवेश दिला सकता है, इसकी अभी कई पालकों की सही जानकारी नहीं है। इसकी शुरुआत आखिरी तारीख के बारे में भी शिक्षा विभाग प्रचार नहीं करता। इस साल ऑनलाइन आवेदन की शुरुआत की। इससे कई लोगों को समय प्रक्रिया व आखिरी तारीख की जानकारी नहीं मिल सकी। इससे 1600 सीटों के विरुद्ध केवल 1030 आवेदन ही आए। जबकि तीन बार तारीख बढ़ाई।
42% निजी स्कूलों की मान्यता लंबित
जिले में शिक्षा विभाग के मैदानी अमले व निजी स्कूलों के बीच सांठगांठ किस तरह चल रही है इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि अभी 42 फीसदी स्कूलों आरटीई के मापदंड को पूरा नहीं करते। इनमें खेल मैदान, योग्यता धारक टीचर नहीं हैं। छात्र छात्राओं के लिए अलग अलग शौचालय, पीने के पानी के इंतजाम नहीं हैं। हरदा में ही कुछ स्कूल किराये के कमरों में लग रहे हैं। खेल मैदान के नाम पर सामने की खुली सड़क है। ऐसे स्कूल संचालक बीते माह एडमिशन दे चुके बच्चों को अब टीसी दे रहे हैं। पालकों की पीड़ा ये है कि अब वे बच्चों को ड्रेस व किताब दिला चुके हैं। ऐसे में दूसरी स्कूल में दाखिला किताब व ड्रेस फिर कहां से कैसे दिलाएंगे। एक जुलाई को 31 स्कूलों को मान्यता निरस्त करने नोटिस दिए। इनमें से दर्जनों स्कूल ऐसे हैं जो पंपलेट, दीवार लेखन सोशल साइट के माध्यम से पालकों को भ्रमित कर एडमिशन के लिए प्रेरित कर रहे हैं।
उत्कृष्ट विद्यालय में जिला शिक्ष केंद्र की बैठक हुई।
रिपोर्ट कुछ, हकीकत कुछ तो नोडल होंगे दोषी
जिला शिक्षा केंद्र की मंगलवार को उत्कृष्ट विद्यालय में बैठक हुई। इसमें 95 नोडल अधिकारी बनाए। वे जिले की मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों में आरटीई के तहत दिए जा रहे प्रवेश की प्रक्रिया व आरटीई में वांछित सुविधाओं का भौतिक सत्यापन कर रिपोर्ट देंगे। नोडल अफसर देखेंगे कि इन स्कूलों में बीएड, डीएड शिक्षक हैं या नहीं। दर्ज छात्रों के अनुपात में टीचर हैं या नहीं। खेल मैदान, शौचालय, पीने का साफ पानी सभी बुनियादी सुविधाओं की रिपोर्ट देंगे। इसका क्रास वेरीफिकेशन होगा। रिपोर्ट में सच्चाई में अंतर उजागर होने पर नोडल अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई होगी। डीपीसी आरएस तिवारी ने बताया 26 जुलाई से 2 अगस्त तक निशुल्क एडमिशन की प्रक्रिया चलेगी।
जिले की 263 निजी स्कूलों की 1600 सीटों पर 25 फीसदी बच्चों को मुफ्त प्रवेश देने ऑनलाइन आवेदन तीन बार बुलाए। केवल 1030 आवेदन आए। 95 नोडल अफसर बनाए हैं। लंबित मान्यता वाले स्कूल प्रवेश दे रहे हैं तो राज्य शिक्षा केंद्र से कलेक्टर के जरिए पत्र राशि के को पत्र लिखकर मार्गदर्शन लेकर कार्रवाई करेंगे। आरएस तिवारी, डीपीसी, जिला शिक्षा केंद्र
जिले में कुल निजी
स्कूल की स्थिति
ब्लाॅक मान्यता मान्यता लंबित
हरदा 62 67
खिरकिया 51 17
टिमरनी 38 28
कुल 151 112
आरटीई में 2011 से 2015-16 तक हुए दाखिले
हरदा 2230
खिरकिया 1184
टिमरनी 1175
कुल 4589
वर्ष 2015 में 183 स्कूलों में हुए दाखिलों की स्थिति
ब्लॉक सीट प्रवेश हुए
हरदा 85 739
खिरकिया 46 478
टिमरनी 52 449
कुल 183 1666
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अभी जिले में 112 स्कूलों की मान्यता का फैसला स्पष्ट नहीं है। ऐसे में 25 प्रतिशत सीटों के मान से करीब 400 सीट कम होने की आशंका है। खाली सीटें भरने के लिए चौथी बार तारीख बढ़ाने का फैसला अब राज्य शिक्षा केंद्र के हाथ में है।
प्रचार की कमी, ऑनलाइन से परेशानी
निजी स्कूलों में कौन अपने बच्चों को मुफ्त प्रवेश दिला सकता है, इसकी अभी कई पालकों की सही जानकारी नहीं है। इसकी शुरुआत आखिरी तारीख के बारे में भी शिक्षा विभाग प्रचार नहीं करता। इस साल ऑनलाइन आवेदन की शुरुआत की। इससे कई लोगों को समय प्रक्रिया व आखिरी तारीख की जानकारी नहीं मिल सकी। इससे 1600 सीटों के विरुद्ध केवल 1030 आवेदन ही आए। जबकि तीन बार तारीख बढ़ाई।
42% निजी स्कूलों की मान्यता लंबित
जिले में शिक्षा विभाग के मैदानी अमले व निजी स्कूलों के बीच सांठगांठ किस तरह चल रही है इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि अभी 42 फीसदी स्कूलों आरटीई के मापदंड को पूरा नहीं करते। इनमें खेल मैदान, योग्यता धारक टीचर नहीं हैं। छात्र छात्राओं के लिए अलग अलग शौचालय, पीने के पानी के इंतजाम नहीं हैं। हरदा में ही कुछ स्कूल किराये के कमरों में लग रहे हैं। खेल मैदान के नाम पर सामने की खुली सड़क है। ऐसे स्कूल संचालक बीते माह एडमिशन दे चुके बच्चों को अब टीसी दे रहे हैं। पालकों की पीड़ा ये है कि अब वे बच्चों को ड्रेस व किताब दिला चुके हैं। ऐसे में दूसरी स्कूल में दाखिला किताब व ड्रेस फिर कहां से कैसे दिलाएंगे। एक जुलाई को 31 स्कूलों को मान्यता निरस्त करने नोटिस दिए। इनमें से दर्जनों स्कूल ऐसे हैं जो पंपलेट, दीवार लेखन सोशल साइट के माध्यम से पालकों को भ्रमित कर एडमिशन के लिए प्रेरित कर रहे हैं।
उत्कृष्ट विद्यालय में जिला शिक्ष केंद्र की बैठक हुई।
रिपोर्ट कुछ, हकीकत कुछ तो नोडल होंगे दोषी
जिला शिक्षा केंद्र की मंगलवार को उत्कृष्ट विद्यालय में बैठक हुई। इसमें 95 नोडल अधिकारी बनाए। वे जिले की मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों में आरटीई के तहत दिए जा रहे प्रवेश की प्रक्रिया व आरटीई में वांछित सुविधाओं का भौतिक सत्यापन कर रिपोर्ट देंगे। नोडल अफसर देखेंगे कि इन स्कूलों में बीएड, डीएड शिक्षक हैं या नहीं। दर्ज छात्रों के अनुपात में टीचर हैं या नहीं। खेल मैदान, शौचालय, पीने का साफ पानी सभी बुनियादी सुविधाओं की रिपोर्ट देंगे। इसका क्रास वेरीफिकेशन होगा। रिपोर्ट में सच्चाई में अंतर उजागर होने पर नोडल अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई होगी। डीपीसी आरएस तिवारी ने बताया 26 जुलाई से 2 अगस्त तक निशुल्क एडमिशन की प्रक्रिया चलेगी।
जिले की 263 निजी स्कूलों की 1600 सीटों पर 25 फीसदी बच्चों को मुफ्त प्रवेश देने ऑनलाइन आवेदन तीन बार बुलाए। केवल 1030 आवेदन आए। 95 नोडल अफसर बनाए हैं। लंबित मान्यता वाले स्कूल प्रवेश दे रहे हैं तो राज्य शिक्षा केंद्र से कलेक्टर के जरिए पत्र राशि के को पत्र लिखकर मार्गदर्शन लेकर कार्रवाई करेंगे। आरएस तिवारी, डीपीसी, जिला शिक्षा केंद्र
जिले में कुल निजी
स्कूल की स्थिति
ब्लाॅक मान्यता मान्यता लंबित
हरदा 62 67
खिरकिया 51 17
टिमरनी 38 28
कुल 151 112
आरटीई में 2011 से 2015-16 तक हुए दाखिले
हरदा 2230
खिरकिया 1184
टिमरनी 1175
कुल 4589
वर्ष 2015 में 183 स्कूलों में हुए दाखिलों की स्थिति
ब्लॉक सीट प्रवेश हुए
हरदा 85 739
खिरकिया 46 478
टिमरनी 52 449
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