सरकारी स्कूलों में अतिथि शिक्षक रखने के लिए चल रही प्रक्रिया अब अंतिम
चरण में है। च्वाइस फिलिंग बंद हो चुकी है। जिले भर के विभिन्न हाई और हायर
सेकंडरी स्कूलों में खाली पदों के लिए आए आवेदनों के आधार पर स्कूल
अपनी-अपनी मेरिट बनाने में जुट गए ।
मेरिट बनाने का काम बुधवार को पूरा हो
जाएगा। इसके बाद पीटीए से अनुमोदन होते ही चयनित अभ्यर्थियों को सूचना भेजी
जाएगी। 26 जुलाई यानी गुरुवार को चयनित अतिथि शिक्षकों की ज्वाइनिंग हो
जाएगी। 28 जुलाई तक संकुल प्राचार्य अपने-अपने यहां की जानकारी पोर्टल पर
अपलोड कर देंगे। खाली-भरे पदों की जानकारियों में विरोधाभास होने पर भोपाल
स्तर से भी जानकारी मांगी गई है। जो सागर से भेज दी गई है।
डीईओ संतोष शर्मा का कहना है कि पोर्टल पर जो गलत जानकारी दिख रही थी,
वह सुधार कर भेज दी गई है। बुधवार सुबह तक अपलोड हो जाएगी। इसी के आधार पर
अभ्यर्थियों की सहमति से उन्हें रिक्त जगहों पर अतिथि शिक्षक बनाया जाएगा।
डीईओ ने बताया कि प्राइमरी और मिडिल में ऑफलाइन माध्यम से ही अतिथि शिक्षक
रखे जा रहे हैं। मेरे पास लगातार शिकायत आ रही है कि कई जगह प्रधानाध्यापक
फॉर्म लेने से इंकार कर रहे हैं। यह गलत है। मैंने सभी प्रधानाध्यापकों को
निर्देश जारी किए हैं कि वे अपने यहां छात्र संख्या और उसके मुताबिक रिक्त
पदों के हिसाब से आवेदन लें और मेरिट के आधार पर पूर्णत: पारदर्शी
प्रक्रिया के तहत अतिथि शिक्षकों को रखें। यह प्रक्रिया हर हाल में 30
जुलाई पहले पूरी हो जाना चाहिए।
आरटीई: 4619 का सत्यापन , शेष रहे 1980 में से जो आज भी नहीं आएंगे वो होंगे एडमिशन से वंचित
30 तक पोर्टल पर अपलोड हो जाएगी फाइनल प्रवेश सूची
सागर | शिक्षा का अधिकार अधिनियम यानी की आरटीई के तहत प्राइवेट
स्कूलों की 25 फीसदी सीटों पर दाखिले के लिए चल रही प्रक्रिया में सत्यापन
कराने का बुधवार को अंतिम दिन है। 10 जुलाई को खुली लॉटरी में 6599
विद्यार्थियों के नाम थे। उनमें से अभी तक 4619 का ही सत्यापन हुआ है। शेष
रहे 1980 विद्यार्थियों के अभिभावक अभी तक सत्यापन कराने पहुंचे ही नहीं
है।
बुधवार को शाम 5.30 बजे तक भी जो सत्यापन नहीं कराएंगे, उनके बच्चे
आरटीई की सीटों पर दाखिल से वंचित हो जाएंगे। अभिभावकों को बीआरसी ऑफिस
पहुंचकर अपने बच्चों के दस्तावेजों का सत्यापन कराना अनिवार्य है। गौरतलब
है कि जिले के 664 स्कूलों की 9399 सीटों के लिए 7816 पंजीयन हुए थे। इनमें
से त्रुटियों के कारण रिजेक्ट हुए फॉर्म के बाद करीब 6599 को लॉटरी के
आधार पर मैसेज भेजे गए थे। अब इन्हीं का सत्यापन चल रहा है। इस बीच कुछ
अभिभावक ऐसे भी मिले हैं, जिन्होंने बच्चों का पंजीयन तो करा दिया था,
लेकिन आधार कार्ड, निवास प्रमाण-पत्र गरीबी रेखा कार्ड आदि में बच्चे का
नाम दर्ज नहीं होने के कारण अब उनके दस्तावेजों का सत्यापन नहीं हो पा रहा
है। ऐसे कई अभिभावक रोजाना बीआरसी ऑफिस से लेकर डीपीसी कार्यालय तक पहुंच
रहे हैं।
मामले में डीपीसी एचपी कुर्मी का कहना है कि ऐसी कई शिकायतें मिल रही
हैं। जिनमें समग्र आईडी, जन्म प्रमाण-पत्र, आधार कार्ड आदि अभिभावकों के
पास नहीं है। चूंकि सत्यापन की प्रक्रिया पूर्णत: पारदर्शी प्रक्रिया के
तहत चल रही है। ऐसे में जिनके पास संपूर्ण दस्तावेज नहीं हैं, उनकी किसी भी
स्थिति में मदद नहीं की जा सकती है। एक भी कमी रहने पर पोर्टल स्वत: ही
फाॅर्म रिजेक्ट बता देता है। बहरहाल जो करीब दो हजार विद्यार्थी शेष रह गए
हैं, उन्हें ऑफिस से काॅल करके सत्यापन के लिए बुलाया जाएगा। जिससे ज्यादा
से ज्यादा एडमिशन हो सकें। उन्होंने बताया कि सत्यापन के बाद पात्र पाए गए
बच्चों का स्कूलों में प्रवेश एवं प्राइवेट स्कूल द्वारा प्रवेशित बच्चों
की पोर्टल पर आधार सत्यापन के माध्यम से फीडिंग 30 जुलाई तक की जाएगी।
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