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बड़ी खबर : सरकार ने बदले शिक्षक भर्ती के नियम, ग्रेजुएशन वालों को अब होगा बम्पर फायदा, PHD की वैल्यू ख़त्म!

भोपाल। यूजीसी ने शिक्षक भर्ती के नियमों में बदलाव किए हैं। इसके हिसाब से अब ग्रेजुएट उम्मीदवारों को पीएचडी से ज्यादा अहम माना जाएगा साथ ही ग्रेजुएट उम्मीदवारों का स्कोर पीएचडी से भी ज्यादा तय किया है।
नए नियमों के अनुसार असिस्टेंट प्रोफेसर पद पर अप्लाई करने पर ग्रेजुएट उम्मीदवारों को 21 स्कोर दिया जाएगा वहीं पीएचडी किए हुए उम्मीदवारों को 20 स्कोर ही दिया जाएगा। इससे साफ होता है कि आयोग प्रोफेसर पद के लिए अच्छे अंकों से पास ग्रेजुएट को प्राथमिकता दे रही है।

ग्रेजुएशन में इस ड्राफ्ट के अनुसार 80 फीसदी से अधिक अंक हासिल करने वाले उम्मीदवारों को 21, 60 से 79 फीसदी अंक हासिल करने वाले उम्मीदवारों को 19 और 55 से 59 फीसदी अंक हासिल करने वाले को 16 स्कोर दिए जाएंगे।
जबकि पोस्ट ग्रेजुएशन में 80 फीसदी से अधिक हासिल करने वाले उम्मीदवारों को 33, 60 से 79 फीसदी अंक हासिल करने वालों को 30 और 55 से 59 फीसदी अंक हासिल करने वालों को 25 स्कोर दिया जाएगा. साथ ही एमफिल उम्मीदवारों को 7 स्कोर दिया जाएगा और पीएचडी धारकों को 20 अंक दिए जाएंगे।
विद्यार्थियों के ये हैं विचार...
इस संबंध में भोपाल में पीएचडी के लिए अप्लाई करने वाले उम्मीदवारों का मानना है कि इससे पीएचडी करने के प्रति लोगों के रुझान में कमी आएगी।
यूजीसी के इस नियम को यदि लागू किया गया, तो लोगों में पीएचडी का क्रेज कम होगा। साथ ही इसका लाभ कम होने से लोग इस ओर आने से कतराएंगे।
- वी शर्मा,पीएचडी शोधार्थी भोपाल
यूजीसी या ये नियम कुछ अजीब सा है। ये जो ज्यादा पढ़ाई कर रहा है उसी को नुकसान देने जैसा है। लोगों का इससे इसके प्रति झूकाव कम होगा, वहीं अन्य जगहों पर प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी।
- केके शुक्ला, पीएचडी की तैयारी कर रहे विद्यार्थी, भोपाल
इसके साथ ही टीचिंग का अनुभव रखने वाले उम्मीदवारों को 10 स्कोर का फायदा होगा। ज्ञात हो कि इस स्कोर के आधार पर उम्मीदवारों का टीचर पद पर चयन किया जाता है। कहा जा रहा है कि नए नियमों से ग्रामीण इलाकों से ग्रेजुएशन करने वाले उम्मीदवारों पर इसका असर ज्यादा पड़ेगा।
PhD में प्रवेश लेना हुआ मुश्किल:-
वहीं कुछ समय पहले ही यूजीसी ने पीएचडी में प्रवेश लेने के लिए अपनी वेबसाइट पर नियम डाले हैं, जिसके अनुसार पीएचडी में प्रवेश अब काफी मुश्किल होगा. इन नियमों के संशोधन के संबंध में, स्टैकहोल्डर 15 जून तक फीडबैक दे सकते हैं.
ड्राफ्ट रेगुलेशन ने सुझाव दिया है कि 'तृतीय श्रेणी संस्थान' के तहत आने वाली संस्थाएं उन उम्मीदवारों को भर्ती करेगी, जिन्होंने पीएचडी के लिए NET या SELT या SET परीक्षाए पास की हो.
क्या है ये यूनीवर्सिटी I ...
यूजीसी के अनुसार, यूनीवर्सिटी I के लिए यदि 3.5 या उससे अधिक के स्कोर के साथ NAAC द्वारा मान्यता प्राप्त हो गई है. या फिर अगर उसने एनआईआरएफ के शीर्ष 50 संस्थानों में लगातार 2 साल तक रैंकिंग हासिल की हो.
यूनीवर्सिटी II क्या है?
यूनीवर्सिटी II के लिए NAAC द्वारा 3.01 और 3.4 9 के बीच के स्कोर के साथ मान्यता प्राप्त की हो. या फिर एनआईआरएफ 2 वर्षों के लिए 51 से 100 संस्थानों में रैंकिंग हासिल की गई हो.

क्या है?यूनीवर्सिटी III ...
यूनीवर्सिटी III है तो वह ना तो श्रेणी I या श्रेणी II के अंदर नही आयेगी. नए नियम केवल के अनुसार जिन्होंने पीएचडी के लिए NET या SELT या SET परीक्षाए पास की हो. उन्हीं को पीएचडी पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए श्रेणी 3 संस्थानों में प्रवेश मिलेगा।

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