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साहब अंग्रेजी पढ़ा दूंगा, मैथ्स की स्पेलिंग क्या है, जवाब- एमएएक्स

उज्जैन, नईदुनिया प्रतिनिधि। सर बतौर अतिथि शिक्षक मुझे पोस्टिंग दे दो। पीजी हूं अंग्रेजी पढ़ा दूंगा। … अच्छा, जरा मैथ्स की स्पेलिंग बताना। सर एमएएक्स। यह घटना बुधवार की है।

दरअसल जिला शिक्षा उपसंचालक संजय गोयल के दफ्तर में तीन युवक खड़े थे। एक संस्कृत, दूसरा रसायन और तीसरा पॉलीटिकल साइंस से पोस्ट ग्रेजुएट। इनमें से एक बेहद विनम्रता के साथ शिक्षा उपसंचालक से कहता है सर, रसायन से पीजी हूं, बच्चों को अंग्रेजी पढ़ा दूंगा। मुझे झुमकी के आसपास के किसी स्कूल में अतिथि शिक्षक रख लो। जिस मीडिल स्कूल में वर्षों से पढ़ा रहा था, वहां प्राचार्य ने हिंदी साहित्य वाले को अतिथि शिक्षक रख लिया है, जो गलत है।
इतना सुनने पर उपसंचालक युवक को समझाते हुए कहते हैं पात्रता तो तुम्हारी भी नहीं बनती। तुम्हें हायर सेकंडरी स्कूल में साइंस पढ़ाने के लिए आवेदन करना चाहिए। वहां वेतन भी ज्यादा मिलेगा। समझाने पर भी जब युवक नहीं मानता तो उपसंचालक कहते हैं अंग्रेजी पढ़ाओगे। मैथ्स (गणित) की स्पेलिंग बताना। जवाब मिला- एम ए एक्स।
इस पर उप संचालक ने कहा कि अगर तुम्हें रख लिया तो बच्चों का भविष्य क्या होगा। तभी पास खड़ा दूसरा युवक अपने लिए सिफारिश करता है। कहता है सर, मैथ्स पढ़ाने के लिए अपाइंट करा दो। उपसंचालक पूछते हैं प्राइम नंबर बताना। जवाब मिलता है प्राइमरी नंबर। फिर कमरे में ठहाके गूंजते हैं। उपसंचालक ने कहा कि आपको अभाज्य संख्या का नहीं पता फिर क्या गणित पढ़ाओगे। और अब तक बच्चों को क्या पढ़ाया होगा। जवाब में युवक 3, 5, 7, 11, 15, 17 अंक बताता है। उपसंचालक कहते- 13 प्राइम नंबर नहीं है क्या।

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