भोपाल। निकाय के भीतर एक से दूसरे स्कूल में तबादलों 
के लिए अध्यापकों को अभी और इंतजार करना पड़ेगा। स्कूल शिक्षा विभाग तबादले 
के नियम तैयार कर रहा है। इसमें अभी डेढ़ से दो माह लगने की संभावना है। 
प्रदेश में करीब एक लाख अध्यापक निकाय के भीतर तबादला चाहते हैं।
लंबे इंतजार के बाद राज्य सरकार ने जुलाई में अध्यापकों के लिए अंतर निकाय संविलियन नीति (एक से दूसरे निकाय में तबादला) जारी की थी। इसके तहत पहले चरण में चार हजार से ज्यादा अध्यापकों की अंतरिम तबादला सूची जारी की जा चुकी है। जबकि विभाग निकाय के भीतर तबादले के लिए अलग से नीति बना रहा है।
लोक शिक्षण संचालनालय के अफसर इसके नियम तैयार कर रहे हैं। सूत्र बताते हैं कि विभाग कुछ शर्तें जोड़ रहा है, ताकि हर अध्यापक तबादले की दौड़ में शामिल न हो जाए। इतने पर भी विभाग युक्तियुक्तकरण की स्थिति को देखकर ही नीति जारी करेगा।
विभाग को डर है कि नीति जारी होने के बाद कोई भी अध्यापक उन स्कूलों में नहीं जाएगा, जहां पहले से पद खाली हैं, बल्कि अपने घर के पास के स्कूलों में जाने की कोशिश करेंगे। विभाग की प्रमुख सचिव दीप्ति गौड़ मुकर्जी ने नीति को मंजूरी में समय लगने की पुष्टि की है।
लंबे इंतजार के बाद राज्य सरकार ने जुलाई में अध्यापकों के लिए अंतर निकाय संविलियन नीति (एक से दूसरे निकाय में तबादला) जारी की थी। इसके तहत पहले चरण में चार हजार से ज्यादा अध्यापकों की अंतरिम तबादला सूची जारी की जा चुकी है। जबकि विभाग निकाय के भीतर तबादले के लिए अलग से नीति बना रहा है।
लोक शिक्षण संचालनालय के अफसर इसके नियम तैयार कर रहे हैं। सूत्र बताते हैं कि विभाग कुछ शर्तें जोड़ रहा है, ताकि हर अध्यापक तबादले की दौड़ में शामिल न हो जाए। इतने पर भी विभाग युक्तियुक्तकरण की स्थिति को देखकर ही नीति जारी करेगा।
विभाग को डर है कि नीति जारी होने के बाद कोई भी अध्यापक उन स्कूलों में नहीं जाएगा, जहां पहले से पद खाली हैं, बल्कि अपने घर के पास के स्कूलों में जाने की कोशिश करेंगे। विभाग की प्रमुख सचिव दीप्ति गौड़ मुकर्जी ने नीति को मंजूरी में समय लगने की पुष्टि की है।