भोपाल। तीन
साल से लंबित प्रदेश के एरिया एजुकेशन ऑफिसर्स(एईओ) की भर्तियां जल्द ही
होंगी। सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को नए सिरे से एईओ की भर्ती प्रक्रिया
शुरू करने के आदेश दिए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में दायर स्पेशल
लीव पिटीशन पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को नए सिरे से एईओ के पदों पर
भर्ती की प्रक्रिया शुरू करने के आदेश दिए हैं।
सुप्रीम
कोर्ट ने स्पष्ट करते हुए कहा है कि यह राज्य सरकार पर निर्भर करता है कि
वो नए सिरे से विज्ञापन जारी कर एईओ की भर्ती करना चाहती या नहीं। इसके साथ
ही ये हिदायत भी दी है कि पुराने अभ्यर्थियों और सरकार के खिलाफ याचिकाएं
दायर करने वालों के साथ किसी भी तरह का भेदभाव न किया जाए।
सुप्रीम
कोर्ट ने यह भी कहा है कि बिना किसी पूर्वाग्रह के सभी को नियुक्ति
प्रक्रिया में भाग लेने का मौका मिलना चाहिए। जस्टिस फकीर मोहम्मद इब्राहिम
कलीफुल्ला और जस्टिस शरद अरविंद बोवड़े की संयुक्त पीठ ने ये फैसला सुनाया
है।
तीन साल से चल रहा था मामला
सितंबर
2013 में एईओ की भर्ती परीक्षा आयोजित की गई थी। राज्य़ शिक्षा सेवा के तहत
3 हजार एईओ के पदों के लिए आवेदन आमंत्रित किये गये थे। 8 सितंबर 2013 को
व्यापमं के माध्यम से ऑनलाइन परीक्षा कराई गई थी। जिसका नतीजा 10 सितंबर को
घोषित किया गया था।
इन
नतीजों में 80 प्रतिशत अध्यापक और 20 फीसदी प्रधानाध्यपक व यूडीटी शिक्षक
सफल रहे थे। इन नतीजों का प्रधानाध्यपक और यूडीटी अध्यापकों ने विरोध किया
था। उन्होंने कुछ साल पहले नौकरी में आए अध्यापकों को खुद के समकक्ष किये
जाने का विरोध करते हुए अनुभव के अंकों में कटौती करने की मांग की थी।
सरकार
के मांगे नहीं मानने पर वे हाईकोर्ट चले गए। बाद में हाईकोर्ट ने मप्र
शिक्षा सेवा स्कूल ब्रांच नियुक्ति एवं पदोन्नति नियम 1982 में 16 सितंबर
2013 को किए गए बदलाव पर स्टे कर दिया था, जिसके बाद से नियुक्ति प्रक्रिया
अधर में रह गई थी। वहीं अब सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद 3 हजार पदों पर
भर्ती का रास्ता साफ हो गया है।
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