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हरियाणा में शिक्षक भर्ती घोटाले की जांच सीबीआई ने जल्दी कर ली थी, मध्यप्रदेश में देरी क्यों?

भोपाल. पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कहा है कि मुझे आश्चर्य है कि सीबीआई ने आज तक मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निजी सचिव रहे प्रेमचंद प्रसाद से क्यों पूछताछ नहीं की जबकि उन्होंने स्वयं अपनी बेटी का ओएमआर सीट में हेरफेर कर मेडिकल कॉलेज में एडमिशन कराया।

उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में जिस तरह से व्यापमं मामले में एसटीएफ ने इन्वेस्टिगेशन करने में गड़बड़ियां की। इसके लिए अफसरों पर मुकदमा दर्ज होना चाहिए। शुक्रवार को सीबीआई की स्थानीय विंग ने उनसे दो घंटे पूछताछ की। दिग्विजय ने बाद में मीडिया से चर्चा भी की।
व्यापमं घोटाले को लेकर अब तक हुई जांच के बारे में क्या चर्चा हुई?
मप्र सरकार ने इस केस को दबाने की नियत से उन लोगों पर ज्यादा ध्यान दिया, जिन्होंने पैसा देकर नौकरियां पाई, जिनकी संख्या हजारों में है। जो ताकतवर दलाल हैं उन पर ध्यान नहीं दिया। यही मेरी शिकायत रही है। इसमें एक सेक्शन चीटर का और दूसरा चीटेड का है। पहले में दलाल, स्कोरर, व्यापमं और सरकार के अफसर हैं। दूसरे वे हैं जो ठगे गए हैं, सीबीआई को इसी पक्ष को सरकारी गवाह बनाना चाहिए।
चीटर व चीटेड में फर्क, चीटेड को गवाह बनाएं
हरियाणा में शिक्षक भर्ती घोटाले की जांच सीबीआई ने जल्दी कर ली थी, मध्यप्रदेश में देरी क्यों?
हरियाणा में सीबीआई ने ओमप्रकाश चौटाला की भूमिका को इन्वेस्टीगेट किया, जिसमें उन्होंने 130 शिक्षकों की भर्ती के मामले में हस्तक्षेप किया था। सीबीआई ने उक्त मामले को जल्दी इन्वेस्टीगेट कर दिया जिसकी वजह से चौटाला को जेल भी जाना पड़ा। वहां शिक्षकों को आरोपी नहीं बनाया गया, लेकिन मप्र में जो लोग ठगे गए थे उन्हें आरोपी बनाया। साढ़े तीन हजार लोग शामिल कर केस इतना बड़ा कर दिया गया। चीटर और चीटेड में अंतर करना चाहिए। चीटेड को गवाह बनाएं और उनसे सबतू लें ताकि चीटर को जेल भेजा जा सके। हरियाणा में शुरू में ही सीबीआई ने जांच कर ली थी, यहां उसे एसटीएफ के बैगेज को ढोना पढ़ रहा है।
सीबीआई की अब तक की जांच कैसी रही?
प्रेमचंद्र प्रसाद जो कि सीएम के निजी सचिव थे जिन्होंने बेटी को मेडिकल कॉलेज को भर्ती कराया ओएमआर सीट में हेरफेर करके। आज तक जांच नहीं की है उनसे क्यों पूछताछ नहीं की ?

एसटीएफ की जांच पर सवालिया निशान लगते रहे हैं?
एसटीएफ ने उन लोगों को इंट्रोगेट नहीं किया, जिन्होंने लूट मचाई। 15 के एक्शलसीट में नाम थे। पांच को गिरफ्तार किया। 5 को सरकारी गवाह बना लिया। 5 को छोड़ दिया। यह तो डिस्क्रिमेशन हो गया। ऐसे अफसरों के खिलाफ मुकदमा होना चाहिए।

कांग्रेस ने जो पेन ड्राइव सौंपी, वह जांच कहां पहुंची ?
हमारे पास जो पेन ड्राइव है जिसको ट्रुथ लैब को भेजा है उसको सीबीआई को उनके पास मौजूद हार्ड डिस्क से रिलेट करना चाहिए। हार्ड डिस्क तो सीबीआई के पास है।
परिवहन निरीक्षक भर्तियों में मुख्यसचिव की भूमिका के बारे में सीबीआई को शिकायत हुई है ?
क्या शिकायत हुई, सीबीआई देखेगी। मैं कुछ नहीं कर सकता।
जो सोनिया कहें, वो मेरा अध्यक्ष
प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष के लिए कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया का नाम चर्चा में है। मेरा खेमा तो सोनिया गांधी का खेमा है। जो सोनिया गांधी कहेंगी वो मेरा अध्यक्ष है।
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