सरकार द्वारा बनाई जा रही 2017 संविदा नीति में बंधुआ मजदूर बनाये जाने के लिए ये हैं प्रावधान -
(1)संविदा कर्मचारियों को बिना सूचना दिये सेवा से कभी भी हटाया जा सकता है। उसको हटाने पर सूचना देने की भी कोई आवश्यकता नहीं होगी।
(2) संविदा कर्मचारियों को किसी प्रकार का अर्जित अवकाश, चिकित्सा अवकाश की
पात्रता नहीं होगी। यहां तक शासकीय अवकाश रविवार और शनिवार के अवकाश का भी
उसमें उल्लेख नहीं किया गया है।
(3) संविदा कर्मचारियों को दिये जाने वाले वेतन का उल्लेख भी उसमें नहीं
किया गया है उसमें लिखा गया है कि जो वित्त विभाग निर्धारित करेगा वो दिया
जायेगा और उसमें किसी प्रकार के वेतन वृद्धि की पात्रता नहीं होगी।
(4) संविदा कर्मचारियों को किसी प्रकार के भत्ते जैसे मंहगाई भत्ता, मकान
किराया भत्ता, चिकित्सा भत्ता, चिकित्सा प्रतिपूर्ति की पात्रता नहीं होगी।
(5) संविदा कर्मचारी की संविदा अवधि उसके कार्य परफारमेंस के आधार पर एक-एक
वर्ष के लिए बढ़ाई जायेगी वह अधिकतम तीन वर्ष से ज्यादा नहीं होगी। तीन
वर्ष बाद संविदा अविध स्वमेव समाप्त मानी जायेगी। जिसकी सूचना भी उसको नहीं
दी जायेगी।
स्ंविदा कर्मचारी अधिकारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष रमेश राठौर ने कहा है
कि यदि संविदा नीति 2017 निरस्त कर संविदा नियमितीकरण नीति 2013 लागू नहीं
की गई तो प्रदेश व्यापी उग्र आंदोलन होगा। जिसके जिम्मेदार सरकार में बैठे
अधिकारी होगें।