कटनी: जिले में पदस्थ सभी शिक्षकों को अब लोकसेवक एप
से हाजिरी लगानी होगी। दरअसल, लोकसेवक एप में अटेंडेन्स न लगाने को लेकर
हाई कोर्ट में दायर की गई याचिका को कोर्ट ने खारिज कर दिया है।
गौरतलब है कि शिक्षक संगठनों द्वारा एप के माध्यम से अटेंडेन्स ना लगाने को लेकर हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई थी जिसमें सुनवाई के बाद आदेश पारित करते हुए जबलपुर हाई कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया है।
उल्लेखनीय है कि जिले में प्रशासनिक अमला मुस्तैदी से काम करे, अधिकारी और कर्मचारी समय पर दफ्तर पहुंचें और अपने दायित्वों का निर्वहन करें, इसके लिये कलेक्टर विशेष गढ़पाले द्वारा लोकसेवक कटनी के नाम से मॉनीटरिंग के लिये मोबाइल एप का निर्माण कराया गया है।
जिले में शासकीय विद्यालयों में शिक्षक समय पर स्कूल पहुंचकर विद्यार्थियों को पढ़ायें और शिक्षा का अधिकार अधिनियम की मुस्तैदी से मॉनीटरिंग हो सके, इसके लिये जिले के सभी शासकीय शिक्षकों को इसमें अटेंडेन्स लगाने के लिये निर्देशित किया गया था।
कुछ शिक्षकों द्वारा जिले भर के शिक्षकों को बरगलाते हुए एप में
अटेंडेन्स ना लगाने को लेकर लामबंद किया गया। जो शिक्षक एप को लेकर तरह-तरह
की भ्रान्ति फैला रहे थे, उनमें कुछ की लॉगिन आईडी बनी हुई नहीं थी और कुछ
शिक्षक दूसरों की लॉगिन आईडी से अटेंडेन्स लगाने का प्रयास कर रहे थे। ऐसे
शिक्षकों की जब एप ने चोरी पकड़ी, जो कि ग्रामों में पदस्थ होने के बाद भी
शहर से अटेंडेन्स लगा रहे थे या दूसरों को अपनी लॉगिन आईडी और पासवर्ड देकर
दूसरे शिक्षकों से अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहे थे। तब उन्हें समझ में आया
कि इस एप से बचना मुश्किल है। समय से स्कूल जाना ही पड़ेगा। कामचोरी छुप
नहीं पायेगी। तब उन्होने दूसरे शिक्षकों को एप के विषय में बहकाया।इस विषय
में कलेक्टर विशेष गढ़पाले का कहना है कि शिक्षा के अधिकार अधिनियम के मूल
को समझते हुये विद्यार्थियों को अच्छी शिक्षा मिले, इसके लिये शिक्षकों
द्वारा सतत् अध्यापन कराया जाना अनिवार्य है, जिसकी मॉनीटंरिग भी जरूरी है।
एप को लेकर भ्रान्ति फैलाने वाले शिक्षक इसकी उपयोगिता को नहीं
जानते।कलेक्टर ने ऐसे शिक्षकों पर भी कार्यवाही करने के निर्देश दिये हैं,
जो दिन भर वॉट्सएप पर शासन विरोधी मैसेज भेजते हैं और स्वयं स्कूल ना जाकर
शिक्षकों को बरगलाते हैं।
डीईओ और डीपीसी को कलेक्टर द्वारा एप के संदर्भ में आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिये हैं। गढ़पाले ने निर्देशित किया है कि संकुल प्राचार्य अब एप की रिपोर्टिंग के आधार पर ही अपने अधीनस्थ शिक्षकों का वेतन आहरित करें। जिनकी उपस्थिति दर्ज नहीं है, उसके कारणों की जांच करें। गलती पाये जाने पर संबंधित के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही भी करें। डीईओ और डीपीसी को मासिक समीक्षा बैठक में एप की रिपोर्टिंग के आधार पर की गई कार्यवाही की स्थिति भी प्रस्तुत करने के लिये उन्होने निर्देशित किया है।
गौरतलब है कि शिक्षक संगठनों द्वारा एप के माध्यम से अटेंडेन्स ना लगाने को लेकर हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई थी जिसमें सुनवाई के बाद आदेश पारित करते हुए जबलपुर हाई कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया है।
उल्लेखनीय है कि जिले में प्रशासनिक अमला मुस्तैदी से काम करे, अधिकारी और कर्मचारी समय पर दफ्तर पहुंचें और अपने दायित्वों का निर्वहन करें, इसके लिये कलेक्टर विशेष गढ़पाले द्वारा लोकसेवक कटनी के नाम से मॉनीटरिंग के लिये मोबाइल एप का निर्माण कराया गया है।
जिले में शासकीय विद्यालयों में शिक्षक समय पर स्कूल पहुंचकर विद्यार्थियों को पढ़ायें और शिक्षा का अधिकार अधिनियम की मुस्तैदी से मॉनीटरिंग हो सके, इसके लिये जिले के सभी शासकीय शिक्षकों को इसमें अटेंडेन्स लगाने के लिये निर्देशित किया गया था।
डीईओ और डीपीसी को कलेक्टर द्वारा एप के संदर्भ में आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिये हैं। गढ़पाले ने निर्देशित किया है कि संकुल प्राचार्य अब एप की रिपोर्टिंग के आधार पर ही अपने अधीनस्थ शिक्षकों का वेतन आहरित करें। जिनकी उपस्थिति दर्ज नहीं है, उसके कारणों की जांच करें। गलती पाये जाने पर संबंधित के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही भी करें। डीईओ और डीपीसी को मासिक समीक्षा बैठक में एप की रिपोर्टिंग के आधार पर की गई कार्यवाही की स्थिति भी प्रस्तुत करने के लिये उन्होने निर्देशित किया है।