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बीएड में प्रवेश लेना है तो परीक्षा देने जाना होगा भोपाल

ग्वालियर। दो साल के बीएड, बीपीएड, एमएड, एमपीएड तथा बीएड-एमएड (एकीकृत तीन वर्षीय) कोर्स में प्रवेश लेने के लिए 24 व 25 अप्रैल को ऑनलाइन प्रवेश परीक्षा आयोजित होगी। व्यावसायिक परीक्षा मंडल ने परीक्षा के लिए जिले के 8 कॉलेजों को परीक्षा केन्द्र बनाया है।
इन केन्द्रों पर 3753 छात्र शामिल होंगे। परीक्षा ने जिले के करीब एक सैकड़ा छात्रों को संकट में डाल दिया है, क्योंकि किसी को भोपाल तो किसी को मुरैना जिले में सेन्टर दिया है। छात्रों की पीड़ा सुनने को कोई तैयार नहीं है। इससे उनकी चिंता और बढ़ गई है। सूत्रों का कहना है कि जिले में इस समय अन्य परीक्षाएं भी ऑनलाइन हो रही हैं, कम्प्यूटर लैब की भी कमी है। वहीं छात्र संख्या भी ज्यादा हो गई है। इसलिए कुछ छात्रों को भोपाल सहित अन्य सेंटरों पर भेजा गया है।
फर्जीवाड़े पर अंकुश के लिए व्यापमं की ओर से ऑनलाइन परीक्षा उन्हीं कॉलेजों में कराई जा रही है जहां कम्प्यूटर सिस्टम ठीक है और नेट कनेक्टिविटी की समस्या भी ज्यादा नहीं है। व्यापमं ने जिले में जिन कॉलेजों को केन्द्र बनाया है, उसमें नागाजी ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूट सिथौली, बीआईटीएस रतवाई मुरार, बीवीएम कॉलेज ऑफ टेक्नोलॉजी एण्ड मैनेजमेंट शिवपुरी लिंक रोड, एनआरआई कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग बाराघाटा, एलएनसीटी चितौरा रोड मुरार, भारतीय विद्या मंदिर दर्पण कॉलोनी थाटीपुर तथा श्रीकृष्ण इन्स्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी झांसी रोड शामिल हैं।
प्रदेश में 12 शहरों में होगी परीक्षा
प्रवेश परीक्षा के लिए व्यापमं ने ग्वालियर के अलावा भोपाल, जबलपुर, सागर, इंदौर, सतना, रतलाम, गुना, मुरैना, सीधी, कटनी तथा रायसेन जिलों में परीक्षा केन्द्र बनाए हैं। छात्रों से ऑनलाइन परीक्षा फॉर्म जमा कराए गए थे। जिन जिलों में कम्प्यूटर लैब के उचित इंतजाम नहीं थे और छात्र संख्या ज्यादा हो गई थी उन्हें दूसरे जिलों में भेजा गया है। प्रवेश परीक्षा 24 को 3 तथा 25 को दो पालियों में होगी। जिले में परीक्षा की जिम्मेदारी जिला प्रशासन को सौंपी है।
नहीं मिले प्रवेश-पत्र, टेलीफोन पर जानकारी नहीं
परीक्षा में केवल एक दिन बचा है, लेकिन कई छात्र अभी प्रवेश-पत्र के लिए भटक रहे हैं। ज्यादातर छात्रों के संबंध में नो मैच लिखा आ रहा है। क्योंकि कुछ छात्रों ने आवेदन के समय दस्तावेज संलग्न नहीं किए थे या उनका सत्यापन नहीं कराया था। जिले में कोई नोडल सेंटर नहीं बनाया है, जहां पहुंचकर छात्र समस्या बता सकें। छात्र व्यापमं की वेबसाइट पर दिए नंबरों पर कॉल करते हैं तो गोलमोल जवाब मिलता है।
शादियों में शिक्षक, शोधार्थियों से कराई परीक्षा
जीवाजी यूनिवर्सिटी में शुक्रवार को बीएड परीक्षा थी। इसमें 1800 से ज्यादा छात्र बैठे थे, लेकिन इनविजिलेटरों का टोटा पड़ गया। परीक्षा शुरू होने तक प्रभारी केन्द्राध्यक्ष, इनविजीलेटरों की व्यवस्था के लिए दौड़भाग करते रहे। आखिर में जेयू के रिसर्च स्कॉलरों को बुलाकर परीक्षा में सहयोग लेना पड़ा। जेयू के इंजीनियरिंग व दूरस्थ शिक्षण संस्थान से भी शिक्षकों को तत्काल बुलाना पड़ा। शिक्षकों की कमी के कारण छात्रों की तलाशी नहीं ली जा सकी। पिछली परीक्षाओं में गेट पर ही सख्त चेकिंग होती थी, लेकिन शुक्रवार को ऐसा नहीं हुआ। दो छात्रों को नकल की पर्ची के साथ पकड़ा गया। उन्हें नकल प्रकरण दर्ज किए गए।
इनका कहना है
इनविजिलेटरों की समस्या थी, लेकिन आखिरी समय तक इंतजाम कर लिया गया। दो छात्रों को नकल पर्ची के साथ पकड़ा गया।
-डॉ. शांतिदेव सिसौदिया, पीआरओ, जेयू
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