यह मामला राघौगढ़ तहसील के धरनावदा गाँव के प्राथमिक स्कूल का है इस
स्कूल में 5 शिक्षक और 1 शिक्षिका पदस्थ हैं और स्कूल में 180 छात्र
छात्राये दर्ज हैं लेकिन कई कुछ शिक्षक तो CL पर चल रहे हैं तो कुछ मेडिकल
पर है और जो बचे हैं वह भी समय पर नहीं आ रहे हैं बहाना बनाने के लिए तो
बोल देते हैं कि बरसात का मौसम है इसलिए हम स्कूल नहीं आ पा रहे हैं
स्कूल के छात्र छात्राये तो समय पर स्कूल पहुंच जाते हैं इसके बावजूद भी
शिक्षकों द्वारा मनमानी की जा रही है।
स्कूल में शिक्षकों के न आने पर लगा दी जाती है सीएल
180 बच्चों के करीबन इस स्कूल में बच्चों की उपस्थिति रहती है इसके
बावजूद भी शिक्षक मनमानी करते हैं जब इस विषय में यहां के प्रचार से बात की
तो उन्होंने बोला हम बस में बैठे हुए हैं अब 12:40 बज चुके हैं तब हमने
वहां इंतजार किया उनके आने के बाद उनसे बात हुई तो उन्होंने बताया कि जो
शिक्षक सकूल नहीं आए हैं उनकी मैंने CL लगा दी है क्योंकि उन्होंने मुझे
फोन पर बता दिया था
बरसात में बच्चे तो पहुंच रहे स्कूल पर शिक्षक नहीं
जब उनसे इस विषय में बात हुई की बिना आवेदन कि आपने CL कैसे मान कर ली
तो उन्होंने बताया कि 13 CL देने का मुझे अधिकार है अगर सभी शिक्षक CL पर
चले जाएंगे तो बच्चों का भविष्य कैसे चलेगा ऐसी बरसात में बच्चे तो पहुंच
रहे हैं समय पर लेकिन शिक्षक नहीं पहुंच रहे हैं शासकीय प्राथमिक विद्यालय
में कम जगह होने के कारण 2 बिल्डिंग में चल रहा है स्कूल और दोनों
बिल्डिंगों पर बच्चों को संभाल रहे थे एक शिक्षक हनीफ मोहम्मद क्या 6
शिक्षकों में से एक ही शिक्षक तनखा ले रहा है जो बस समय पर आ रहा है बाकी
सब शिक्षकों के पास एक ही बहाना है बरसात हो रही है।
जर्जर हो रही स्कूल की इमारत
दो बिल्डिंगों में से एक बिल्डिंग की तो हालत इतनी खराब हो गई स्कूल
पुराने तरीके से बना हुआ है ना तो बीम है नही कोलम है पट्टियों का छत है
पूरा छत बरसात की बूंदों की तरह टपक रहा है जिसमें बच्चे पढ़ रहे हैं कई
बार तो बच्चों के स्कूल बैग और किताबें गीली हो जाती हैं दीवार चटक चुकी
हैं जब इस विषय में उच्च अधिकारियों से बात हुई तो उन्होंने बताया कि हमने
प्रचार को आदेश दे दिया है कि आप उस स्कूल मे बच्चों को ना बैठाये इसके
बावजूद भी उसे स्कूल में शाला लग रही थी और कोई शिक्षक उपस्थित नहीं था।
बारिश होने का बना रहे बहाना
ऐसे में कोई हादसा बच्चों के साथ हो जाए तो उसका जिम्मेदार कौन होगा
पालक तो अपने बच्चों को शिक्षकों के भरोसे स्कूल पहुंचा रहे हैं लेकिन
शिक्षक तो लगे हैं अपनी मनमानी में स्कूल में शिक्षक तो समय पर नहीं पहुते
है लेकिन स्कूल में गधे और गाये के बछड़े सकूल में घूमते नजर आते हैं इन्हे
देखकर ऐसा लगता है कि शिक्षकों ने बच्चों को पढ़ाने की जिम्मेदारी गाये
के बछड़ो और गधो को दे रखी हो स्कूल के शौचालय भी खंडर में तब्दील हो गये
हैं।
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