भोपाल। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने सीबीआई के जांच अफसरों के सवालों और शंकाओं का जवाब देने के साथ अपनी शिकायत के मुद्दे भी उठाए। उन्होंने कहा कि एसटीएफ के पास मौजूद दस्तावेजों में केंद्रीय मंत्री उमा भारती, गुलाब सिंह किरार एवं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निज सचिव रहे प्रेम चंद प्रसाद के नाम का स्पष्ट उल्लेख है लेकिन उमा और प्रेमचंद से सीबीआई पूछताछ क्यों नहीं करती?
दिग्विजय ने यह भी कहा कि प्रेमचंद प्रसाद से अनेक खुलासे हो सकते हैं। इसके अलावा उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि पीड़ित पक्ष को आरोपी बनाने के बजाए गवाह बनाने से प्रकरण मजबूत होगा। इसके लिए उन्होंने हरियाणा के शिक्षक फर्जीवाड़े का उदाहरण भी दिया। एक सवाल के जवाब में उन्होंने सीबीआई को यह भी बताया कि प्रख्यात वकील कपिल सिब्बल, केटीएस तुलसी एवं विवेक तनखा ने व्हिसिल ब्लोअर प्रशांत पांडे द्वारा उपलब्ध कराए गए डॉटा की पुष्टि कर ली थी। इसके बाद ही उन्होंने सीबीआई के सामने अपनी शिकायत में आरोप लगाए। सीबीआई को सौंपी गई पेनड्राइव की जांच रिपोर्ट से यदि यह साबित हो जाता है कि उसमें छेड़छाड़ की गई है तो सीबीआई को नए सिरे से मामले में एफआईआर भी करनी पड़ सकती है।
जानकारी कहां से मिली?
पूछताछ के दौरान सीबीआई ने दिग्विजय ने यह सवाल भी किया कि प्रशांत से उनका संपर्क कैसे हुआ? स्टेटमेंट में जो आरोप लगाए हैं उनकी जानकारी कहां से मिली और आरोप किस आधार पर लगाए? बताया जाता है कि सीबीआई के जांच अधिकारी ने बंद कमरे में करीब तीन दर्जन सवालों के बारे में पूछताछ की। इस दौरान सीबीआई के डीआईजी मनीष सिन्हा, तरुण गाबा, अतुल सिन्हा, टी श्रीधरन एवं आरके दास भी मौजूद थे। पूछताछ का सिलसिला पूरे दो घंटे तक चला। सीबीआई इसके पहले व्हिसिल ब्लोअर्स को भी पूछताछ के लिए बुला चुकी है। उन्हें एक बार फिर पूछताछ के लिए बुलाया गया है।
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दिग्विजय ने यह भी कहा कि प्रेमचंद प्रसाद से अनेक खुलासे हो सकते हैं। इसके अलावा उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि पीड़ित पक्ष को आरोपी बनाने के बजाए गवाह बनाने से प्रकरण मजबूत होगा। इसके लिए उन्होंने हरियाणा के शिक्षक फर्जीवाड़े का उदाहरण भी दिया। एक सवाल के जवाब में उन्होंने सीबीआई को यह भी बताया कि प्रख्यात वकील कपिल सिब्बल, केटीएस तुलसी एवं विवेक तनखा ने व्हिसिल ब्लोअर प्रशांत पांडे द्वारा उपलब्ध कराए गए डॉटा की पुष्टि कर ली थी। इसके बाद ही उन्होंने सीबीआई के सामने अपनी शिकायत में आरोप लगाए। सीबीआई को सौंपी गई पेनड्राइव की जांच रिपोर्ट से यदि यह साबित हो जाता है कि उसमें छेड़छाड़ की गई है तो सीबीआई को नए सिरे से मामले में एफआईआर भी करनी पड़ सकती है।
जानकारी कहां से मिली?
पूछताछ के दौरान सीबीआई ने दिग्विजय ने यह सवाल भी किया कि प्रशांत से उनका संपर्क कैसे हुआ? स्टेटमेंट में जो आरोप लगाए हैं उनकी जानकारी कहां से मिली और आरोप किस आधार पर लगाए? बताया जाता है कि सीबीआई के जांच अधिकारी ने बंद कमरे में करीब तीन दर्जन सवालों के बारे में पूछताछ की। इस दौरान सीबीआई के डीआईजी मनीष सिन्हा, तरुण गाबा, अतुल सिन्हा, टी श्रीधरन एवं आरके दास भी मौजूद थे। पूछताछ का सिलसिला पूरे दो घंटे तक चला। सीबीआई इसके पहले व्हिसिल ब्लोअर्स को भी पूछताछ के लिए बुला चुकी है। उन्हें एक बार फिर पूछताछ के लिए बुलाया गया है।
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