कटनी।
जिले के किस सरकारी स्कूलों को किस सामग्री की जरूरत हैं, यह जानने के लिए
दानदाता व्यक्ति को अब संस्था या ट्रस्ट को अब स्कूल तक नहीं जाना पड़ेगा।
यदि कोई सरकारी स्कूलों की कुछ भी मदद करना चाहता है तो एजुकेशन पोर्टल पर
देख सकता है। सरकारी स्कूलों की जरूरतों का लेखा-जोखा पोर्टल पर डालने
योजना बनाई जा रही है। शिक्षा विभाग विद्यालय उपहार योजना नए सत्र से
एक्टिव करने जा रही है। इसमें राज्य शिक्षा केंद्र ने उपहार योजना का
परीक्षण करने के लिए माड्यूल एजुकेशन पोर्टल से लिंक किया है।
बीआरसी स्तर पर होगी मॉनीटरिंग
सॉफ्टवेयर
की मदद से किसी भी स्कूल की जरूरतों की जानकारी लेकर मदद की जा सकेगी।
इतना ही नहीं उपहार में दी जाने वाली सामग्री का रिकार्ड भी शिक्षा विभाग
के पास उपलब्ध रहेगा। योजना की मॉनीटरिंग बीआरसी स्तर पर की जा रही है।
सूची देखकर कोई भी व्यक्ति अपनी जानकारी के साथ संबंधित स्कूल को सामग्री
उपहार में देने का ऑप्शन क्लिक करेगा और स्कूल को उपहार दे सकेगा।
सॉफ्टवेयर में संबंधित दानदाता ऑप्शन भरकर अपना नाम, पता, मोबाइल नंबर भी
लिखेगा। इस आधार पर बीआरसी या शिक्षक संबंधित से संपर्क करेगा और उपहार
स्कूलों तक पहुंचाएगा। जिसकी जानकारी सॉफ्टवेयर में ही रिकार्ड होगी।
स्कूलों को यह सामग्री कर सकते हैं दान
स्कूल
में किचन संबंधी सामग्री, वॉटर फि ल्टर, नल कनेक्शन, वॉटर कूलर, पंखे,
बिजली, उपकरण, एलईडी, सोलर लाइट, दरी, फर्नीचर, कम्प्यूटर, बोर्ड, साफ-सफाई
उपकरण, शिक्षण सामग्री, ग्रीन बोर्ड, त्रिपाल, पुस्तकालय संबंधी सामग्री,
प्रयोगशाला सामग्री, खेल सामग्री, भवन की मरम्मत की सामग्री, खेल मैदान का
समतलीकरण, बाउंड्रीवाल, भवन के लिए जमीन आदि उपहार में दे सकते हैं। इससे
सरकारी स्कूल और बेहतर हो सकेंगे। इस संबंध में जिला शिक्षा अधिकारी एसएन
पांडे का कहना है कि इस उपहार योजना से स्कूल बेहतर होंगे। वहीं स्कूल के
छात्रों को काफी लाभ प्राप्त होगा। सॉफ्टवेयर की मदद से कोई भी व्यक्ति
स्कूलों को उपहार प्रदान कर सकेगा। इससे सरकारी स्कूलों की स्थिति में भी
सुधार होगा।
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