छिंदवाड़ा. संविदा शाला शिक्षकों को अध्यापक संवर्ग में तब्दील किया जाएगा। लोक शिक्षण संचालनालय ने इस संदर्भ में निर्देश जारी किए हंै।
हालांकि इसके लिए शासन ने कुछ शर्ते भी रखी हैं, जिन्हें पूरा करने के बाद ही इसका लाभ मिल सकेगा। बताया जाता है कि नियुक्त किए गए संविदा शाला शिक्षकों को कार्य करते हुए तीन वर्ष से अधिक की सेवा अवधि होने पर अध्यापक संवर्ग में शामिल किया जाएगा।
संविदा शाला शिक्षक बनेंगे अध्यापक संवर्ग
इस योजना के तहत वर्ष 2013-14 में सीधी भर्ती अंतर्गत प्रदेश में 42088 संविदा शाला शिक्षकों की नियुक्ति की गई थी।
मप्र पंचायत अध्यापक संवर्ग (नियोजन एवं सेवा की शर्ते) नियम, 2008 के नियम-5 (2) में इसके लिए कुछ प्रावधान भी दिए गए हैं। इसके परिपालन के बाद ही यह प्रक्रिया पूरी होती है।बहरहाल, इस आदेश से संविदा शाला शिक्षकों में हर्ष का माहौल व्याप्त है।
इन शर्तों का करना होगा पालन
1. एेसे संविदा शाला शिक्षक जिसने तीन वर्ष की संविदा नियुक्ति कालावधि पूर्ण कर ली है तथा अध्यापक संवर्ग में नियुक्ति के लिए पात्रता पर विचार करने के लिए गठित छानबीन समिति द्वारा निर्धारित मापदंडों के अनुसार पात्र पाए जाने पर अध्यापक संवर्ग में नियुक्त किया जाएगा।
2. संविदा शाला शिक्षक श्रेणी-1 को वरिष्ठ अध्यापक, संविदा शाला शिक्षक श्रेणी-2 को अध्यापक तथा संविदा शाला श्रेणी-3 को क्रमश: सहायक अध्यापक के रूप में अध्यापक संवर्ग वेतनमान के न्यूनतम पर नियुक्त किया जाएगा। आगामी वेतनवृद्धि की तारीख एक वर्ष की सेवा के पूर्ण होने पर होगी।
3. अध्यापक संवर्ग में एेसे संविदा शाला शिक्षकों को नियुक्त किया जाएगा, जिन्होंने अनुसूची दो के कॉलम (3) में विहीन शैक्षणिक एवं शिक्षण/प्रशिक्षण अर्हता प्राप्त कर ली हो।
4. अध्यापक संवर्ग में नियुक्ति के लिए छानबीन समिति के नाम से एक समिति का गठन किया जाएगा। समिति में सीईओ जिला पंचायत अध्यक्ष, सीईओ अधिकारी जनपद पंचायत (संबंधित) सदस्य, जिला शिक्षा अधिकारी, सहायक आयुक्त, आदिम जाति कल्याण सदस्य सचिव तथा अनुसूचित जाति जनजाति प्रवर्ग का एक अधिकारी सदस्य के रूप में शामिल होगा।
हालांकि इसके लिए शासन ने कुछ शर्ते भी रखी हैं, जिन्हें पूरा करने के बाद ही इसका लाभ मिल सकेगा। बताया जाता है कि नियुक्त किए गए संविदा शाला शिक्षकों को कार्य करते हुए तीन वर्ष से अधिक की सेवा अवधि होने पर अध्यापक संवर्ग में शामिल किया जाएगा।
संविदा शाला शिक्षक बनेंगे अध्यापक संवर्ग
इस योजना के तहत वर्ष 2013-14 में सीधी भर्ती अंतर्गत प्रदेश में 42088 संविदा शाला शिक्षकों की नियुक्ति की गई थी।
मप्र पंचायत अध्यापक संवर्ग (नियोजन एवं सेवा की शर्ते) नियम, 2008 के नियम-5 (2) में इसके लिए कुछ प्रावधान भी दिए गए हैं। इसके परिपालन के बाद ही यह प्रक्रिया पूरी होती है।बहरहाल, इस आदेश से संविदा शाला शिक्षकों में हर्ष का माहौल व्याप्त है।
इन शर्तों का करना होगा पालन
1. एेसे संविदा शाला शिक्षक जिसने तीन वर्ष की संविदा नियुक्ति कालावधि पूर्ण कर ली है तथा अध्यापक संवर्ग में नियुक्ति के लिए पात्रता पर विचार करने के लिए गठित छानबीन समिति द्वारा निर्धारित मापदंडों के अनुसार पात्र पाए जाने पर अध्यापक संवर्ग में नियुक्त किया जाएगा।
2. संविदा शाला शिक्षक श्रेणी-1 को वरिष्ठ अध्यापक, संविदा शाला शिक्षक श्रेणी-2 को अध्यापक तथा संविदा शाला श्रेणी-3 को क्रमश: सहायक अध्यापक के रूप में अध्यापक संवर्ग वेतनमान के न्यूनतम पर नियुक्त किया जाएगा। आगामी वेतनवृद्धि की तारीख एक वर्ष की सेवा के पूर्ण होने पर होगी।
3. अध्यापक संवर्ग में एेसे संविदा शाला शिक्षकों को नियुक्त किया जाएगा, जिन्होंने अनुसूची दो के कॉलम (3) में विहीन शैक्षणिक एवं शिक्षण/प्रशिक्षण अर्हता प्राप्त कर ली हो।
4. अध्यापक संवर्ग में नियुक्ति के लिए छानबीन समिति के नाम से एक समिति का गठन किया जाएगा। समिति में सीईओ जिला पंचायत अध्यक्ष, सीईओ अधिकारी जनपद पंचायत (संबंधित) सदस्य, जिला शिक्षा अधिकारी, सहायक आयुक्त, आदिम जाति कल्याण सदस्य सचिव तथा अनुसूचित जाति जनजाति प्रवर्ग का एक अधिकारी सदस्य के रूप में शामिल होगा।