इंदौर। नगर प्रतिनिधि शहर के जीडीसी, जीएससीसी व होलकर साइंस
कॉलेज में कार्यरत सीधी भर्ती वाले प्रोफेसरों को हाई कोर्ट से राहत मिल गई
है। प्रोफेसरों की नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका कोर्ट ने
प्रारंभिक तौर पर खारिज कर दी है।
पीएससी ने 2009 से 2011 के बीच शासकीय कॉलेजों में इंटरव्यू के आधार पर प्रोफेसरों की सीधी भर्ती की थी। 385 पदों के लिए विज्ञापन जारी कर स्क्रूटनी व साक्षात्कार के बाद 238 पद भरे गए थे। 104 प्रोफेसरों की नियुक्ति को चुनौती देते हुए याचिकाकर्ता पंकज प्रजापति ने हाई कोर्ट में पिटिशन लगाई थी। इसमें कहा गया था कि पीएचडी के बाद 10 साल का अनुभव होना जरूरी है। याचिकाकर्ता का कहना है कोर्ट ने पूर्व उच्च शिक्षा मंत्री, पूर्व पीएससी चेयरमैन का नाम हटाने के निर्देश दिए हैं। इन्हें हटाकर दोबारा याचिका दाखिल की जाएगी।
अभी तक रुकी हुई है प्रमोशन प्रक्रिया
हाई कोर्ट में मामला होने के कारण प्रोफेसरों की प्रमोशन प्रक्रिया अभी तक रुकी हुई है। पिछले साल उच्च शिक्षा विभाग ने प्रमोशन के लिए डीपीसी की प्रक्रिया शुरू की थी लेकिन इसमें सीधी भर्ती वाले प्रोफेसरों को शामिल नहीं किया जा रहा था। इसे लेकर प्रोफेसरों ने प्राध्यापक संघ के माध्यम से कोर्ट में पिटिशन लगा दी थी। इसके बाद से पूरी प्रक्रिया पर स्टे है। अब संभावना है कि जल्द ही प्रोफेसरों के प्रमोशन का मुददा भी सुलझ सकता है।
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पीएससी ने 2009 से 2011 के बीच शासकीय कॉलेजों में इंटरव्यू के आधार पर प्रोफेसरों की सीधी भर्ती की थी। 385 पदों के लिए विज्ञापन जारी कर स्क्रूटनी व साक्षात्कार के बाद 238 पद भरे गए थे। 104 प्रोफेसरों की नियुक्ति को चुनौती देते हुए याचिकाकर्ता पंकज प्रजापति ने हाई कोर्ट में पिटिशन लगाई थी। इसमें कहा गया था कि पीएचडी के बाद 10 साल का अनुभव होना जरूरी है। याचिकाकर्ता का कहना है कोर्ट ने पूर्व उच्च शिक्षा मंत्री, पूर्व पीएससी चेयरमैन का नाम हटाने के निर्देश दिए हैं। इन्हें हटाकर दोबारा याचिका दाखिल की जाएगी।
अभी तक रुकी हुई है प्रमोशन प्रक्रिया
हाई कोर्ट में मामला होने के कारण प्रोफेसरों की प्रमोशन प्रक्रिया अभी तक रुकी हुई है। पिछले साल उच्च शिक्षा विभाग ने प्रमोशन के लिए डीपीसी की प्रक्रिया शुरू की थी लेकिन इसमें सीधी भर्ती वाले प्रोफेसरों को शामिल नहीं किया जा रहा था। इसे लेकर प्रोफेसरों ने प्राध्यापक संघ के माध्यम से कोर्ट में पिटिशन लगा दी थी। इसके बाद से पूरी प्रक्रिया पर स्टे है। अब संभावना है कि जल्द ही प्रोफेसरों के प्रमोशन का मुददा भी सुलझ सकता है।
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