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4320 शिक्षकों के नहीं बने एम्पलाई कोड जून का नहीं मिला वेतन, जुलाई में भी संकट

मुरैना विकासखंड में 12 संकुल केन्द्रों से जुड़े स्कूलों के अध्यापकों की नियुक्ति संबंधी जानकारी बीईओ को कोषालय में भेजना थी लेकिन जींगनी, दतहरा, एमएलबी गर्ल्स स्कूल क्रमांक 1, जीडी जैन हायर सेकंडरी, बानमोर व मुरैना गांव के संकुल प्राचार्यों ने अभी तक अध्यापक संवर्ग की नियुक्ति संबंधी जानकारी बीईओ कार्यालय को उपलब्ध नहीं करायी है।


पति के इलाज के लिए नहीं पैसे

मेरे पति पीडी कश्यप मधुमेह रोग से ग्रसित हैं। उनका नियमित इलाज कराने में दिक्कत आ रही है क्योंकि जून महीने का वेतन अभी तक जारी नहीं किया गया है। मेरा बेटा प्रदीप व बेटी शिवानी भोपाल में पढ़ रहे हैं उनकी फीस भी इस महीने जमा नहीं की जा सकी है। दमयंती कश्यप, सहायक अध्यापिका एसएएफ स्कूल

2 बीईओ मुरैना ने सरसैनी, कन्या नंबर 2, नूराबाद, टेकरी, मिरघान व बालक क्रमांक 2 स्कूल के अध्यापकों की जानकारी 15 दिन पहले जिला कोषालय में जमा करा दी थी लेकिन उक्त स्कूलों के अध्यापकों के एम्पलोई कोड अभी तक तैयार नहीं किए हैं।

बेटी का उपचार कैसे कराएं

आठ साल की बेटी अंशिका को स्किन डिसीज है। उसका इलाज चल रहा है। जून का वेतन नहीं मिलने से उसकी दवाइयां नहीं खरीदी जा सकी हैं। मकान का किराया भी जमा नहीं कराया तो मकान मालिक का तकादा आ गया। जबकि मैंने एम्पलाइज कोड बनाने के लिए समय पर जानकारी संकुल केन्द्र में प्रस्तुत कर दी थी। अशोक शर्मा, वरिष्ठ अध्यापक नंबर 2 स्कूल

अध्यापक संविदा शिक्षक संघ देगा ज्ञापन

इस अव्यवस्था के खिलाफ अध्यापक संविदा शिक्षक संघ 26 जुलाई को दोपहर एक बजे कलेक्टर को ज्ञापन देगा। संघ के जिला अध्यक्ष मुन्नालाल शर्मा का कहना है कि आयुक्त लोकशिक्षण समय पर वेतन देने के आदेश जारी कर रही हैं लेकिन मुरैना में अध्यापकों को 24 दिन बाद भी वेतन नहीं मिल पा रहा है।

प्राचार्यों को किया है तलब

अध्यापक संवर्ग को जून महीने का वेतन अभी तक नहीं मिला है। क्योंकि उनके एम्पलाइज कोड तैयार नहीं हो सके हैं। प्राचार्यों को तलब किया गया है कि कोषालय को जानकारी देने में बिलंव क्यों किया गया। और लापरवाही के लिए क्यों न उनके खिलाफ कार्रवाई प्रस्तावित की जाए। आरजे सत्यार्थी, जिला शिक्षा अधिकारी

गलत जानकारी, कैसे बनाएं कोड

अध्यापक संवर्ग का एम्पलाइज कोड तैयार करने के लिए आहरण-संवितरण अधिकारियों ने तत्संबंधी जानकारी समय पर उपलब्ध नहीं करायी। जो जानकारी दी गई वह त्रुटिपूर्ण होने के कारण कोड बनाने का काम लेट हो गया । कई स्कूलों के कोड बना दिए हैं। अब जिम्मेदारी डीडीओ की बनती है कि वे वेतन आहरण की प्रक्रिया शुरू करें। आरकेएस तोमर, जिला कोषालय अधिकारी

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