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65 हजार बच्चों को पढ़ाने तैयार हो रहे 1265 शिक्षक

राज्य शिक्षा केन्द्र भी शासकीय स्कूलों में अध्यनर्‌त मीडिल स्कूल के बच्चों को तकनीकी युग के हिसाब से शिक्षित कर अन्य सीबीएसई स्कूल व प्रायवेट स्कूलों के बच्चों के साथ कंधा से कंधा मिलाकर खड़ा करने का प्रयास कर रहा है। इसके लिए विभाग ने इस वर्ष से कक्षा 6 वीं व कक्षा 7 वीं में एनसीआरटी (सीबीएसई) पाठयक्रम विज्ञान व गणित में लागु कर दिया है।
इसके लिए अब नियमित अंतराल में चयनित शिक्षकों का प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन कर इन शिक्षकों को बच्चों को पढ़ाने लायक तैयार करने का प्रयास कर रहा हैं।
जिले की 779 मिडिल स्कूलों में कक्षा 6 वीं में 18 हजार 562 बच्चे, कक्षा 7वीं में 21 हजार 302 बच्चे व कक्षा आठवीं में 25 हजार 430 बच्चे अध्यनरत हैं। इन बच्चों को शासकीय स्कूलों में एनसीआरटी के नवीन पाठयक्रम के तहत विज्ञान व गणित के विषय पढ़ाए जाने हैं। इसके लिए राज्य शिक्षा विभाग ने जिले के 665 विज्ञान के शिक्षक व 600 गणित विषय के शिक्षकों का चयन किया है।
इस आधार पर दक्ष किए जा रहे शिक्षक
चयनित शिक्षकों को दक्ष करने के लिए भोपाल में चार मास्टर ट्रेनर प्रशिक्षित किए गए है। अब ये मास्टर ट्रेनर गणित व विज्ञान विषय को पढ़ाने के लिए चयनित शिक्षकों को प्रशिक्षित कर रहे है। स्थानीय डाईट परिसर में सोमवार से पांच दिवसीय प्रशिक्षण शिविर इन शिक्षकों का प्रारंभ किया गया है। इसमें पहले दिन प्री टेस्ट लेने के साथ ही इसकी शुरुआत की गई है। वहीं प्रशिक्षण के पांचवे दिन इन शिक्षकों का पोस्ट टेस्ट भी लिया जाएगा।
शासकीय स्कूल में अध्यनर्‌त बच्चों को पढ़ाई में रुचि लेकर पढ़ने और उनके जीवन में उपयोगी आने वाले वस्तु विषय को ध्यान में रखकर एनसीईआरटी ने विज्ञान व गणित के विषय तैयार किए है। जिससे मिडिल स्कूल के बच्चें स्कूल से निकलने के बाद भी अर्जित किए हुए ज्ञान को ध्यान में रख सकेंगे। साथ ही शिक्षकों को भी इस बात को ध्यान में रखकर प्रशिक्षित किया जा रहा है कि शिक्षक क्लास रूप में प्रवेश करने के साथ ही सीधे पढ़ाना न शुरू कर क्लास का माहौल आनंदमय बनाएं फिर बच्चों को पढ़ाए जिससे बच्चे पढ़ाई को समझ सकेंगे और उसे अपने जीवन में उतार सकें।
मीडिल स्कूल में अध्यनर्‌त बच्चों को जीवन पर आधारित ज्ञान को पढ़ाने व समझाने के लिए एनसीआरटी ने विज्ञान व गणित के पाठयक्रम में बदलाव किए जिसके तहत अब कुछ इस तरह से बच्चों को समझाया जाएगा। विज्ञान विषय के तहत बस के टायर में हवा भरी होने व बस अधिक सवारी न होने की स्थिति में बस के टायर पानी में तैर सकते हैं। ऐसी स्थिति पुल व पुलिया के ऊपर से पानी बह रहा हो तो बस को रोक दिया जाना चाहिए। वहीं गणित विषय में जैसे एक पिता ने एक सेव लेकर आया और अपने चार बच्चों को काटकर खिला दिया है। ऐसी स्थिति में 01 बटा 04, 02 बटा चार, 03 बटा चार व 04 बटा चार ही होगा।
प्रायमरी में भी पाठयक्रम हुआ चेंज
एनसीईआरटी के तहत कक्षा 6 से लेकर 8 वीं तक गणित व विज्ञान विषय में बदलाव करने के साथ ही प्रायमरी स्कूल में भी बदलाव किया गया है। इसमें कक्षा तीसरी से लेकर पांचवी तक गणित व पर्यावरण विषय वस्तू में बदलाव किया गया है। इन विषयों को पढ़ाने के लिए अगस्त के बाद विकासखंड स्तर पर शिक्षकों को प्रशिक्षत किया जाएगा।
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वर्तमान समय में तकनीकी क्षेत्र को देखते हुए शासकीय स्कूल के बच्चों को सक्षम बनाने के लिए पाठयक्रम में बदलाव किए गए हैं। इसके लिए शिक्षकों को प्रशिक्षित किया जा रहा है। प्रशिक्षण पूर्ण होने के बाद ये शिक्षक नवीन पाठयक्रम को स्कूल के बच्चों को पढाएंगे।
-आरएल, भलावी, प्राचार्य, डाईट।

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