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100 से ज्यादा बीएड कॉलेजों की मान्यता पर संकट

प्रदेश टुडे संवाददाता, ग्वालियर जीवाजी विश्वविद्यालय के अधीन ग्वालियर-चंबल संभाग में संचालित हो रहे 100 से अधिक निजी बीएड कॉलेजों की मान्यता और संबद्धता खतरे में हैं। यह वे कॉलेज हैं,जहां पर 50-50 सीटों की दो यूनिट चलाई जा रहीं हैं।
100 सीटों के हिसाब से इन कॉलेजों के योग्य टीचिंग स्टॉफ नहीं है। प्राचार्य समेत हर विषय के लिए पीएचडी और नेट क्वालीफाई शिक्षक चाहिए,जो कॉलेजों वालों को ढूंढे नहीं मिल रहे। उधर राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद(एनसीटीई) और जेयू के सख्त रवैए के चलते कॉलेज संचालकों की टेंशन बढ़ी हुई है। कैसे भी करके शिक्षकों की भर्ती में राहत मिल जाए,इसके लिए कॉलेज वाले एनसीटीई व जेयू के अफसरों से गुहार लगा रहे हैं।
एनसीटीई के नियमों के अनुसार बीएउ कॉलेज में जहां पर 50 सीटों की एक यूनिट चलाई जा रही हैं,उनको एक प्राचार्य और अलग-अलग विषयों के 7  शिक्षकों की नियुक्ति परिनियम 28(17)के तहत करना अनिवार्य है। वहीं जिन कॉलेजों में 50-50 सीटों की दो यूनिट यानी 100 सीटें ले रखीं हैं,वहां पर एक प्राचार्य समेत 15 शिक्षक नियुक्ति करना जरूरी है। जानकारी के मुताबिक जेयू के अधीन कुल 180 के करीब बीएड कॉलेज चल रहे हैं। जिनमें से 50 सीटों वाले कॉलेजों ने जैसे-तैसे आधे से ज्यादा पदों पर नियमानुसार शिक्षकों की भर्ती कर रखी है। लेकिन जहां 100 सीटें हैं,ऐसे एक सैकड़ा से अधिक कॉलेजों में प्राचार्य समेत 15 शिक्षक चाहिए,इतनी संख्या में हर विषय के लिए क्वालीफाई शिक्षक ढूंढे नहीं मिल रहे। कॉलेज वाले कई बार विज्ञापन जारी कर चुके हैं,लेकिन हर बार निराशा हाथ लग रही है। अधर एनसीटीई ने बीएड कॉलेजों से टीचिंग स्टॉफ व अन्य सुविधाओं की पूरी जानकारी आॅनलाइन मांगी है। चूंकि योग्य शिक्षक हैं ही नहीं,इसलिए कॉलेज संचालक एनसीटीई को जानकारी नहीं भेज रहे,क्योंकि अधूरी जानकारी भेजी तो मान्यता समाप्त हो सकती है। इधर जेयू ने भी संबद्धता से पहले शिक्षकों के रिक्त पदों को भरने के निर्देश जारी कर दिए हैं। अगर इन्होंने नियुक्यिां नहीं कराई तो 50 सीटें जेयू घटा सकता है। बीएड में जो विषय हैं,उनके लिए पीएचडी व नेट क्वालीफाई शिक्षक नहीं मिलने से कॉलेज वालों को मान्यता और संबद्धता छिनने की चिंता सता रही है। 

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