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17 की जगह 70 को नियुक्ति दी

बुरहानपुर। नईदुनिया प्रतिनिधि
शिक्षक भर्ती घोटाले में जांच का दायरा जैसे-जैसे बढ़ रहा है, फर्जी तरीके से नियुक्ति पाने वाले शिक्षकों की तादाद भी बढ़ती जा रही है। करीब एक साल से चल रही जांच के दौरान अब तक 70 से ज्यादा फर्जी पाए गए शिक्षकों को बर्खास्त कि या जा चुका है।
जबकि जांच में सामने आ रहे तथ्य इशारा कर रहे हैं कि अभी 100 से ज्यादा और फर्जी शिक्षक सामने आ सकते हैं। शुरुआती दौर में जहां वर्ष 1997 से लेकर अब तक के सामने आए संदिग्ध शिक्षकों के दस्तावेजों की जांच की गई थी, वहीं अब साल 2006-07 में नियुक्ति पाने वाले करीब 250 शिक्षकों के दस्तावेजों की जांच शुरु हो गई है।
मंगलवार को जिला पंचायत के सभाकक्ष में जांच अधिकारी विजय पचौरी सहित टीम के अन्य सदस्यों ने सभी शिक्षकों के मूल दस्तावेजों की जांच पड़ताल की। प्रारंभिक जांच में एक मामला ऐसा भी सामने आया जिसमें विभाग ने 2007 में कु ल 17 शिक्षकों की भर्ती का विज्ञापन निकाला था। जबकि जनपद और शिक्षा विभाग के अफसरों ने 70 से ज्यादा लोगों को नियुक्ति पत्र जारी कर शिक्षक बना दिया। जांच के दौरान कई शिक्षकों के पास ओरिजनल नियुक्ति पत्र नहीं मिले तो कई के नियुक्ति पत्र प्रिंटिड प्रोफार्मे में पाए गए जिनमें पेन से नाम लिखे गए थे। इन आदेशों में प्रष्ठांकन के साथ संबंधित विभागों और अफसरों को प्रतिलिपि भी नहीं भेजी गई थी। लिहाजा जांच अधिकारी ने इन्हें भी संदिग्ध श्रेणी में रखा है। इसके अलावा भी कई शिक्षकों के दस्तावेजों में कमियां पाई गईं हैं। इन सभी का मिलान जिला पंचायत और शिक्षा विभाग में मौजूद रिकार्ड से कि या जा रहा है। सूत्रों की मानें तो जांच के बाद 100 से ज्यादा और फर्जी शिक्षक मिल सकते हैं।
पिछली जांच में भी 10 संदिग्ध मिले
जिला पंचायत ने करीब एक पखवाड़े पहले 60 से ज्यादा साल 2009 में नियुक्ति पाने वाले शिक्षकों की जांच भी की थी, जिसमें 10 से ज्यादा संदिग्ध शिक्षक पाए गए हैं। सीईओ जिला पंचायत रोहन सक्सेना का कहना है कि इनमें नियुक्ति आदेश और व्यापमं की अंकसूचियों को लेकर संदेह है। इनकी और गहराई से जांच की जा रही है। फाइलन रिपोर्ट आने के बाद फर्जी पाए गए शिक्षकों के खिलाफ बर्खास्तगी और एफआईआर दर्ज कराने की कार्‌रवाई की जाएगी।
बार-बार जांच से पात्र शिक्षकों में आक्रोश
मूल दस्तावेजों के साथ बार-बार जांच के लिए बुलाए जाने को लेकर मंगलवार को शिक्षकों में आक्रोश भी नजर आया। कु छ शिक्षकों का कहना था कि इस तरह बार-बार जांच के लिए बुलाए जाने से पात्र शिक्षकों को भी ग्लानि महसूस होने लगी है। अधिकारियों को चाहिए कि एक बार में सारा रिकार्ड बुलवा लें और इत्मिनान से जांच कर लें। हॉल में जगह नहीं होने के कारण कई शिक्षक बाहर बरामदे में घंटों इंतजार करते भी नजर आए।
वर्शन :- गहनता से कर रहे जांच
-साल 2006-07 में नियुक्ति पाने वाले करीब ढाई सौ शिक्षकों के दस्तावेजों की जांच की जा रही है। इनमें प्रारंभिक जांच में कई तरह की कमियां और खामियां सामने आई हैं। साल 2009 की भर्ती में भी करीब 10 संदिग्ध शिक्षक मिले हैं। गहनता से जांच पूरी होने के बाद ही पुख्ता तौर पर फर्जीवाड़े की संख्या सामने आ पाएगी।
-रोहन सक्सेना, सीईओ जिला पंचायत।

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