भोपाल। शिक्षा विभाग में हजारों पद रिक्त है जिन पर वर्तमान में
अतिथि शिक्षकों से काम चलाया जा रहा है। लगभग एक हजार प्रकरण अनुकंपा
नियुक्ति के लंबित चल रहे हैं, इनका निराकरण कर तत्काल नियुक्ति दी जानी
चाहिए थी।
मप्र तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के प्रांतीय उपाध्यक्ष कन्हैयालाल
लक्षकार ने बताया कि शिक्षा विभाग में अनुकंपा नियुक्ति देने में अडंगे
लगाकर गतिरोध पैदा किया जाकर पात्रता परीक्षा आयोजित करने का निर्णय
अमानवीय व असंवेदनशील है। यह निर्णय वापस लिया जाना चाहिए। दिवंगत कर्मचारी
के परिवार पर वज्रपात होता है। अनुकंपा नियुक्ति परिवार के भरण-पोषण का
संबल होकर सामान्य जीवन जीने में मदद करता है। अनुकंपा नियुक्ति शैक्षणिक
योग्यता के आधार पर लघुवेतन कर्मचारी/लिपिक या प्राथमिक शिक्षक पद पर
नियुक्ति दिये जाने के प्रावधान रहे है।
दिवंगत कर्मचारी के परिजन को अनुकंपा नियुक्ति पश्चात आवश्यकतानुसार
प्रशिक्षण दिया जाता है। अनुकंपा नियुक्ति में सरलीकरण की दरकार सदा रही
है, लेकिन विडंबना है पात्रता परीक्षा निर्णय से शासन का अमानवीय व
असंवेदनशील चेहरा सामने आया है। शासन के इस निर्णय की भर्त्सना करते है इसे
वापस लिया जाना चाहिए।