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शिक्षकों की वजह से यहां के बच्चों का भविष्य अंधकार में

नीमच. जिलेभर के बच्चों की पढ़ाई शिक्षकों के अभाव में प्रभावित हो रही है। प्राथमिक, माध्यमिक विद्यालय तो ठीक है, लेकिन हाईस्कूल और हायरसेकेंडरी में भी शिक्षकों की कमी से बच्चों को कोर्स में पिछडऩा पड़ता है। उसमें भी अंग्रेजी और गणित के शिक्षकों की कमी बच्चों के भविष्य को अधिक प्रभावित करती है। लेकिन इस ओर जिम्मेदारों का ध्यान नहीं है।

बतादें की जिले में कक्षा १ से लेकर १२ तक करीब १ हजार से अधिक शिक्षकों की कमी है। जिनकी पूॢत हर बार शिक्षा विभाग द्वारा अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति कर की जाती है। इस बार भी शिक्षकों की कमी को अतिथि शिक्षकों द्वारा पूरी करने की प्रक्रिया चल रही है। लेकिन सत्र प्रारंभ हुए सवा माह बीत जाने के बाद भी अतिथियों की नियुक्ति नहीं हुई है। ऐसे में बच्चे भी कोर्स में एक से डेढ़ माह पीछे रह जाएंगे। जिसकी पूर्ति करना मुश्किल ही नहीं बल्कि नामुनकिन है।
जिले भर में शिक्षकों की कमी पर एक नजर
वर्ग कक्षा वर्तमान में पदस्थ शिक्षक रिक्त पद गत वर्ष अतिथि
१. ९ से १२ ६५० २०५ १६५
२. ६ से ८ ७५० ६८० ४८०
३ १ से ५ १२३७ १६५ १३७
इस प्रकार जिले भर में कुल १ हजार ६० पद शिक्षकों के रिक्त हैं। जिसमें सबसे अधिक कर्मी वर्ग २ के शिक्षकों की है। जो कक्षा ६ से ८ के बच्चों को पढ़ाते हैं। चूकि इन्हीं कक्षा के बच्चों की ओर ध्यान देना बहुत जरूरी है।
अंग्रेजी और गणित विषय के नहीं मिलते शिक्षक
जिले में जहां १०६० शिक्षकों की कमी कक्षा १ से १२ तक की कक्षाओं में हैै। वहीं सबसे अधिक कमी गणित और अंग्रेजी विषय के शिक्षकों की है। क्योंकि अन्य विषय तो हर कोई शिक्षक पढ़ा लेगा, लेकिन अंग्रेजी और गणित पढ़ाना किसी चुनौती से कम नहीं होता है। इस कारण इन विषय को पढ़ाने के लिए विशेषज्ञ की ही जरूरत होती है। लेकिन वे अपेक्षाकृत कम ही मिलते हैं। जबकि रिक्त शिक्षकों में ५० प्रतिशत डिमांड गणित और अंग्रेजी विषय के शिक्षकों की महसूस की जाती है।
सत्र प्रारंभ होने से पूर्व नहीं होती व्यवस्था
जिले में इस सत्र में करीब ४५ विद्यालय बंद हो चुके हैं। उसके बावजूद भी शिक्षकों की कमी नजर आ रही है। जिम्मेदारों को पता ही है कि शिक्षकों की कमी है, ओर उसकी पूर्ति हर बार अतिथि शिक्षकों से की जाती है। इस कारण अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति सत्र प्रारंभ होने से पूर्व ही की जानी चाहिए। इस बार अप्रैल माह में ही सत्र प्रारंभ हो चुका था, एक माह वह बीत गया, इसके बाद १५ जून से फिर शैक्षणिक सत्र प्रारंभ हुआ, जिसका भी सवा माह बीत चुका है। लेकिन अतिथियों की नियुक्ति की प्रक्रिया चल ही रही है। ऐसे में निश्चित ही बच्चों की पढ़ाई एक से डेढ़ माह तक प्रभावित होगी।
वर्जन.
शिक्षकों की कमी को पूरा करने के लिए अतिथियों की नियुक्ति के लिए ऑनलाईन प्रक्रिया चल रही है। ३१ जुलाई तक उनकी नियुक्ति होकर वे सेवाएं देना प्रारंभ कर देंगे। यूं तो करीब १ हजार पद रिक्त हैं। जिसमें से विशेष रूप से अंग्रेजी और गणित के शिक्षकों की डिमांड रहती है।
-केसी शर्मा, जिला शिक्षा अधिकारी, नीमच

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