भोपाल। आदिवासी स्कूलों
में शिक्षा सत्र से पहले सेवानिवृत्त होने वाले शिक्षक स्कूलों में पूरे
शिक्षा सत्र तक पढ़ाते रहेंगे। सरकार ने उन्हें सेवानिवृत्त होने के बाद
पुनर्नियुक्ति देने का निर्णय लिया है। आदिम जाति कल्याण विभाग ने यह फैसला
स्कूलों में शिक्षकों की कमी को देखते हुए लिया है।
स्कूलों में शिक्षाकर्मियों का संविलियर
अध्यापक संवर्ग में होने के बाद ज्यादातर आदिम जाति कल्याण विभाग के
स्कूलों में पढ़ाने वाले शिक्षक अपना विलयर स्कूल शिक्षा विभाग में करा
लिया है।
संविलियन होने के बाद प्रदेश में 89
आदिवासी ब्लाकों के स्कूलों में शिक्षकों की कमी हो गई है। शिक्षकों के कमी
की भरपाई संविदा शिक्षकों से भी नहीं हो पा रही है। इसके चलते आदिम जाति
कल्याण विभाग ने जिला अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि प्राचार्य और
शिक्षक अगर अप्रैल 2020 से पहले सेवानिवृत्त हो रहे हैं तो उन्हें
पुनर्नियुिक्त दी जाए। इसके अगर कोई भी शिक्षक पुनर्नियुक्ति में रुचि नहीं
ले रहा है तो उन्हें स्कूलों में पार्ट टाइम पढ़ाने के लिए प्रस्ताव दिया
जाए। स्कूल प्रबंधन को यह भी कहा गया है कि इसके लिए महालेखाकार को सूचित
करने की जरूरत है, उसे भी इसकी सूचना भेज दी गई है।
उसी वेतन पर दी जाएगी पुनर्नियुक्ति
उसी वेतन पर दी जाएगी पुनर्नियुक्ति
शिक्षकों को सेवानिवृत्त के समय जो वेतन
मिलता था वहीं वेतनमान दिया जाएगा, लेकिन उसमें पेंशन की राशि काटकर उन्हें
वेतन भुगतान किया जाएगा। उन्हें पेंशन तथा वेतन के आधार पर महंगाई भत्ता
दिया जाएगा। किसी तरह के शिकायत अथवा विवाद की स्थिति में एक माह के नोटिस
पीरियड में पुनर्नियुक्ति समाप्त की जाएगी। ये शर्त विभाग और शिक्षक, दोनों
के लिए लागू होगा।
पूर्व में सेवानिवृत्त शिक्षकों को भी दिया पढ़ाने का प्रस्ताव
पूर्व में जो शिक्षक सेवानिवृत्त हुए थे
उन्हें भी बढ़ाने के लिए स्कूलों ने अपने स्तर पर प्रस्ताव दिया है। इन
शिक्षकों को स्कूलों में पढ़ाने के लिए मानदेय दिया जाएगा। स्कूलों में
सबसे ज्यादा अंग्रेजी, गणित और विज्ञान समूह के शिक्षकों की कमी है। इन
विषयों को पढ़ाने के लिए आदिवासी क्षेत्रों के स्कूलों में अतिथि शिक्षक भी
नहीं मिल रहे हैं।
शिक्षकों के भर्ती की प्रक्रिया शुरू
शिक्षकों के भर्ती की प्रक्रिया शुरू
आदिम जाति कल्याण विभाग ने इधर स्कूलों
में शिक्षकों के भर्ती की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है। प्रदेश के सभी
स्कूलों में करीब दस हजार पद खाली हैं। इन पदों पर भर्ती करने के लिए विभाग
ने शासन के पास प्रस्ताव भेजा है। शिक्षकों के भर्ती का काम प्रोफेशनल
एक्ज्ञामिनेशन बोर्ड को दिए जाएगा। सरकार के स्तर पर यह मंथन चल रहा है कि
यह भर्ती परीक्षा स्कूल शिक्षा विभाग के शिक्षकों के साथ कराई जाए अथवा अलग
से कराई जाए।